हरियाणा
ऊर्जा के संरक्षण पर सरकार देगी लाखों के पुरस्कार

करनाल, 31 मई । 
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, हरियाणा सरकार एवं हरियाणा नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (हरेडा) की ओर से अलग-अलग वर्ग के उपभोक्ताओं जिन्होंने सत्र 2016-17 के दौरान बिजली, ईंधन की बचत के लिए अपनी सम्बन्धित इकाइयों, भवनों में विभिन्न ऊर्जा संरक्षण उपायों को अपनाने में उत्कृष्टता हासिल की है। उनको विभाग द्वारा राज्य स्तरीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार दिया जाना है। इसके लिए हरियाणा के सभी जिलों से आवेदन लिए जाएंगे।
बृहस्पतिवार को अतिरिक्त उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि विभाग द्वारा औद्योगिक इकाइयों के लिए कुल लोड एक मेगावॉट या इससे अधिक पर प्रथम पुरस्कार 3 लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार 2 लाख रुपये तथा कुल लोड एक मेगावॉट से कम होने पर प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये तथा द्वितीय पुरस्कार 1 लाख रुपये निर्धारित किया गया है। इसी तरह वाणिज्यिक भवन, शॉपिंग मॉल, प्लाजा, होटल,अस्पताल, रिजॉर्ट आदि श्रेणी के लिए कुल लोड एक मेगावॉट या इससे अधिक होने पर प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार एक लाख रुपये तथा कुल लोड़ एक मेगावॉट से कम होने पर प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपये तथा द्वितीय पुरस्कार 50 हजार रुपये निर्धारित किया गया है। सरकारी भवन या कार्यालय श्रेणी हेतु यहीं पुरस्कार राशि एलईडी, ग्रीन बिल्डिंग, गृहा रेटड या ईसीबीसी अनुसार भवन 5000 वर्ग फुट क्षेत्र वाले सरकारी भवन व कार्यालय जिनका कुल लोड 500 किलोवॉट से अधिक है उनके लिए प्रथम पुरस्कार 2 लाख तथा द्वितीय पुरस्कार एक लाख रुपये निर्धारित है। वहीं एलईडी, ग्रीन बिल्डिंग इत्यादि में कुल लोड 500 किलोवॉट से कम श्रेणी पर प्रथम पुरस्कार 1 लाख रुपये तथा द्वितीय 50 हजार रुपये निर्धारित किया गया है।
ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार श्रेणी में संस्थान, संगठन व रिहायशी भवन श्रेणी में संस्थान एवं संगठन जैसे स्कूल, महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षिणक संस्थान इत्यादि जहां कुल लोड 30 किलोवाट से अधिक हो उनमें प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये द्वितीय एक लाख रूपये तथा 10 किलोवाट से अधिक लोड धारक आवसीय भवन सोसायटी के लिए 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। वहीं पांचवी श्रेणी नवोत्थान, नई तकनीकें, नवोत्थान एवं प्रचार के साथ आर.एण्ड.डी. परियोजनाएं, ऊर्जा संरक्षण में अनुसंधान एवं नवाचार, ऊर्जा दक्षता, अपशिष्ट उर्जा एवं नवीनीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपये तथा द्वितीय पुरस्कार एक लाख रुपये निर्धारित किया गया है।
चौथा खंभा न्यूज़ .com / नसीब सैनी/अभिषेक मेहरा
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चौटाला की जल्द रिहाई की अर्जी पर नए सिरे से विचार करे दिल्ली सरकारः हाई कोर्ट
—अमित साहनी ने कहा था कि चौटाला को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दस साल की सजा मिली है। उन्होंने कहा कि चौटाला की उम्र 83 वर्ष हो चुकी है और वे अप्रैल 2013 तक 60 फीसदी स्थायी दिव्यांगता है


नई दिल्ली,(नसीब सैनी)।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की जल्द रिहाई की मांग करने वाली अर्जी पर नए सिरे से विचार करे। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के पहले के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें उसने चौटाला की समय पूर्व रिहाई की मांग को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने इस मामले पर पिछले 26 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

चौटाला ने उम्र और ख़राब सेहत का हवाला दे कर समय से पहले रिहाई की गुहार लगाई थी।चौटाला ने केंद्र सरकार के उस नोटिफिकेशन का हवाला दिया था जिसमें 60 वर्ष के ऊपर के पुरुष कैदियों की रिहाई की बात कही गई है।

चौटाला की ओर से कहा गया था कि केंद्र सरकार के विशेष माफी संबंधी नोटिफिकेशन के तहत 60 साल के ऊपर के पुरुष कैदियों, 55 साल के ऊपर की महिला और ट्रांसजेंडर कैदियों की रिहाई की बात कही गई है जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 70 फीसदी से ज्यादा उन दिव्यांगों की भी रिहाई की जा सकती है जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है।

अमित साहनी ने कहा था कि चौटाला को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दस साल की सजा मिली है। उन्होंने कहा कि चौटाला की उम्र 83 वर्ष हो चुकी है और वे अप्रैल 2013 तक 60 फीसदी स्थायी दिव्यांगता है। उसके बाद जून 2013 में उन्हें पेसमेकर लगाया गया जिसके बाद वे 70 फीसदी दिव्यांगता के शिकार हैं। इसलिए नोटिफिकेशन के मुताबिक वे दो वर्गों में रिहाई के हकदार हैं।

चौटाला जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स की भर्ती के घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद दस साल की कैद की सजा काट रहे हैं । उनके साथ ही उनके पुत्र अजय चौटाला और तीन अन्य दोषी भी दस साल कैद की सजा काट रहे हैं ।
नसीब सैनी
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करनाल : भ्रष्टाचार के आरोप में तहसीलदार सहित चार अधिकारी निलंबित
-मुख्यमंत्री ने करनाल तहसील का औचक निरीक्षण कर दिए आदेश


चंडीगढ़,(नसीब सैनी)।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को करनाल तहसील कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के आरोप में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, रजिस्टरी क्लर्क एवं पटरवारी को निलंबित करने के आदेश दिए।

सोमवार दोपहर बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री को कार्यालय में काफी खामियां मिलीं। खासकर तहसीलदार, नायब तहसीलदार व रजिस्टरी क्लर्क द्वारा रजिस्टरी की एवज में पैसे मांगने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कड़ा संज्ञान लिया। निरीक्षण के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि 27 नवम्बर की रजिस्टरी भी आरसी की टेबल पर ही पड़ी थी, जबकि ई-रजिस्ट्रेशन के चलते उसी दिन रजिस्टरी की प्रक्रिया पूरी होती है। इसको देखकर मुख्यमंत्री ने तुरंत तहसीलदार कारण पूछा लेकिन तहसीलदार कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। बताया जा रहा है कि निगम पार्षद रामंचद्र व एक अन्य से तहसील कार्यालय में रजिस्टरी की एवज में पैसे की डिमांड की गई थी। भ्रष्टाचार व रजिस्टरी कार्य में अनियमितताएं पाए जाने पर मुख्यमंत्री ने तहसीलदार रविंद्र, नायब तहसीलदार हवा सिंह, रजिस्टरी क्लर्क राजबीर व पटवारी सलमा को निलंबित करने के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि तहसील कार्यालयों में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से ई-रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की गई है। शाम पांच बजे के बाद रजिस्टरी किए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दिनभर में 90 टोकन दिए जाते हैं। 90 टोकनों की उसी दिन रजिस्टरी करना अनिवार्य है, चाहे वह पांच बजे तो या फिर नौ बजे तक। प्रति रजिस्टरी एक प्रतिशत तहसीलदार की फीस पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह भ्रष्टाचार की श्रेणी में है, इस पर जल्द संज्ञान लिया जाएगा।
तहसीलदार रविंद्र ने कहा कि पंजीकृत रजिस्टरी की डिलीवरी हो चुकी थी। सर्वर डाउन होने के कारण यह वह रजिस्टरी नहीं निकल पाई। उनके कार्यालय की ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। निलंबित होने के सवाल पर तहसीलदार ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से मिलेंगे और अपना पक्ष रखेंगे।
नसीब सैनी
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हरियाणा ने किया निर्भया फण्ड का 32 प्रतिसत यूज
–इस सिलसिले में, देशभर में निर्भया फंड के इस्तेमाल का आंकड़ा सिर्फ 11 फीसदी है, जबकि हरियाणा ने 32 फीसदी फंड का उपयोग किया है।


पंचकूला,(नसीब सैनी)।
हरियाणा पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित परियोजनाओं को लागू करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा आवंटित किए गए निर्भया फंड के इस्तेमाल में शीर्ष पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपनी जगह बनाई है। देशभर में निर्भया फंड के इस्तेमाल का आंकड़ा सिर्फ 11 फीसदी है, जबकि हरियाणा ने 32 फीसदी फंड का उपयोग किया है। मिजोरम (50 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (43 प्रतिशत) और नागालैंड (39 प्रतिशत) के पास हरियाणा की तुलना में बेहतर उपयोग के आंकडे हैं।

हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने शुक्रवार को पंचकूला में यह जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा पुलिस को आवंटित किए गए कुल 13 करोड़ 66 लाख रुपये में से 4 करोड़ 46 लाख रुपये की राशि का इस्तेमाल महिला सुरक्षा को बढ़ावा देने संबंधी विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने के लिए किया गया है। उन्होनें बताया कि 9 करोड़ 20 लाख रुपये की शेष राशि हरियाणा की डायल 100 योजना के एक भाग के रूप में महिलाओं के लिए ‘एमरजैंसी रिस्पोंस स्र्पोट स्कीम‘ को लागू करने के लिए निर्धारित की गई है। इस राशि का उपयोग चालू वर्ष के दौरान डायल 100 योजना के क्रियान्वयन के दौरान किया जाना प्रस्तावित है।

इस सिलसिले में, देशभर में निर्भया फंड के इस्तेमाल का आंकड़ा सिर्फ 11 फीसदी है, जबकि हरियाणा ने 32 फीसदी फंड का उपयोग किया है।

निर्भया फंड को लेकर केवल उत्तराखंड और मिजोरम (50 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (43 प्रतिशत) और नागालैंड (39 प्रतिशत) के पास हरियाणा की तुलना में बेहतर उपयोग के आंकडे हैं। प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा पुलिस महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और जल्द ही सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक परिवहन और कार्यस्थलों पर महिलाओं के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाने के उद्देश्य से कई पहल और परियोजनाएं लेकर आएगी।
नसीब सैनी
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