गुजरात
जेटली का दावा, मोदी को हराने के लिए कांग्रेस ने लिया था ‘आतंक’ का सहारा

अहमदाबाद। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए कांग्रेस ने आतंकवादी संगठनों को इस्तेमाल किया था। हालांकि, इस आरोप के बाद कांग्रेस की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है। जेटली ने कहा कि कांग्रेस गुजरात में अनोखा प्रचार अभियान चलाते हुए विकास का मजाक उड़ा रही है और जातिवाद का जहर फैला रही है। जेटली ने कहा कि गुजरात में पिछले तीन चुनावों के दौरान कांग्रेस ने एक व्यक्ति (नरेंद्र मोदी) को निशाना बनाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, गुजरात के 2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेसी नेताओं ने पूरी सरकारी मशीनरी झोंक दी, सीबीआई का दुरुपयोग किया और आतंकवादियों के रूप में राष्ट्रविरोधी तत्वों का इस्तेमाल किया। लेकिन इस बार मैं देख रहा हूं कि स्थिति बिल्कुल अजीब है।
जेटली ने कहा कि पहली बार न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में एक राजनीतिक दल विकास को बुरा बताते हुए प्रचार कर रहा है। विकास और जीएसटी का मजाक उड़ाने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को इन विषयों की जानकारी ही नहीं है। कांग्रेस के प्रचार अभियान में ‘विकास गंडो थायो छे (विकास पागल हो गया है)’ का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि विकास गरीबी से लड़ता है, पिछड़ेपन से लड़ता है लेकिन वे इसका मजाक उड़ा रहे हैं।

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सूचना आयोगों में खाली पड़े पदों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें केंद्र और 9 राज्य : सुप्रीम कोर्ट
—पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल और कर्नाटक सरकार को निर्देश


नई दिल्ली,(नसीब सैनी)।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों में खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और 9 राज्य सरकारों को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

याचिका आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश के बावजूद केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों में खाली पड़े पदों को नहीं भरा गया है। अंजलि भारद्वाज की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों का चयन भी नहीं किया है।
दरअसल, दिसम्बर 2018 में केंद्र सरकार ने कहा था कि केंद्रीय सूचना आयोग में खाली पद जल्द ही भर लिए जाएंगे। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसे केंद्रीय सूचना आयुक्त के लिए 65 और सूचना आयुक्तों के लिए 280 आवेदन मिले हैं। योग्य नामों का चयन कर लिया गया है।

केंद्र सरकार ने कहा कि इस बारे में जल्द ही अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि वो आवेदकों के नाम, सेलेक्शन का पैमाना और सर्च कमेटी का ब्यौरा कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की वेबसाइट पर डालें।
पहले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल और कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया था कि वे केंद्रीय और राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए उठाए गए कदम पर प्रगति रिपोर्ट दाखिल करें।

सूचना का अधिकार कानून के तहत सूचना आयोग पाने संबंधी मामलों के लिए सबसे बड़ा और आखिरी संस्थान है। हालांकि सूचना आयोग के फैसले को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। सबसे पहले आवेदक सरकारी विभाग के लोक सूचना अधिकारी के पास आवेदन करता है। अगर 30 दिनों में वहां से जवाब नही मिलता है तो आवेदक प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास अपना आवेदन भेजता है।
नसीब सैनी
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कमलेश तिवारी हत्याकांड: मुख्यमंत्री को बुलाने पर अड़े परिजन, अंतिम संस्कार करने से किया इनकार
—बिजनौर से दो गिरफ्तार, गुजरात से छह संदिग्ध हिरासत में


लखनऊ,(नसीब सैनी)।
हिंदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड पर बवाल बढ़ता जा रहा है। शनिवार को परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया और मुख्यमंत्री के आने व एसएसपी को निलंबित करने पर अड़े रहे। परिजनों का आरोप है कि इसमें पुलिस लीपापोती कर रही है। हत्याकांड में बिजनौर जनपद से दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है, जबकि गुजरात के सूरत से छह संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है। हालांकि पुलिस महकमे के अधिकारी गिरफ्तारी को लेकर कुछ बोल नहीं रहे हैं।

कमलेश की मां ने कहा कि परिवार के दो सदस्यों को नौकरी दी जाय और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद यहां आएं। जब तक वे यहां नहीं आते, तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। वहीं मृतक कमलेश तिवारी की पत्नी ने भी मांगे न माने जाने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है। उधर पुलिस ने कमलेश तिवारी हत्याकांड में बिजनौर से दो मौलाना गिरफ्तार किए हैं। इनमें मौलाना अनवारुल हक और मौलाना नईम कासनी को गिरफ्तार किया है।

गौरतलब है कि अनवारूल हक ने चार दिसम्बर 2015 को बिजनौर में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने प्रदर्शन के दौरान कमलेश तिवारी का सिर कलम करने वाले को 51 लाख रुपये का इनाम देने का एलान किया था, जबकि किरतपुर क्षेत्र के गांव भनेड़ा के मुफ्ती नईम कासमी ने भी कमलेश तिवारी का सिर कलम करने वाले को करोड़ों रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। वहीं, गुजरात के सूरत से भी पुलिस ने छह संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया और पूछताछ की जा रही है। इन छह लोगों मे से एक की भूमिका हत्याकांड में संदिग्ध बताई जा रही है।

लखनऊ के नाका के खुर्शीदबाग में रहने वाले हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी (50) की दो बदमाशों ने शुक्रवार दोपहर को हत्या कर दी थी। दोनों बदमाश मिठाई के डिब्बे में पिस्टल व चाकू छिपाकर कमलेश के घर की पहली मंजिल पर स्थित दफ्तर पहुंचे। वहां उन्होंने पहले उनकी गर्दन पर गोली मारी। फिर चाकू से ताबड़तोड़ वार करने के बाद गला रेत दिया। हत्या की वारदात से अफसरों में हड़कंप मच गया। हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं में उबाल आ गया। हजारों लोग सड़क पर निकल आए और अमीनाबाद के बाजार बंद कराकर पुलिस-प्रशासन व सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे।
नसीब सैनी
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कमलेश तिवारी का शव महमूदाबाद पहुंचा, परिजनों का अंतिम संस्कार से इंकार
—-उल्लेखनीय है कि कमलेश तिवारी हत्याकांड में सूरत (गुजरात) में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है


सीतापुर,(नसीब सैनी)।
आईएसआईएस के निशाने में रहे प्रखर हिंदूवादी नेता और हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी का शव शनिवार तड़के 3ः30 बजे लखनऊ से उनके पैतृक जनपद के महमूदाबाद पहुंच गया। परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया है। वह तिवारी को राष्ट्रीय सम्मान, मुआवजा और दोनों बच्चों को सरकारी नौकरी देने की मांग पर अड़े हुए हैं। अधिकारी भी मौजूद हैं। सीतापुर के डीएम अखिलेश तिवारी और एसपी एलआर कुमार फिलहाल परिजनों से बातचीत कर रहे हैं। इनके अलावा एडीएम और दो एएसपी भी यहां मौजूद हैं।

उल्लेखनीय है कि कमलेश तिवारी हत्याकांड में सूरत (गुजरात) में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। तिवारी के सिर पर 51 लाख रुपये का इनाम घोषित करने वाले मौलाना अनवरुल हक को बिजनौर से गिरफ्तार किया गया है। कमलेश तिवारी की पत्नी किरन ने शुक्रवार देरशाम अनवरुल समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ हत्या के लिए उकसाने और षणयंत्र रचने के जुर्म में मुकदमा दर्ज कराया था। किरन का आरोप है कि उनके पति कमलेश तिवारी की हत्या बिजनौर के मौलाना अनुवारुल हक और मोहम्मद मुफ्ती नमीम काजमी ने डेढ़ करोड़ रुपये की सुपारी देकर करवाई है।

तिवारी आतंकियों के निशाने पर रहे हैं। 25 अक्टूबर 2017 को सूरत में गिरफ्तार मोहम्मद कासिम और उबेद अहमद मिर्जा ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया था कि उन लोगों के हैंडलर ने उन्हें कमलेश तिवारी का वह वीडियो दिखाया था, जिसमें वह पैगम्बर मोहम्मद पर अमर्यादित बयान दे रहा था। हैंडलर ने कहा था कि हमें इसे मारना है। उधर, कमलेश तिवारी हत्याकांड में इस्तेमाल मिठाई का डिब्बा 16 अक्टूबर को सूरत की मिठाई के दुकान से खरीदा गया था।
नसीब सैनी
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