पछिम बंगाल
पहली बार सीएम को किया आमंत्रित,विश्व भारती यूनिवर्सिटी ने तोड़ी परंपरा,
25 मई, पश्चिम बंगाल
परंपरा को तोड़ते हुए विश्व भारती विश्वविद्यालय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शुक्रवार को होने वाले दीक्षांत समारोह में आमंत्रित किया है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी हिस्सा लेंगी। 1970 में सिद्धार्थ शंकर रे के बाद यह पहली बार है जब बंगाल का कोई मुख्यमंत्री दीक्षांत समारोह में शामिल होगा। हालांकि उस समय रे को मंच पर आमंत्रित नहीं किया गया था।
विश्वविद्यालय में होने वाले दीक्षांत समारोह में लगभग 10,000 स्नातकोत्तर और 1,000 पीएचडी छात्रों को डिग्री प्रदान की जाएगी। शांतिनिकेतन बेस्ड विश्विद्यालय के कार्यकारी उप-कुलपति साबुजीकली सेन ने कहा, आमतौर पर कुलपति, उप-कुलपति और रेक्टर दीक्षांत समारोह के दौरान मंच पर उपस्थित रहते हैं। स्वर्गीय सिद्धार्थ शंकर रे पश्चिम बंगाल के पहले मुख्यमंत्री थे जिन्होंने 1975 और 1976 में इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ मंच साझा करेंगी। इस मौके पर विश्विद्यालय के रेक्टर और राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी भी मौजूद रहेंगे।
शांतिनिकेतन पहुंचने पर ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं इस बात से अनभिज्ञ थी कि मैं मंचासीन होने वाली बंगाल की पहली सीएम हूं।’ विश्व भारती अकेला ऐसा केंद्रीय विश्वविद्यालय है जिसके कुलपति खुद देश के प्रधानमंत्री होते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आखिरी बार साल 2008 में दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया था। उप-कुलपति ने कहा, ‘कुछ कारणों की वजह से पिछले पांच सालों से दीक्षांत समारोह नहीं हो रहा था।’ दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने के बाद ममता और दोनों प्रधानमंत्री कैंपस में बने बांग्लादेश भवन का उद्घाटन करेंगे।
चौथा खंभा न्यूज़ .com / नसीब सैनी/अभिषेक मेहरा


कोलकाता,(नसीब सैनी)।
पश्चिम बंगाल में संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ आंदोलन ठंडा पड़ गया। बुधवार अपराह्न हिंसा की कोई ताजा घटना सामने नहीं आई। इससे कहा जा सकता है कि शुक्रवार से शुरू हिंसक विरोध प्रदर्शन छठे दिन बुधवार को खत्म हो गया।

माना जा रहा है कि अब पश्चिम बंगाल में ट्रेन सेवाएं सामान्य हो जाएंगी। मंगलवार रात हावड़ा जिले के उलूबेरिया में प्रदर्शनकारियों ने एक आईपीएस अधिकारी को निशाना बनाकर बमों से हमला किया। उसमें अधिकारी समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। बुधवार सुबह से अपराह्न 1:00 बजे तक पूरे राज्य में कहीं से भी प्रदर्शन की सूचना नहीं है। राज्य में 13 दिसम्बर से विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 354 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है।
नसीब सैनी
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कोलकाता में भी हिंसक प्रदर्शन की आशंका, अधिकारियों की छुट्टियां रद्द
—प्रत्येक प्रशासनिक विभाग में हैवी रेडियो फ्लाइंग स्क्वाड को रखा गया है


कोलकाता,(नसीब सैनी)।
नागरिकता संशोधन कानून और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ अब राजधानी कोलकाता में भी हिंसक विरोध प्रदर्शन की आशंका प्रबल हो गई है। इसे देखते हुए लालबाजार पुलिस मुख्यालय से एक खास निर्देश जारी किया है। इसमें सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की गैरजरूरी छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही महानगर के सभी 10 प्रशासनिक विभागों के उपायुक्तों और अन्य अधिकारियों को विशेष तौर पर सतर्कता बरतने को कहा गया है। कोलकाता पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा ने सभी विभागों के डीसी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने अपने क्षेत्रों में सूचना तंत्र को विशेष तौर पर मजबूत बनाएं ताकि किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन की योजना को पहले ही विफल किया जा सके। शहर के सभी प्रशासनिक विभागों में रिजर्व पुलिस बल को अलर्ट पर रखा गया है।

प्रत्येक प्रशासनिक विभाग में हैवी रेडियो फ्लाइंग स्क्वाड को रखा गया है। सभी थानों के प्रभारियों को निर्देश दे दिया गया है कि वह अपने अपने क्षेत्रों के सभी समुदायों के प्रतिनिधियों से लगातार संपर्क रखें और बैठक करें। कोलकाता पुलिस की कोशिश है कि महानगर में किसी भी तरह का प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही उसके बारे में भनक लगते ही रोक लिया जाए। इसके मद्देनजर दिन-रात पुलिस के गश्ती दल लगातार गश्ती लगाने में जुट गए हैं। कहा गया है किसी भी तरह से कोलकाता में हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस को इस निर्देश के साथ तैयार रहने को भी कहा गया है। जो लोग भी छुट्टी के लिए आवेदन कर चुके हैं, उन्हें कहा गया है कि अगर अति आवश्यक ना हो तो हालात को समझते हुए वे अपनी छुट्टियां रद्द कर दें।
नसीब सैनी
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नागरिकता संशोधन कानून : बंगाल में चौथे दिन भी जारी है विरोध प्रदर्शन
–उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ गत शुक्रवार से ही विरोध प्रदर्शन और हंगामे की शुरुआत हो गई थी, जो शनिवार और रविवार तक जारी थी


कोलकाता,(नसीब सैनी)।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चौथे दिन यानी सोमवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी है। सोमवार सुबह के समय सियालदह दक्षिण शाखा में लोगों ने रेलवे पटरी पर बैठकर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। झंडा बैनर पोस्टर लेकर इन लोगों ने ट्रेनों की आवाजाही रोक दी। इसकी वजह से यात्रियों को परेशानी में पड़ना पड़ा है।

नारेबाजी कर रहे लोगों ने हल्दिया लोकल को रोक दिया था जिसके कारण करीब 2 घंटे तक पूरे रूट में लोकल ट्रेनें बंद थीं। एक्सप्रेस ट्रेनों को भी रोक देना पड़ा था। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की टीम ने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझा-बुझाकर वहां से हटाया। उसके बाद ट्रेन सेवाएं सामान्य हो सकीं। हालांकि रुक-रुककर विरोध प्रदर्शन शुरू हो जा रहा है। इसके कारण लोग परेशानी में पड़ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ गत शुक्रवार से ही विरोध प्रदर्शन और हंगामे की शुरुआत हो गई थी, जो शनिवार और रविवार तक जारी थी। 3 दिनों तक लगातार आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसक प्रदर्शन हुआ है। राज्य के 6 जिलों में पश्चिम बंगाल सरकार ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चेतावनी दी है कि जो लोग भी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। हालांकि विरोध प्रदर्शन नहीं थम रहा है।
नसीब सैनी
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