क्राइम
भाई की तस्वीर दिखाकर युवती से शादी करने का आरोप
कोरबा 28 अप्रैल

रामपुर चौकी क्षेत्रांतर्गत रामपुर बस्ती में अजीबो-गरीब मामला प्रकाश में आया है। फिल्मों की कहानी की तरह सामने आए इस मामले में छोटे भाई की तस्वीर दिखाकर शादीशुदा बड़े भाई से युवती की शादी कराई जा रही थी। मगर शादी समारोह में फोटो सेशन के समय दूल्हे पक्ष का राज खुल गया।
दुल्हन पक्ष ने पहले बारात की जमकर खातिरदारी की और फिर रामपुर पुलिस को इसकी सूचना दी। रामपुर पुलिस ने बारात में शामिल कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया। दुल्हा व उसके बड़े भाई को भी पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार बालको थाना अंतर्गत परसाभांठा दुर्गा पंडाल के पास निवासरत कृष्णा साहू के 24 वर्षीय पुत्र दिनेश साहू उर्फ मोनू का विवाह रामपुर बस्ती में रहने वाले एक सजातीय परिवार के पुत्री के साथ तय हुआ था। डेढ़ माह पूर्व दोनों परिवारों ने सगाई की रस्म पूरी की थी। दुल्हन के पिता का कहना है कि उसने तिलक के रूप में लड़के पक्ष को 1 लाख 10 हजार रुपए दिया था। शुक्रवार को रामपुर बस्ती में बारात आने वाली थी। इसकी तैयारी लड़की पक्ष ने पूर्ण कर ली थी। कल रात्रि लगभग 9:30 बजे बारात रामपुर बस्ती स्थित सामुदायिक भवन पहुंची। लड़की पक्ष बारातियों का स्वागत करने सामुदायिक भवन पहुंचे। अनुमान से कम बारातियों को देखकर लड़की पक्ष के लोगों को आभास हुआ कि कुछ ना कुछ गड़बड़ है। लड़की पक्ष ने विवाह से पहले ही लड़के पक्ष के परिजनों से बारातियों के बेहतर सत्कार को लेकर बाराती संख्या की जानकारी ली थी।जिसपर वर पक्ष द्वारा बताया गया कि 70 से 80 बाराती आएंगे। लड़की के पिता द्वारा लगभग 100 बारातियों का इंतजाम किया गया था। बारात में शामिल होने के लिए केवल 8 से 10 लोग ही पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि दूल्हे के बड़े भाई रंजीत साहू उम्र 32 वर्ष ने कुछ दिन पूर्व ही कांशी नगर में किराए का मकान लिया था। कांशी नगर में ही शादी समारोह चल रहा था।छोटे भाई दिनेश साहू उर्फ मोनू का नाम शादी कार्ड में छपा था लेकिन दिनेश की जगह में रंजीत शादी करने के लिए पहुंचा। जबकि दुल्हा दिनेश घर में मौजूद था। उसे घटना की पूरी जानकारी होने की बात कही जा रही है। इसके बावजूद वह इस बात को अपने तक ही छिपाकर रखा था। चर्चा है कि बड़ा भाई रंजीत पहले से शादीशुदा है। 4-5 वर्ष पूर्व रंजीत का विवाह बिहार में रहने वाली एक युवती से हुआ था। रंजीत की एक पुत्री है। कुछ वर्ष पूर्व रंजीत की पत्नी ने उसे छोड़ दिया। रंजीत बालको प्लांट में ठेका श्रमिक के रूप में कार्य करता है। वह अपने परिजनों को शादी में नहीं ले गया। केवल प्लांट में कार्य करने वाले कुछ सहयोगियों को परिजन बनाकर पहुंचा था। उसका एक दोस्त ही उसका जीजा बनकर बारात में शामिल हुए था। छोटा भाई दिनेश वर्तमान में पढ़ाई कर रहा है। जब उससे इसकी जानकारी ली गई तो उसने बताया कि उसके बड़े भाई रंजीत साहू ने घर में रहने की बात कही थी। इस वजह से वह घर में रह गया। बारात में शामिल हुए अन्य सहयोगियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वहीं दिनेश साहू को भी उसके घर से पूछताछ के लिए चौकी लाया गया। घटना के संबंध में रामपुर चौकी पुलिस से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि लड़की पक्ष के बयान के आधार पर मामला दर्ज किया जाएगा। यदि वर – वधु पक्ष के बीच का समझौता हो जाएगा तो दिनेश के बड़े भाई रंजीत साहू के खिलाफ अपराध दर्ज नहीं किया जा सकता है। समझौता न होने की स्थिति में दिनेश व रंजीत सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है।
चौथा खंभा न्यूज़ .com / नसीब सैनी/अभिषेक मेहरा
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रॉबर्ट वाड्रा की गिरफ्तारी पर 5 फरवरी तक जारी रहेगी रोक
—हाईकोर्ट जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की कोर्ट ने अधिवक्ता भंवरसिंह मेड़तिया के निधन के बाद कोर्ट में 3.45 बजे रेफरेंस के आयोजन का हवाला देते हुए सुनवाई आगामी 5 फरवरी को नियत करने का आदेश दिया


जोधपुर,(नसीब सैनी)।
रॉबर्ट वाड्रा के बीकानेर के कोलायत फायरिंग रेंज में 275 बीघा जमीन खरीद-फरोख्त और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े हाई प्रोफाइल मामले में स्काइलाइट प्राइवेट हॉस्पिटलिटी और बिचौलिये महेश नागर की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई समयाभाव के चलते टल गई। अब इस मामले में आगामी 5 फरवरी को फिर सुनवाई होगी। तब तक वाड्रा की गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी।

रॉबर्ट वाड्रा व मौरीन वाड्रा से जुड़े मामले में स्काईलाइट प्राइवेट हॉस्पिटलिटी व महेश नागर की याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट में जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की कोर्ट में सुनवाई होनी थी लेकिन समयाभाव के चलते मामले में सुनवाई टल गई। ईडी की ओर से पक्ष रखते हुए एएसजी राज दीपक रस्तोगी ने कोर्ट से आग्रह किया कि इस मामले में आज अंतिम बहस शुरू कर दी जाए।

हाईकोर्ट जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की कोर्ट ने अधिवक्ता भंवरसिंह मेड़तिया के निधन के बाद कोर्ट में 3.45 बजे रेफरेंस के आयोजन का हवाला देते हुए सुनवाई आगामी 5 फरवरी को नियत करने का आदेश दिया। एएसजी राज दीपक रस्तोगी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में विगत 20 पेशियों से आगे तारीख दी जा रही है और वह आशा करते हैं कि आगामी 5 फरवरी को इस मामले में अंतिम बहस शुरू कर दी जाएगी। साथ ही कोर्ट के संज्ञान में लाया गया कि पूर्व में महेश नागर के मामले में रॉबर्ट वाड्रा व मौरीन वाड्रा के खिलाफ नो-कोर्सिव एक्शन का आदेश जारी हो चुका है, जिसके खिलाफ उनकी ओर से एक अर्जी पेश की गई है। उसका निस्तारण भी होना बाकी है। अब इस मामले में आगामी 5 फरवरी को फिर सुनवाई होगी। बुधवार को सुनवाई के दौरान रॉबर्ट वाड्रा व मौरीन वाड्रा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी कोर्ट में मौजूद रहे।

गौरतलब है कि यह मामला बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में 275 बीघा जमीन की खरीद फरोख्त से जुड़ा है। इस सौदे की ईडी जांच चल रही है। इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा ने अपने पार्टनर मौरीन वाड्रा को एक चेक दिया था। इस चेक द्वारा बिचौलिये महेश नागर ने अपने ड्राइवर के नाम जमीन खरीदकर इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया है, जो जांच का विषय है। इस पर पूर्व में कोर्ट ने राबर्ट वाड्रा को जांच में सहयोग करने के लिए ईडी के सामने पेश होने एवं गिरफ्तारी पर रोक के अंतरिम आदेश दिए थे। वाड्रा की गिरफ्तारी पर रोक आगामी 5 फरवरी तक जारी रहेगी।
नसीब सैनी
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बिजनौर कोर्ट शूटकांड : हाईकोर्ट ने डीजीपी और अपर मुख्य सचिव (गृह) को किया तलब
—दरअसल, बिजनौर में 28 मई को नजीबाबाद में हुई बसपा नेता हाजी अहसान व उनके भांजे शादाब की हत्या के मुख्य अभियुक्त कुख्यात बदमाश शाहनवाज और उसके साथी जब्बार को पेशी के लिए मंगलवार को दिल्ली पुलिस सीजेएम कोर्ट लायी थी


प्रयागराज,(नसीब सैनी)।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को बिजनौर सीजीएम कोर्ट में हुए हत्याकांड को संज्ञान में लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव (गृह) को 20 दिसम्बर को तलब किया है। कोर्ट ने कहा है कि जब वह आयें तो सरकार की ओर से न्यायालय की सुरक्षा को लेकर क्या इंतजाम किया गया है, इसके बारे में कोर्ट को बताएं। जस्टिस सुधीर अग्रवाल व जस्टिस सुनीत कुमार की विशेष खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए पूछा है कि इस घटना के बाद अब आने वाले दिनों में न्यायालय परिसर की सुरक्षा के लिए उनके पास क्या इंतजाम हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर उनके स्तर पर न्यायालय में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था नहीं दी जा सकती तो इसके लिए केंद्र सरकार से बात की जाए।

दरअसल, बिजनौर में 28 मई को नजीबाबाद में हुई बसपा नेता हाजी अहसान व उनके भांजे शादाब की हत्या के मुख्य अभियुक्त कुख्यात बदमाश शाहनवाज और उसके साथी जब्बार को पेशी के लिए मंगलवार को दिल्ली पुलिस सीजेएम कोर्ट लायी थी। पेशी के दौरान परिसर में मौजूद मृतक हाजी अहसान की दूसरी पत्नी के पुत्र शाहिल खान ने अपने दो साथियों के संग सीजेएम कोर्ट के अंदर पिस्टलों से गोलियां बरसाकर मुख्य अभियुक्त शाहनवाज की हत्या कर दी। इसमें दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।

प्रत्यक्षदिर्शियों के मुताबिक सीजेएम योगेश कुमार ने मेज के पीछे छिपकर जान बचाई। शाहनवाज का साथी जब्बार कोर्ट से फरार हो गया। इस घटना से कोर्ट परिसर में हड़कम्प मच गया था। पुलिस की सतर्कता से तीनों आरोपितों को दबोच लिया गया था। इस मामले में एसपी संजीव त्यागी ने लापरवाही बरतने वाले चौकी प्रभारी समेत 18 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है।
नसीब सैनी
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निर्भया केस: दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज, फांसी की सजा बरकरार
—सुप्रीम कोर्ट ने कहा-पुनर्विचार याचिका में कोई नए तथ्य नहीं, इसलिए ख़ारिज होने योग्य


नई दिल्ली,(नसीब सैनी)।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप और हत्या के एक दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली बेंच ने अक्षय के लिए तय की गई फांसी की सजा पर मुहर लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि याचिका में वही दलीलें दी गईं हैं जो हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील में दी गईं थीं।

आज सुनवाई के दौरान अक्षय की ओर से वकील एपी सिंह ने कहा कि पीड़ित युवती का दोस्त पैसे लेकर मीडिया को इंटरव्यू दे रहा था, इसलिए उसकी गवाही विश्वसनीय नहीं है। तब जस्टिस भूषण ने कहा कि इसका इस मामले से क्या संबंध है। तब एपी सिंह ने रेयान इंटरनेशनल केस में स्कूल छात्र की हत्या का उदाहरण देते हुए कहा कि इस मामले में बेकसूर को फंसा दिया गया था। अगर सीबीआई की तफ्तीश नहीं होती तो सच सामने नहीं आता। इसलिए हमने इस केस में भी सीबीआई जैसी एजेंसी से जांच की मांग की थी। एपी सिंह ने तिहाड़ के पूर्व जेल अधिकारी सुनील गुप्ता की किताब का जिक्र किया जिसमें इस बात की संभावना व्यक्त की गई है कि राम सिंह की जेल में हत्या की गई थी। उन्होंने कहा कि यह नए तथ्य हैं, जिन पर कोर्ट को फिर से विचार करना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम लेखक की बातों पर नहीं जाना चाहते हैं। ये एक खतरनाक ट्रेंड होगा कि अगर लोगों ने ट्रायल के बाद किताबें लिखना शुरू कर दिया तो ये सही नहीं होगा। अगर कोर्ट ऐसी बातों पर ध्यान देने लगेगी तो इस बहस का कोई अंत न होगा ।

एपी सिंह ने अक्षय की ओर से बहस करते हुए कहा कि कलयुग में लोग केवल 60 साल तक जीते हैं जबकि दूसरे युग में और ज़्यादा जीते थे। दिल्ली में वायु प्रदूषण और पानी की गुणवक्ता बेहद खराब है, ऐसे में फांसी की सजा क्यों। एपी सिंह ने कहा कि पीड़ित युवती लगातार मॉर्फिन के नशे में थी तो उसका आखिरी बयान कैसे संभव हुआ। उससे समय-समय पर 3 बयान लिए गए जिनमें विरोधाभास है। इस पर कोर्ट ने कहा कि आप हमें ठोस बात बताएं कि हमारे फैसले में कमी क्या है? तब एपी सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी ने भी कहा था कि मौत की सजा उचित समाधान नहीं है। अपराधियों को पुनर्वास का मौका मिलना चाहिए। गरीब लोग अपने लिए सही से कानूनी उपाय नहीं कर पाते, इसलिए उन्हें मौत की सजा दी जाती है। मौत की सजा मानवाधिकारों का उल्लंघन है और ये भारत विरोधी संस्कृति का लक्षण है। इस पर जस्टिस भानुमति ने कहा कि आप ठोस व कानूनी तथ्य रखें और बताएं कि हमारे फैसले में क्या कमी थी और क्यों हमें पुनर्विचार करना चाहिए।

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने सभी दलीलों और सबूतों को परखने के बाद फांसी की सजा सुनाई है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी सही माना। यह अपराध इतना गंभीर है जिसे भगवान भी माफ़ नहीं कर सकता, इसके लिए सिर्फ़ फांसी की ही सजा हो सकती है। मेहता ने कहा कि ऐसे राक्षसों को पैदा कर ईश्वर भी शर्मसार होता होगा, इनसे कोई रहम नहीं होनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिस पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाई थी।9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश, पवन और विनय के रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगाई थी।
नसीब सैनी
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