हरियाणा
हरियाणा के पत्रकारों पर दर्ज करवाए जा रहे हैं फर्जी मामले।
फरीदाबाद: सिटी प्रेस क्लब एवं प्रेस क्लब फरीदाबाद की एक आपातकालीन बैठक आयोजित की गई ! जिसमें सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की एक महिला पदाधिकारी द्वारा पत्रकारों पर दर्ज करवाए गए मामले को लेकर बैठक की गई । बैठक की अध्यक्षता क्लब के प्रधान बिजेंद्र बंसल एवं प्रेस क्लब फरीदाबाद के अध्यक्ष अनिल जैन ने की जिसमें जिले के लगभग सभी संगठनों के पत्रकारों ने हिस्सा लिया। बैठक में कहा गया कि भाजपा की महिला विंग की जिला अध्यक्ष अनीता शर्मा ने जिस तरह से प्रदेश के सत्तारूढ़ दल के चंद राजनेताओं के साथ मिलकर पत्रकारों पर रातोंरात झूठा मुकदमा दर्ज करवाया है, वह वास्तव में निंदनीय है। पत्रकारों द्वारा इसका कड़ा विरोध जताया जा रहा है। इनका कहना था कि जहां लोगों की शिकायत पर पुलिस महीनों तक मुकदमा तो दूर कार्यवाही तक नहीं करती वहीं इस मामले में पुलिस द्वारा रातोंरात मुकदमा दर्ज कर दिया जो कि पुलिस पर दिये गए दबाव को दर्शाता है।
सिटी प्रेस क्लब एवं प्रेस क्लब फरीदाबाद ने इस मामले में सामूहिक बैठक आयोजित की। बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार जगत यानि मीडिया की आवाज को झूठे मुकदमे दर्ज करवाकर दबाने का प्रयास कर रही है, जिसकी सभी पत्रकार संगठन कड़ी आलोचना करते हैं। पत्रकारों पर मुकदमे दर्ज करने के विरोध में दोनों प्रेस क्लब ने सामूहिक निर्णय लिया है कि वह मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से मिलकर मुकदमे को रद्द करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौपेंगे। पत्रकारों ने कहा कि भाजपा सरकार को अपनी नीति में बदलाव लाना होगा और सहयोग की नीति अपनानी होगी अन्यथा कभी भी सरकार एवं मीडिया में टकराव की नौबत आ सकती है। पत्रकारों ने कहा कि यदि किसी को खबरों पर कोई भी आपत्ति थी तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन इस मामले में जिस तरह से पत्रकारों को दबाने के लिए सरकार एवं सत्ता का दुरुपयोग किया गया है उसकी वह सभी कड़ी निंदा करते हैं। यहां बता दें कि पिछले दिनों कुछ खबरों पर आपत्ति जताते हुए जिला महिला भाजपा की अध्यक्ष अनीता शर्मा की शिकायत पर सत्ताधारी दल के चंद राजनेताओं की शह पर कुछ पत्रकारों के खिलाफ गलत तरीके से मुकदमे दर्ज करवाए गए हैं। इसी मामले में शनिवार को फरीदाबाद के सभी पत्रकारों ने हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला से मुलाकात की। पत्रकारों द्वारा श्री बराला के समक्ष उनके साथी पत्रकारों पर मुकदमें दर्ज करवाने का कड़ा विरोध जताया गया। पत्रकारों के विरोध को देखते हुए इस मामले में एक कमेटी गठित की गई है जोकि दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद उपरोक्त विवाद का समाधान निकालेगी। अब देखना यह है कि सुशासन का राज अलापने वाली भाजपा सरकार इस मामले में क्या रुख अपनाती है।
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चौटाला की जल्द रिहाई की अर्जी पर नए सिरे से विचार करे दिल्ली सरकारः हाई कोर्ट
—अमित साहनी ने कहा था कि चौटाला को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दस साल की सजा मिली है। उन्होंने कहा कि चौटाला की उम्र 83 वर्ष हो चुकी है और वे अप्रैल 2013 तक 60 फीसदी स्थायी दिव्यांगता है


नई दिल्ली,(नसीब सैनी)।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की जल्द रिहाई की मांग करने वाली अर्जी पर नए सिरे से विचार करे। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के पहले के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें उसने चौटाला की समय पूर्व रिहाई की मांग को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने इस मामले पर पिछले 26 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

चौटाला ने उम्र और ख़राब सेहत का हवाला दे कर समय से पहले रिहाई की गुहार लगाई थी।चौटाला ने केंद्र सरकार के उस नोटिफिकेशन का हवाला दिया था जिसमें 60 वर्ष के ऊपर के पुरुष कैदियों की रिहाई की बात कही गई है।

चौटाला की ओर से कहा गया था कि केंद्र सरकार के विशेष माफी संबंधी नोटिफिकेशन के तहत 60 साल के ऊपर के पुरुष कैदियों, 55 साल के ऊपर की महिला और ट्रांसजेंडर कैदियों की रिहाई की बात कही गई है जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 70 फीसदी से ज्यादा उन दिव्यांगों की भी रिहाई की जा सकती है जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है।

अमित साहनी ने कहा था कि चौटाला को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दस साल की सजा मिली है। उन्होंने कहा कि चौटाला की उम्र 83 वर्ष हो चुकी है और वे अप्रैल 2013 तक 60 फीसदी स्थायी दिव्यांगता है। उसके बाद जून 2013 में उन्हें पेसमेकर लगाया गया जिसके बाद वे 70 फीसदी दिव्यांगता के शिकार हैं। इसलिए नोटिफिकेशन के मुताबिक वे दो वर्गों में रिहाई के हकदार हैं।

चौटाला जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स की भर्ती के घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद दस साल की कैद की सजा काट रहे हैं । उनके साथ ही उनके पुत्र अजय चौटाला और तीन अन्य दोषी भी दस साल कैद की सजा काट रहे हैं ।
नसीब सैनी
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करनाल : भ्रष्टाचार के आरोप में तहसीलदार सहित चार अधिकारी निलंबित
-मुख्यमंत्री ने करनाल तहसील का औचक निरीक्षण कर दिए आदेश


चंडीगढ़,(नसीब सैनी)।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को करनाल तहसील कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के आरोप में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, रजिस्टरी क्लर्क एवं पटरवारी को निलंबित करने के आदेश दिए।

सोमवार दोपहर बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री को कार्यालय में काफी खामियां मिलीं। खासकर तहसीलदार, नायब तहसीलदार व रजिस्टरी क्लर्क द्वारा रजिस्टरी की एवज में पैसे मांगने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कड़ा संज्ञान लिया। निरीक्षण के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि 27 नवम्बर की रजिस्टरी भी आरसी की टेबल पर ही पड़ी थी, जबकि ई-रजिस्ट्रेशन के चलते उसी दिन रजिस्टरी की प्रक्रिया पूरी होती है। इसको देखकर मुख्यमंत्री ने तुरंत तहसीलदार कारण पूछा लेकिन तहसीलदार कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। बताया जा रहा है कि निगम पार्षद रामंचद्र व एक अन्य से तहसील कार्यालय में रजिस्टरी की एवज में पैसे की डिमांड की गई थी। भ्रष्टाचार व रजिस्टरी कार्य में अनियमितताएं पाए जाने पर मुख्यमंत्री ने तहसीलदार रविंद्र, नायब तहसीलदार हवा सिंह, रजिस्टरी क्लर्क राजबीर व पटवारी सलमा को निलंबित करने के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि तहसील कार्यालयों में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से ई-रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की गई है। शाम पांच बजे के बाद रजिस्टरी किए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दिनभर में 90 टोकन दिए जाते हैं। 90 टोकनों की उसी दिन रजिस्टरी करना अनिवार्य है, चाहे वह पांच बजे तो या फिर नौ बजे तक। प्रति रजिस्टरी एक प्रतिशत तहसीलदार की फीस पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह भ्रष्टाचार की श्रेणी में है, इस पर जल्द संज्ञान लिया जाएगा।
तहसीलदार रविंद्र ने कहा कि पंजीकृत रजिस्टरी की डिलीवरी हो चुकी थी। सर्वर डाउन होने के कारण यह वह रजिस्टरी नहीं निकल पाई। उनके कार्यालय की ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। निलंबित होने के सवाल पर तहसीलदार ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से मिलेंगे और अपना पक्ष रखेंगे।
नसीब सैनी
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हरियाणा ने किया निर्भया फण्ड का 32 प्रतिसत यूज
–इस सिलसिले में, देशभर में निर्भया फंड के इस्तेमाल का आंकड़ा सिर्फ 11 फीसदी है, जबकि हरियाणा ने 32 फीसदी फंड का उपयोग किया है।


पंचकूला,(नसीब सैनी)।
हरियाणा पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित परियोजनाओं को लागू करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा आवंटित किए गए निर्भया फंड के इस्तेमाल में शीर्ष पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपनी जगह बनाई है। देशभर में निर्भया फंड के इस्तेमाल का आंकड़ा सिर्फ 11 फीसदी है, जबकि हरियाणा ने 32 फीसदी फंड का उपयोग किया है। मिजोरम (50 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (43 प्रतिशत) और नागालैंड (39 प्रतिशत) के पास हरियाणा की तुलना में बेहतर उपयोग के आंकडे हैं।

हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने शुक्रवार को पंचकूला में यह जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा पुलिस को आवंटित किए गए कुल 13 करोड़ 66 लाख रुपये में से 4 करोड़ 46 लाख रुपये की राशि का इस्तेमाल महिला सुरक्षा को बढ़ावा देने संबंधी विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने के लिए किया गया है। उन्होनें बताया कि 9 करोड़ 20 लाख रुपये की शेष राशि हरियाणा की डायल 100 योजना के एक भाग के रूप में महिलाओं के लिए ‘एमरजैंसी रिस्पोंस स्र्पोट स्कीम‘ को लागू करने के लिए निर्धारित की गई है। इस राशि का उपयोग चालू वर्ष के दौरान डायल 100 योजना के क्रियान्वयन के दौरान किया जाना प्रस्तावित है।

इस सिलसिले में, देशभर में निर्भया फंड के इस्तेमाल का आंकड़ा सिर्फ 11 फीसदी है, जबकि हरियाणा ने 32 फीसदी फंड का उपयोग किया है।

निर्भया फंड को लेकर केवल उत्तराखंड और मिजोरम (50 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (43 प्रतिशत) और नागालैंड (39 प्रतिशत) के पास हरियाणा की तुलना में बेहतर उपयोग के आंकडे हैं। प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा पुलिस महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और जल्द ही सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक परिवहन और कार्यस्थलों पर महिलाओं के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाने के उद्देश्य से कई पहल और परियोजनाएं लेकर आएगी।
नसीब सैनी
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