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घर-घर जाकर कुपोषित बच्चों की खोज करेंगे स्वास्थ्य कर्मी
भोपाल, 02 जून।
भोपाल,14 जून से शुरू होगा दस्तक अभियान, बच्चों के हीमोग्लोबिन की भी करेंगे जांच…
मध्यप्रदेश के सभी जिलों में एक बार फिर बीमार और कुपोषित बच्चों की खोज के लिए दस्तक अभियान चलाया जाएगा। इसकी शुरुआत आगामी 14 जून से होगी। अभियान में भागीदारी निभाने वाले स्वास्थ्य विभाग स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है। दस्तक अभियान के तहत स्वास्थ्य कर्मचारी लोगों के घर-घर जाकर बीमार और कुपोषित बच्चों की खोज करेंगे और उन्हें इलाज मुहैया कराएंगे। यह अभियान डेढ़ माह यानी 31 जुलाई तक चलेगा।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. पीके माहौर ने बताया कि दस्तक अभियान के तहत प्रदेशभर में टीमें गठित की गई हैं, जिनमें एएनएम, आशा कार्यकर्ता, उषा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और एमपी डब्ल्यू को शामिल किया गया है। इन दलों के यह सदस्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के घर-घर जाकर दस्तक देंगे। उनके द्वारा इन घरों में यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि 5 साल तक का कोई बच्चा बीमार तो नहीं है। इसके साथ ही उनका वजन लेकर कुपोषण के स्तर का पता लगाया जाएगा। यदि कोई बच्चा ऐसा मिलता है तो उसे एनआईसी में लाकर भर्ती कराया जाएगा, ताकि उसे उचित उपचार मिल सके। डॉ. माहौर ने बताया कि टीम के कार्यकर्ता बच्चों के हीमोग्लोबिन की भी जांच करेंगे। साथ ही बच्चों को दस्त से बचाने के लिए ओआरएस का वितरण भी करेंगे।
नियुक्त दल यह करेगा काम
-पांच साल से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान व प्रबंधन।
-6 माह से 5 साल तक के बच्चों मे गंभीर एनिमिया की सक्रिय स्क्रिनिंग व प्रबंधन।
-9 माह से पांच साल तक के बच्चों को विटामिन ‘ए’ की खुराक देना।
-5 साल तक के बच्चों मे निमोनिया की पहचान करना और उन्हें रैफर करना।
-बाल्य कालीन दस्त रोग के नियंत्रण के उपाय बताना और ओआरएस के पैकेट बांटना।
-टीकाकरण से छूटे बच्चों की जानकारी लेना व स्तनपान संबंधित भ्रांतियों को दूर करने के लिए महिलाओं को जागरूक करना।
-कंगारू मदर केयर पद्धति के लाभ के बारे जानकारी देना।
-बच्चों मे जन्मजात विकृतियों की पहचान करना।
-भ्रमण के दौरान बीमार बच्चों के मूलभूत प्रबंधन की जानकारी लेना।
-5 साल तक के ऐसे बच्चे जिनकी मृत्यु हो चुकी है, की जानकारी एकत्रित करना।
पिछले साल से भी बेहतर करेंगे अभियान को
सीएमएचओ डॉ. वर्षा राय ने बताया कि पिछले साल भी इसी सीजन में दस्तक अभियान चलाया गया था। इस दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग ने उत्कृष्ट कार्य किया था। इस बार भी ऐसा ही काम करने के लिए स्वास्थ्य अमले को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे इन बच्चों को आसानी से खोजकर उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवा सकें।
चौथा खंभा न्यूज़ .com / नसीब सैनी/अभिषेक मेहरा
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ITBP सब इंस्पेक्टर के खाते से 2.59 लाख उड़ाए: हिमाचल से लौटते समय बस में चोरी हुआ ATM कार्ड और मोबाइल; एक चूक से पकड़ा गया बदमाश
सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
हरियाणा के रेवाड़ी में ITBP में तैनात सब इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन व ATM कार्ड चोरी कर उनके खाते से 2 लाख 59 हजार रुपए साफ कर दिए। सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल के अवैरी बैजनाथ निवासी रमेश चंद ITBP में रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित कैंप में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। रमेश चंद ने बताया कि कुछ समय पहले वह छुट्टी पर घर गए थे। छुट्टी खत्म होने के बाद वह ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए 28 दिसंबर को रेवाड़ी बस स्टैंड पहुंचे थे। बस स्टैंड से जाटूसाना जाने के लिए बस में सवार होते समय किसी ने भीड़ में उनका एटीएम व मोबाइल चोरी कर लिया। उसके बाद मोबाइल व एटीएम के जरिए ही खाते से 259000 हजार रुपए निकाल लिए।
जांच करने पर आरोपी की पहचान जाटव मोहल्ला रामपुरा निवासी लोकेश पालिया के रूप में हुई। जिसमें 20200 रुपए अपने अकाउंट में ड्रांसफर किए जबकि एक लाख रुपए खाते से निकाले गए। बाकी लेनदेन पेटीएम से किया गया। पूरी जानकारी हासिल करने के बाद रमेश चंद ने इसकी शिकायत बस स्टैंड चौकी पुलिस को दी। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी लोकेश पालिया की तलाश शुरू कर दी है। गुरुवार को पुलिस ने लोकेश के घर दबिश भी दी, लेकिन वह नहीं मिला। बस स्टैंड चौकी पुलिस के अनुसार जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
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पानीपत में रोका बाल विवाह: लड़का और लड़की दोनों थे नाबालिग, शपथ पत्र लेकर फिलहाल रोकी गई शादी
लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई तो लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है।
हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बाल विवाह रुकवाया है। अधिकारी ने सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को किया। लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई। जिसमें लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है। दोनों पक्षों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल शादी पर रोक लगा दी है। वहीं 4 जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद मामला कोट के संज्ञान में लाकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता के अनुसार
जानकारी देते हुए बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि उन्हें सूचना प्राप्त हुई की गांव नवादा पार में एक नाबालिग लड़की की शादी होनी है। सूचना मिलने पर वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वहां जाकर लड़की पक्ष से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान लड़की के सभी दस्तावेज चेक किए गए। लड़की के स्कूल के दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि मार्च 2005 की मिली। यानी दस्तावेजों के आधार पर लड़की अभी महज 16 साल की थी। इसके बाद लड़के पक्ष को फोन पर बात कर अपने कार्यालय बुलाया। जहां लड़का पक्ष मौजूद हुआ और लड़के के दस्तावेजों को चेक किया गया, जिसमें लड़का भी नाबालिग पाया गया। लड़के की उम्र दस्तावेजों के आधार पर 19 साल थी।
इन कारणों से हो रही थी बाल विवाह
लड़की के पिता ने बताया कि वह पेशे से श्रमिक हैं। यह अपनी बेटी की शादी गरीबी और अज्ञानता के चलते कर रहे थे। साथ ही वह खुद हार्ट पेशेंट है, उनकी तमन्ना थी कि उनके जीते जी उनकी बेटी की शादी हो जाए। वही लड़के पक्ष से लड़के का कहना है कि उसकी चार बड़ी बहने हैं, जो कि चारों विवाहित हैं। तीन भाई व एक छोटी बहन है। अब घर में कोई रोटी बनाने वाला नहीं था, क्योंकि मां की तबीयत सही नहीं रहती है। इसी के चलते वह शादी कर रहा था।
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बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं: थाने में युवक संग जाने को अड़ी 19 वर्षीय छात्रा, दो दिन पहले गई थी साथ
युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
हरियाणा के रोहतक के जिले में कॉलेज से दो दिन पहले एक युवक संग गई युवती को पुलिस ने बरामद कर लिया। हालांकि युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
कॉलेज गई थी प्रवेश पत्र लेने
लाखन माजरा थाना क्षेत्र के एक गांव से छात्रा मंगलवार सुबह कॉलेज के लिए यह कहकर निकली थी कि आगामी परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र लेने जा रही हूं। उसके वापस न लौटने पर परिजनों ने काफी खोज खबर की।रातभर छात्रा की खोज-खबर करने के बाद बुधवार सुबह पुलिस को सूचना दी। छात्रा के पिता ने थाना लाखन माजरा में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने छात्रा व युवक को वीरवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। दोनों को थाना लाया गया। यहां छात्रा ने युवक संग जाने की रट लगा दी।
कोर्ट में होंगे पेश
मामले में थाना लाखन माजरा एसएचओ अब्दुल्ला खान का कहना है कि छात्रा बालिग है। छात्रा व युवक को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां उनके बयानों के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। युवक व छात्रा को कोर्ट ले जाने की तैयारी की जा रही है।
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