क्राइम
दलित नेता जिग्नेश मेवानी जोधपुर पहुंचे
जोधपुर, 04 जून।
गुजरात के वड़गांव से निर्दलीय विधायक और दो साल पहले दलित आंदोलन से चर्चा में आए जिग्नेश मेवानी से जोधपुर का प्रशासन डर गया है। शहरी क्षेत्र में उनके स्वागत के लिए प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी। इस पर उनका शहरी क्षेत्र से बाहर स्वागत किया गया। इस दौरान मेवानी ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया।
गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी सोमवार सुबह बालोतरा से सड़क मार्ग से होते हुए जोधपुर पहुंचे। पहले शहर में उनका स्वागत प्रस्तावित था लेकिन प्रशासन की ओर से मंजूरी नहीं मिलने के कारण शहर से बाहर बनाड़ रोड पर उनका स्वागत कार्यक्रम हुआ। यहां दलित संगठन से जुड़े लोगों को उन्होंने आजीवन भाजपा को वोट नहीं देने का संकल्प दिलाया।मेवानी ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा दलित विरोध पार्टी है और वह बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के बनाए संविधान में विश्वास नहीं रखती। एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर कमेटी बनाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दलितों के विरोध को दबाने में भाजपा ने भूमिका निभाई है।
चौथा खंभा न्यूज़ .com / नसीब सैनी/अभिषेक मेहरा
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पूछताछ में खुलासा: इंटर स्टेट साइबर फ्राॅड गैंग का गुर्गा गिरफ्तार, एटीएम कार्ड बदलकर फर्जी जनरल स्टाेर के नाम पर ली स्वाइप मशीन से करते थे खाते खाली
पूछताछ में खुलासा: इंटर स्टेट साइबर फ्राॅड गैंग का गुर्गा गिरफ्तार, एटीएम कार्ड बदलकर फर्जी जनरल स्टाेर के नाम पर ली स्वाइप मशीन से करते थे खाते खाली
भिवानी। चालाकी से लाेगाें के एटीएम कार्ड काे स्वैप मशीन में स्वैप कर व ऑनलाइन फ्रॉड से धोखाधड़ी कर लाखाें की राशि हड़पने वाले अंतरराज्य गिरोह के एक गुर्गे काे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आराेपी से पुलिस ने 50 हजार की नकदी भी बरामद की। गिराेह के तीन गुर्गे मध्यप्रदेश पुलिस की गिरफ्त में हैं, जबकि तीन सदस्य अभी फरार हैं।
थाना शहर पुलिस को गांव धारेडू निवासी नीरज ने पुलिस काे शिकायत दर्ज करवाई थी कि वह 20 जून 2021 को दादरी गेट स्थिति एसबीआई के एटीएम पर पैसे निकलवाने के लिए गया था। जब वह एटीएम रूम में एटीएम से पैसे निकलवा रहा था ताे वहां एक व्यक्ति पहले से मौजूद था। एटीएम ट्रांजेक्शन को कैंसिल करने के बहाने उक्त व्यक्ति ने उसका एटीएम कार्ड बदल लिया था और फिर आराेपी ने उसके बैंक खाते से 74500 रुपये निकाल लिए थे। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर आराेपी की तलाश शुरू की।
जैन चौकी पुलिस में तैनात प्रशिक्षु उप निरीक्षक गौरव ने अपनी टीम के साथ अंतरराज्य एटीएम व ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले गिरोह के एक गुर्गे को पलवल स्थित बस स्टैंड से गिरफ्तार किया है।
आराेपी की पहचान पलवल के घाघोट गांव निवासी अनवर के रूप में हुई है। आरंभिक पूछताछ में आराेपी ने 8 लाख की रकम धोखाधड़ी से हड़पना कबूल किया है। आराेपी ने पुलिस काे पूछताछ में बताया कि गिराेह में सात लोग हैं। वे छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान में एटीएम फ्रॉड से ऑनलाइन धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। उनके तीन साथी मध्य प्रदेश पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिए हैं।
जैन चाैक पुलिस चाैकी इंचार्ज दशरथ ने बताया कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है। आराेपी गिरोह पांच प्रदेशों में सक्रिय हैं। अभी तक 8 लाख की धोखाधड़ी की वारदात कबूल की है।
ऑनलाइन मिले फर्जी बिल की मदद से आराेपी तक पहुंची पुलिस
पांच प्रदेशाें में सक्रिय एटीएम कार्ड काे स्वाइप मशीन में एटीएम कार्ड स्वाइप कर ऑनलाइन ठगी करने वाला गिरोह मदद के बहाने एटीएम रूप में घुसकर चंद मिनटाें में ही लाेगाें के बैंक खाताें काे खाली कर देता है। गिरोह के गुर्गे पहले से ही एटीएम रूम के बहार या अंदर जमा रहते हैं। जाे बुजुर्ग व महिला एटीएम उपभाेक्ताओं काे अपना शिकार बनाते हैं।
धाेखाधड़ी कर एटीएम उपभाेक्ताओं से लाखाें की राशि हड़पने वाले अंतरराज्य गिरोह के गुर्गे पलवल निवासी अनवर काे पुलिस ने पलवल से गिरफ्तार किया है। आराेपी अपने अन्य साथियाें के साथ हरियाणा व दिल्ली के अलावा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व राजस्थान में भी धोखाधड़ी की वारदातों काे अंजाम दे चुके हैं।
इस तरह पलवल में पुलिस ने अनवर को किया गिरफ्तार
जून महीने में गांव धारेडू निवासी नीरज के बैंक खाते से धोखाधड़ी कर गैंग के गुर्गों ने 74500 रुपये निकाल लिए थे। पुलिस जब इस मामले की जांच कर रही थी ताे पता चला कि नीरज के एटीएम से किसी ने पलवल में एक जनरल स्टाेर से ऑनलाइन खरीददारी की है। जब पुलिस जनरल स्टाेर की तलाश में पलवल पहुंची ताे उसे पता चला कि वहां वह स्टाेर ही नहीं है। इसके बाद खरीद के ऑनलाइन फर्जी बिल मिले, जिस पर प्रोपराइटर अनवर का संपर्क नंबर मिला। संपर्क नंबर की मदद से पुलिस ने आराेपी अनवर को गिरफ्तार किया।
जानें…कैसे देते थे ठगी की वारदातों काे अंजाम
गिराेह ने पलवल में एक फर्जी जनरल स्टोर रजिस्टर करवाया और जनरल स्टाेर पर जीएसटी नंबर लेकर जनरल स्टोर के अकाउंट से एक स्वाइप मशीन बैंक से इश्यू करवाई। फिर नकली बिल बुक व स्टांप तैयार कर फर्जी बिल तैयार किए और इसके बाद लाेगाें काे धाेखे से ठगने का धंधा शुरू किया।
गैंग के सदस्य अलग-अलग जिलाें में एटीएम के आसपास रहते हैं। किसी एटीएम उपभोक्ता काे एटीएम से पैसे निकलने में कोई कंफ्यूजन होती है ताे मदद के बहाने ये लोग चकमा देकर उसका एटीएम बदल देते हैं और उसके एटीएम को स्वाइप मशीन में स्कैन कर खाता खाली कर देते हैं। रुपये आरोपी अनवर के खाते में आते थे। इसके बाद आरोपी अनवर उन पैसों को निकाल कर गिरोह के गुर्गे में आपस में बांट लिया करते थे। पूछताछ में सामने आया है कि गैंग फरवरी से सक्रिय है और अभी तक लगभग 8 लाख की राशि इस तरह से धोखाधड़ी कर लाेगाें से हड़प चुके हैं।
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आरसी फर्जीवाड़ा:पुलिस कैंसिल करेगी गाड़ियाें का पंजीकरण, मालिकों को दोबारा रजिस्ट्रेशन करा कोर्ट से लेनी होगी गाड़ी
आरसी फर्जीवाड़ा:पुलिस कैंसिल करेगी गाड़ियाें का पंजीकरण, मालिकों को दोबारा रजिस्ट्रेशन करा कोर्ट से लेनी होगी गाड़ी
यमुनानगर। फर्जीवाड़ा कर बनवाई गई वाहनों की आरसी को कैंसिल कराने का पुलिस ने फैसला लिया है। इसे लेकर एसआईटी की ओर से जगाधरी और बिलासपुर एसडीएम को पत्र लिखा जाएगा, क्योंकि एसडीएम के स्तर पर ही इन्हें कैंसिल किया जाना है।
पुलिस के इस फैसले से उन लोगों की चिंता और बढ़ी, जिन्होंने इन गाड़ियों को यह समझ कर खरीदा था कि इनका रजिस्ट्रेशन सही है, क्योंकि अगर इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल होता है तो दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इनका जो पुराना टैक्स या अन्य चार्ज पेंडिंग है, वह देना होगा।
इसी टैक्स से बचने के लिए पूरा फर्जीवाड़ा किया गया। दोबारा रजिस्ट्रेशन के बाद इन गाड़ियों को उनके मालिक कोर्ट के माध्यम से छुड़ाएंगे। जिन लोगों ने गाड़ियां खरीदी थी, वे पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। रादौर डीएसपी एवं एसआईटी मेंबर रजत गुलिया ने बताया कि पुलिस ने अब तक 105 गाड़ियों को जब्त किया है। जिन भी गाड़ियों का फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन हुआ है, उनके मालिकों को दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
पुलिसकर्मी ने भी ली थी फर्जी आरसी की गाड़ी
डीएसपी रादौर के पास पहुंचे एक युवक ने बताया कि उसने जनवरी 2021 में स्विफ्ट कार ली थी। यह गाड़ी उसने पुलिस वाले से ली थी। तब गाड़ी उसके नाम करा दी गई। गाड़ी की आरसी उसके पास आई, जिससे गाड़ी खरीदी थी। बाद में पुलिस उसकी गाड़ी लेकर गई कि इसकी फर्जी आरसी है।
इस तरह चलता था पूरा फर्जीवाड़ा
पुलिस की जांच के अनुसार आरोपियों ने बताया था कि डीलर नीलाम वाहनों को उनके पास रजिस्ट्रेशन के लिए लेकर आते थे। इन वाहनों को बिना फिजिकल वेरिफिकेशन से एमवीआई से पास कराकर उन्हें दे देते थे।
वहीं, बैंक का सेल लेटर फर्जी होता था। उस पर कम कीमत दर्शाते थे, ताकि टैक्स कम बने। इसके बाद लोकल व्यक्ति की आईडी की व्यवस्था करते थे। कुछ का एड्रेस हम चोपड़ा गार्डन, नालागढ़, सुढैल और अन्य एरिया में दे देते थे। उन वाहनों को दोबारा से रजिस्ट्रेशन के लिए वे बैंक के सेल लेटर पर डीलर से स्टार, हैज लगा देते थे।
इस तरह से गाड़ी की पुरानी डिटेल पता नहीं चल पाती थी और उसका नया रजिस्ट्रेशन हो जाती था। फर्जी रजिस्ट्रेशन बाइक, कार, ट्रैक्टर और जेसीबी तक के किए गए। करीब 1500 नीलाम हुए वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन किए गए हैं। एसडीएम रही पूजा चावरिया और दर्शन सिंह का नाम भी आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में लिया है।
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हमला करके गंभीर चोट पहुँचाने व मोबाइल छीनने के चार आरोपी गिरफ्तार
कुरुक्षेत्र। जिला पुलिस कुरुक्षेत्र ने सामूहिक हमला करके गंभीर चोट पहुँचाने व मोबाइल छीनने के चार आरोपियो को गिरफ्तार किया है। थाना कृष्णा गेट पुलिस ने सामूहिक हमला करके गंभीर चोट पहुँचाने व मोबाइल छीनने के आरोप में संदीप उर्फ़ पाल पुत्र मिट्टू वासी अमीन रोड कुरुक्षेत्र, अखिलेश पुत्र वीरपाल वासी विष्णु कॉलोनी कुरुक्षेत्र, हर्ष उर्फ़ मिट्टू पुत्र फूल सिंह वासी पटियाला बैंक कॉलोनी व बलराम पुत्र रोशन लाल वासी हथीरा को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की ।
उप पुलिस अधीक्षक सुभाष चन्द्र ने जानकारी देते हुए बताया कि 04 अक्तूबर को थाना कृष्णा गेट पुलिस को दिए अपने बयान में मुकेश कुमार वासी शास्त्री नगर कुरुक्षेत्र ने बताया कि उसकी शास्त्री नगर मे ही करियाने की दुकान व दूसरा मकान है। 2/3 अक्तूबर की रात को समय करीब 01 बजे उसका सबसे छोटा भाई सोमबीर उसकी करियाने की दुकान के पास बने कमरे से घर की तरफ आ रहा था। रास्ते मे 4/5 लडको ने उसके भाई सोमबीर पर तेज धार हथियार से हमला कर दिया। उन लडको ने उसके भाई को मारपीट करके उसके सिर, गुटनो व पेट मे काफी चोटे मारी है तथा उसका मोबाइल छीन लिया । लडाई झगडे का शोर सुनकर काफी लोग इक्क्ठे हो गये तो अज्ञात लडके उसके भाई सोमबीर को मौका पर ही छोडकर भाग गये। बाद मे उसने अपने जख्मी भाई सोमबीर को एलएनजेपी हस्पताल कुरुक्षेत्र मे दाखिल करवाया जहाँ से उसे पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया। जहाँ पर उसका इलाज चल रहा है । जिसके बयान पर मामला दर्ज करके जांच उप निरीक्षक बीर सिंह को सौंपी गई । 14 अक्तूबर को सुभाष मंडी चोंकी के उप निरीक्षक बीर सिंह की टीम ने मामले के आरोपी संदीप उर्फ़ पाल, अखिलेश, हर्ष उर्फ़ मिट्टू व बलराम को गिरफ्तार कर लिया । आरोपियो को माननीय अदालत में पेश करके अदालत के आदेश से कारागार भेज दिया ।
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