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जम्मू में सजा केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर सरकार का पहला दरबार
— दरबार खुलने के अवसर पर सचिवालय के ऊपर पहली बार नजर आया राष्ट्रीय ध्वज
— पहला दरबार लगने पर इस बार मंत्रियों का तामझाम नजर नहीं आया
— उपराज्यपाल जीसी मुर्मू को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
जम्मू,(नसीब सैनी)।
जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद शीतकालीन राजधानी जम्मू में सोमवार सुबह सरकार का दरबार खुल गया। पिछले छह महीने ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में सिविल सचिवालय के काम करने के बाद अब छह महीने के लिए सचिवालय व अन्य मूव कार्यालय जम्मू में ही काम करेंगे। इस बार की दरबार मूव प्रक्रिया की खास बात यह है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर बनने के बाद सरकार का पहला दरबार जम्मू में खुला है।
दरबार खुलने के अवसर पर सचिवालय के ऊपर पहली बार राष्ट्रीय ध्वज नजर आया। उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के सोमवार सुबह सचिवालय पहुंचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद उपराज्यपाल ने विभिन्न विभागों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करके दरबार मूव के प्रबंधों, विकास कार्यों और सुरक्षा हालात जैसे कईं अन्य संबंधित मुद्दों का जायजा लिया। इसी बीच पहले की ही तरह सचिवालय रोजाना दो बजे से लेकर शाम चार बजे तक आम लोगों के लिए खुलेगा ताकि जनता अपने आवश्यक कामकाज करवा सकें। इस दौरान आम नागरिक अपनी समस्याओं को लेकर विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों से मुलाकात कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सचिवालय गेट पर पास बनवाकर अंदर जाने की अनुमति होगी।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का जम्मू में पहला दरबार लगने पर इस बार मंत्रियों का तामझाम नजर नहीं आया। नागरिक सचिवालय के सामने वाली सड़क को लोगों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया। सुरक्षा घेरे को मजबूत बना दिया गया। मुर्मू ने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद सचिवालय परिसर में विभिन्न विभागों के कार्यालयों का दौरा भी किया।
जम्मू कश्मीर में जब निर्वाचित सरकार होती थी तो उस समय मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों के काफिले जम्मू पहुंचते थे। चुनी हुई सरकार में मुख्यमंत्री ही सचिवालय में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करते थे। सभी मंत्री अपने-अपने विभागों का कामकाज संभालते थे। दरबार मूव होने पर जम्मू की सड़कों पर मंत्रियों के काफिले नजर आते थे। इस समय न तो विधानसभा और न ही विधान परिषद है। ऐसे में नेताओं का तामझाम भी नजर नहीं आया। सिर्फ प्रशासनिक, पुलिस व्यवस्था ही नजर आई। मंत्रियों, विधायकों, एमएलसी न होने से इस बार दरबार मूव पर पहले के मुकाबले थोड़ा खर्च कम हुआ है।
उल्लेखनीय है कि महाराजा रणबीर सिंह ने जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव की प्रक्रिया वर्ष 1872 में शुरू की थी। बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था के लिए दरबार को छह महीने श्रीनगर और छह महीने जम्मू में रखने की प्रथा शुरू हुई थी। इस प्रथा को डोगरा शासकों ने वर्ष 1947 तक जारी रखा। राज्य की पिछली सभी सरकारों ने भी इस व्यवस्था को कायम रखा। दरबार मूव की यह प्रक्रिया जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भी जारी है।
नसीब सैनी
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ITBP सब इंस्पेक्टर के खाते से 2.59 लाख उड़ाए: हिमाचल से लौटते समय बस में चोरी हुआ ATM कार्ड और मोबाइल; एक चूक से पकड़ा गया बदमाश
सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
हरियाणा के रेवाड़ी में ITBP में तैनात सब इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन व ATM कार्ड चोरी कर उनके खाते से 2 लाख 59 हजार रुपए साफ कर दिए। सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल के अवैरी बैजनाथ निवासी रमेश चंद ITBP में रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित कैंप में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। रमेश चंद ने बताया कि कुछ समय पहले वह छुट्टी पर घर गए थे। छुट्टी खत्म होने के बाद वह ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए 28 दिसंबर को रेवाड़ी बस स्टैंड पहुंचे थे। बस स्टैंड से जाटूसाना जाने के लिए बस में सवार होते समय किसी ने भीड़ में उनका एटीएम व मोबाइल चोरी कर लिया। उसके बाद मोबाइल व एटीएम के जरिए ही खाते से 259000 हजार रुपए निकाल लिए।
जांच करने पर आरोपी की पहचान जाटव मोहल्ला रामपुरा निवासी लोकेश पालिया के रूप में हुई। जिसमें 20200 रुपए अपने अकाउंट में ड्रांसफर किए जबकि एक लाख रुपए खाते से निकाले गए। बाकी लेनदेन पेटीएम से किया गया। पूरी जानकारी हासिल करने के बाद रमेश चंद ने इसकी शिकायत बस स्टैंड चौकी पुलिस को दी। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी लोकेश पालिया की तलाश शुरू कर दी है। गुरुवार को पुलिस ने लोकेश के घर दबिश भी दी, लेकिन वह नहीं मिला। बस स्टैंड चौकी पुलिस के अनुसार जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
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पानीपत में रोका बाल विवाह: लड़का और लड़की दोनों थे नाबालिग, शपथ पत्र लेकर फिलहाल रोकी गई शादी
लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई तो लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है।
हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बाल विवाह रुकवाया है। अधिकारी ने सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को किया। लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई। जिसमें लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है। दोनों पक्षों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल शादी पर रोक लगा दी है। वहीं 4 जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद मामला कोट के संज्ञान में लाकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता के अनुसार
जानकारी देते हुए बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि उन्हें सूचना प्राप्त हुई की गांव नवादा पार में एक नाबालिग लड़की की शादी होनी है। सूचना मिलने पर वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वहां जाकर लड़की पक्ष से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान लड़की के सभी दस्तावेज चेक किए गए। लड़की के स्कूल के दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि मार्च 2005 की मिली। यानी दस्तावेजों के आधार पर लड़की अभी महज 16 साल की थी। इसके बाद लड़के पक्ष को फोन पर बात कर अपने कार्यालय बुलाया। जहां लड़का पक्ष मौजूद हुआ और लड़के के दस्तावेजों को चेक किया गया, जिसमें लड़का भी नाबालिग पाया गया। लड़के की उम्र दस्तावेजों के आधार पर 19 साल थी।
इन कारणों से हो रही थी बाल विवाह
लड़की के पिता ने बताया कि वह पेशे से श्रमिक हैं। यह अपनी बेटी की शादी गरीबी और अज्ञानता के चलते कर रहे थे। साथ ही वह खुद हार्ट पेशेंट है, उनकी तमन्ना थी कि उनके जीते जी उनकी बेटी की शादी हो जाए। वही लड़के पक्ष से लड़के का कहना है कि उसकी चार बड़ी बहने हैं, जो कि चारों विवाहित हैं। तीन भाई व एक छोटी बहन है। अब घर में कोई रोटी बनाने वाला नहीं था, क्योंकि मां की तबीयत सही नहीं रहती है। इसी के चलते वह शादी कर रहा था।
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बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं: थाने में युवक संग जाने को अड़ी 19 वर्षीय छात्रा, दो दिन पहले गई थी साथ
युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
हरियाणा के रोहतक के जिले में कॉलेज से दो दिन पहले एक युवक संग गई युवती को पुलिस ने बरामद कर लिया। हालांकि युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
कॉलेज गई थी प्रवेश पत्र लेने
लाखन माजरा थाना क्षेत्र के एक गांव से छात्रा मंगलवार सुबह कॉलेज के लिए यह कहकर निकली थी कि आगामी परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र लेने जा रही हूं। उसके वापस न लौटने पर परिजनों ने काफी खोज खबर की।रातभर छात्रा की खोज-खबर करने के बाद बुधवार सुबह पुलिस को सूचना दी। छात्रा के पिता ने थाना लाखन माजरा में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने छात्रा व युवक को वीरवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। दोनों को थाना लाया गया। यहां छात्रा ने युवक संग जाने की रट लगा दी।
कोर्ट में होंगे पेश
मामले में थाना लाखन माजरा एसएचओ अब्दुल्ला खान का कहना है कि छात्रा बालिग है। छात्रा व युवक को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां उनके बयानों के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। युवक व छात्रा को कोर्ट ले जाने की तैयारी की जा रही है।
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