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निर्भया केस : दोषियों को जल्द फांसी की मांग वाली याचिका दूसरे जज को ट्रांसफर
—याचिका एडिशनल सेशंस जज सतीश अरोड़ा की कोर्ट में ट्रांसफर
नई दिल्ली,(नसीब सैनी)।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के माता-पिता की अपने बेटी के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के दोषियों को जल्द फांसी की सजा देने की मांग वाली याचिका दूसरे जज के पास ट्रांसफर कर दिया है। ये याचिका एडिशनल सेशंस जज सतीश अरोड़ा की कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है।
इस मामले की सुनवाई करने वाले जज का ट्रांसफर होने की वजह से याचिका पर सुनवाई टल रही थी। पिछले महीने ही तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को नोटिस जारी किया था। तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा था कि वो दया याचिका राष्ट्रपति के पास दाखिल करते हैं या नही बतायें, नहीं तो प्रसाशन कोर्ट के आदेश के मुताबिक कानूनन आगे की कार्रवाई करेगा।
पिछले चार जून को कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को तलब किया। कोर्ट ने जेल महानिदेशक के जरिए तिहाड़ जेल के अधीक्षक को नोटिस जारी कर बताने को कहा था कि अभियुक्तों ने कौन-कौन से कानूनी उपायों का इस्तेमाल किया है। कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था।
उससे पहले दो मार्च को कोर्ट ने तिहाड़ जेल के प्रशासन से रिपोर्ट तलब किया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि अभी तक दोषियों की ओर से कोई क्यूरेटिव या दया याचिका दाखिल नहीं की गई है। वे क्यूरेटिव या दया याचिका दायर करेंगे।
पिछले 14 फरवरी को निर्भया के माता-पिता ने अर्जी दायर कर चारों दोषियों को फांसी की सजा देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की है। 05 मई,2017 को सुप्रीम कोर्ट ने चारों अभियुक्तों की फांसी की सजा सुनाई थी। मुख्य अभियुक्त ड्राइवर राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से खुदकुशी कर ली थी, जबकि एक नाबालिग आरोपित अपनी तीन साल की सुधार गृह की सजा पूरी कर चुका था।
गैंगरेप के चार दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी । हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिस पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाई थी । 09 जुलाई,2018 को सुप्रीम कोर्ट ने चारो दोषियों के रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगाई थी।
13 दिसम्बर,2018 को चारों दोषियों को दी गई फांसी की सजा पर तुरंत अमल करने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मदन बी. लोकुर ने कहा था कि यह किस तरह की मांग आप कोर्ट से कर रहे हैं। आपकी याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, हम इसे खारिज करते हैं।
याचिका वकील आलोक अलग श्रीवास्तव ने दायर की थी। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि निर्भया कांड के चारों गुनहगार फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए और उन्हें कानूनन मौत दी जाए। याचिका में कहा गया था कि निर्भया कांड के चारो दोषी मुकेश कुमार, पवन, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को दी गई फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए और उन्हें कानूनन मौत दी जाए।
नसीब सैनी
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ITBP सब इंस्पेक्टर के खाते से 2.59 लाख उड़ाए: हिमाचल से लौटते समय बस में चोरी हुआ ATM कार्ड और मोबाइल; एक चूक से पकड़ा गया बदमाश
सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
हरियाणा के रेवाड़ी में ITBP में तैनात सब इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन व ATM कार्ड चोरी कर उनके खाते से 2 लाख 59 हजार रुपए साफ कर दिए। सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल के अवैरी बैजनाथ निवासी रमेश चंद ITBP में रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित कैंप में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। रमेश चंद ने बताया कि कुछ समय पहले वह छुट्टी पर घर गए थे। छुट्टी खत्म होने के बाद वह ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए 28 दिसंबर को रेवाड़ी बस स्टैंड पहुंचे थे। बस स्टैंड से जाटूसाना जाने के लिए बस में सवार होते समय किसी ने भीड़ में उनका एटीएम व मोबाइल चोरी कर लिया। उसके बाद मोबाइल व एटीएम के जरिए ही खाते से 259000 हजार रुपए निकाल लिए।
जांच करने पर आरोपी की पहचान जाटव मोहल्ला रामपुरा निवासी लोकेश पालिया के रूप में हुई। जिसमें 20200 रुपए अपने अकाउंट में ड्रांसफर किए जबकि एक लाख रुपए खाते से निकाले गए। बाकी लेनदेन पेटीएम से किया गया। पूरी जानकारी हासिल करने के बाद रमेश चंद ने इसकी शिकायत बस स्टैंड चौकी पुलिस को दी। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी लोकेश पालिया की तलाश शुरू कर दी है। गुरुवार को पुलिस ने लोकेश के घर दबिश भी दी, लेकिन वह नहीं मिला। बस स्टैंड चौकी पुलिस के अनुसार जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
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पानीपत में रोका बाल विवाह: लड़का और लड़की दोनों थे नाबालिग, शपथ पत्र लेकर फिलहाल रोकी गई शादी
लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई तो लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है।
हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बाल विवाह रुकवाया है। अधिकारी ने सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को किया। लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई। जिसमें लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है। दोनों पक्षों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल शादी पर रोक लगा दी है। वहीं 4 जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद मामला कोट के संज्ञान में लाकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता के अनुसार
जानकारी देते हुए बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि उन्हें सूचना प्राप्त हुई की गांव नवादा पार में एक नाबालिग लड़की की शादी होनी है। सूचना मिलने पर वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वहां जाकर लड़की पक्ष से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान लड़की के सभी दस्तावेज चेक किए गए। लड़की के स्कूल के दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि मार्च 2005 की मिली। यानी दस्तावेजों के आधार पर लड़की अभी महज 16 साल की थी। इसके बाद लड़के पक्ष को फोन पर बात कर अपने कार्यालय बुलाया। जहां लड़का पक्ष मौजूद हुआ और लड़के के दस्तावेजों को चेक किया गया, जिसमें लड़का भी नाबालिग पाया गया। लड़के की उम्र दस्तावेजों के आधार पर 19 साल थी।
इन कारणों से हो रही थी बाल विवाह
लड़की के पिता ने बताया कि वह पेशे से श्रमिक हैं। यह अपनी बेटी की शादी गरीबी और अज्ञानता के चलते कर रहे थे। साथ ही वह खुद हार्ट पेशेंट है, उनकी तमन्ना थी कि उनके जीते जी उनकी बेटी की शादी हो जाए। वही लड़के पक्ष से लड़के का कहना है कि उसकी चार बड़ी बहने हैं, जो कि चारों विवाहित हैं। तीन भाई व एक छोटी बहन है। अब घर में कोई रोटी बनाने वाला नहीं था, क्योंकि मां की तबीयत सही नहीं रहती है। इसी के चलते वह शादी कर रहा था।
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बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं: थाने में युवक संग जाने को अड़ी 19 वर्षीय छात्रा, दो दिन पहले गई थी साथ
युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
हरियाणा के रोहतक के जिले में कॉलेज से दो दिन पहले एक युवक संग गई युवती को पुलिस ने बरामद कर लिया। हालांकि युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
कॉलेज गई थी प्रवेश पत्र लेने
लाखन माजरा थाना क्षेत्र के एक गांव से छात्रा मंगलवार सुबह कॉलेज के लिए यह कहकर निकली थी कि आगामी परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र लेने जा रही हूं। उसके वापस न लौटने पर परिजनों ने काफी खोज खबर की।रातभर छात्रा की खोज-खबर करने के बाद बुधवार सुबह पुलिस को सूचना दी। छात्रा के पिता ने थाना लाखन माजरा में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने छात्रा व युवक को वीरवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। दोनों को थाना लाया गया। यहां छात्रा ने युवक संग जाने की रट लगा दी।
कोर्ट में होंगे पेश
मामले में थाना लाखन माजरा एसएचओ अब्दुल्ला खान का कहना है कि छात्रा बालिग है। छात्रा व युवक को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां उनके बयानों के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। युवक व छात्रा को कोर्ट ले जाने की तैयारी की जा रही है।
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