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एनआरसी की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि अवैध घुसपैठियों को हर हाल में अपने देश वापस जाना ही होगा, भारत को रिफ्यूजी कैपिटल नहीं बना सकते
नई दिल्ली,(नसीब सैनी)।
असम में एनआरसी मामले पर केंद्र सरकार ने कहा है कि अवैध घुसपैठियों को हर हाल में अपने देश वापस जाना ही होगा। केंद्र सरकार ने कहा कि हम भारत को विश्व की रिफ्यूजी कैपिटल नहीं बना सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 23 जुलाई को सुनवाई करेगा। केंद्र और राज्य सरकार ने एनआरसी की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट 31 जुलाई की डेडलाइन में बदलाव करे। एनआरसी की डेडलाइन की भविष्य में कोई तारीख दे। केंद्र सरकार ने कहा कि लोगों की पहचान संबंधी दस्तावेजों की अभी वेरिफिकेशन करनी बाकी है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कोआर्डिनेटर ने इस मामले में अच्छा काम किया है। हम लाखों लोगों के मामले में काम कर रहे हैं। बांग्लादेश के बॉर्डर के पास लाखों लोग गलत तरीके से एनआरसी में नाम में आ गए हैं।
जिन लोगों का नाम जोड़ा गया है वो अवैध घुसपैठिए हैं। पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई तक वेरिफिकेशन के काम निपटाने के लिए कहा था। पिछले 30 मई को एनआरसी रजिस्टर में एक पूर्व सैनिक का नाम नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताते हुए एनआरसी कोआर्डिनेटर प्रतीक हजेला को निर्देश दिया था कि वो ये सुनिश्चित करें कि दावों को निपटाने में जल्दबाजी न की जाए।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने कहा था कि 31 जुलाई को एनआरसी के प्रकाशन की समय सीमा में कोई बदलाव नहीं होगा लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि जिन लोगों ने एनआरसी में अपना नाम दर्ज कराने के लिए दावा किया है उन्हें पूरा मौका दिए ही सुनवाई कर ली जाए।
पिछले 8 मई को सुप्रीम कोर्ट ने असम में एनआरसी की प्रक्रिया पूरा करने की तारीख 31 जुलाई से आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने प्रतीक हजेला से कहा था कि आप 31 जुलाई से एक दिन पहले ये काम पूरा करें लेकिन एक दिन देर से नहीं।सुनवाई के दौरान प्रतीक हजेला की तरफ से कहा गया था कि आपत्तियों पर सुनवाई 6 मई से शुरु हुई है। बहुत से मामलों में आपत्ति दर्ज करानेवाले उपस्थित नहीं हो रहे हैं। तब चीफ जस्टिस ने कहा था कि अगर वे नहीं उपस्थित हो रहे हैं तो कानून अपना काम करेगा। आप अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल कीजिए और उपस्थित नहीं होने वालों के मामलों पर कानून के मुताबिक काम कीजिए।
नसीब सैनी
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ITBP सब इंस्पेक्टर के खाते से 2.59 लाख उड़ाए: हिमाचल से लौटते समय बस में चोरी हुआ ATM कार्ड और मोबाइल; एक चूक से पकड़ा गया बदमाश
सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
हरियाणा के रेवाड़ी में ITBP में तैनात सब इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन व ATM कार्ड चोरी कर उनके खाते से 2 लाख 59 हजार रुपए साफ कर दिए। सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल के अवैरी बैजनाथ निवासी रमेश चंद ITBP में रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित कैंप में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। रमेश चंद ने बताया कि कुछ समय पहले वह छुट्टी पर घर गए थे। छुट्टी खत्म होने के बाद वह ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए 28 दिसंबर को रेवाड़ी बस स्टैंड पहुंचे थे। बस स्टैंड से जाटूसाना जाने के लिए बस में सवार होते समय किसी ने भीड़ में उनका एटीएम व मोबाइल चोरी कर लिया। उसके बाद मोबाइल व एटीएम के जरिए ही खाते से 259000 हजार रुपए निकाल लिए।
जांच करने पर आरोपी की पहचान जाटव मोहल्ला रामपुरा निवासी लोकेश पालिया के रूप में हुई। जिसमें 20200 रुपए अपने अकाउंट में ड्रांसफर किए जबकि एक लाख रुपए खाते से निकाले गए। बाकी लेनदेन पेटीएम से किया गया। पूरी जानकारी हासिल करने के बाद रमेश चंद ने इसकी शिकायत बस स्टैंड चौकी पुलिस को दी। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी लोकेश पालिया की तलाश शुरू कर दी है। गुरुवार को पुलिस ने लोकेश के घर दबिश भी दी, लेकिन वह नहीं मिला। बस स्टैंड चौकी पुलिस के अनुसार जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
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पानीपत में रोका बाल विवाह: लड़का और लड़की दोनों थे नाबालिग, शपथ पत्र लेकर फिलहाल रोकी गई शादी
लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई तो लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है।
हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बाल विवाह रुकवाया है। अधिकारी ने सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को किया। लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई। जिसमें लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है। दोनों पक्षों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल शादी पर रोक लगा दी है। वहीं 4 जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद मामला कोट के संज्ञान में लाकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता के अनुसार
जानकारी देते हुए बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि उन्हें सूचना प्राप्त हुई की गांव नवादा पार में एक नाबालिग लड़की की शादी होनी है। सूचना मिलने पर वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वहां जाकर लड़की पक्ष से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान लड़की के सभी दस्तावेज चेक किए गए। लड़की के स्कूल के दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि मार्च 2005 की मिली। यानी दस्तावेजों के आधार पर लड़की अभी महज 16 साल की थी। इसके बाद लड़के पक्ष को फोन पर बात कर अपने कार्यालय बुलाया। जहां लड़का पक्ष मौजूद हुआ और लड़के के दस्तावेजों को चेक किया गया, जिसमें लड़का भी नाबालिग पाया गया। लड़के की उम्र दस्तावेजों के आधार पर 19 साल थी।
इन कारणों से हो रही थी बाल विवाह
लड़की के पिता ने बताया कि वह पेशे से श्रमिक हैं। यह अपनी बेटी की शादी गरीबी और अज्ञानता के चलते कर रहे थे। साथ ही वह खुद हार्ट पेशेंट है, उनकी तमन्ना थी कि उनके जीते जी उनकी बेटी की शादी हो जाए। वही लड़के पक्ष से लड़के का कहना है कि उसकी चार बड़ी बहने हैं, जो कि चारों विवाहित हैं। तीन भाई व एक छोटी बहन है। अब घर में कोई रोटी बनाने वाला नहीं था, क्योंकि मां की तबीयत सही नहीं रहती है। इसी के चलते वह शादी कर रहा था।
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बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं: थाने में युवक संग जाने को अड़ी 19 वर्षीय छात्रा, दो दिन पहले गई थी साथ
युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
हरियाणा के रोहतक के जिले में कॉलेज से दो दिन पहले एक युवक संग गई युवती को पुलिस ने बरामद कर लिया। हालांकि युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
कॉलेज गई थी प्रवेश पत्र लेने
लाखन माजरा थाना क्षेत्र के एक गांव से छात्रा मंगलवार सुबह कॉलेज के लिए यह कहकर निकली थी कि आगामी परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र लेने जा रही हूं। उसके वापस न लौटने पर परिजनों ने काफी खोज खबर की।रातभर छात्रा की खोज-खबर करने के बाद बुधवार सुबह पुलिस को सूचना दी। छात्रा के पिता ने थाना लाखन माजरा में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने छात्रा व युवक को वीरवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। दोनों को थाना लाया गया। यहां छात्रा ने युवक संग जाने की रट लगा दी।
कोर्ट में होंगे पेश
मामले में थाना लाखन माजरा एसएचओ अब्दुल्ला खान का कहना है कि छात्रा बालिग है। छात्रा व युवक को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां उनके बयानों के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। युवक व छात्रा को कोर्ट ले जाने की तैयारी की जा रही है।
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