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सिंचाई घोटाले के कुछ मामलों से उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को राहत
– एसीबी के एडीजी ने कहा- सिंचाई घोटाले के नौ मामलों को बंद करने का निर्णय
– जांच में नहीं मिले थे कोई सबूत, मामला बंद होने पर आश्चर्य नहीं : दमानिया
मुंबई,(नसीब सैनी)।
महाराष्ट्र के बहुचर्चित 70 हजार करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले के कुछ मामलों से उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को राहत मिली है। घोटाले की जांच कर रही एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने कुछ मामले में अजीत पवार को क्लिनचिट दी है। एसीबी के अपर महानिदेशक विपिन कुमार सिंह द्वारा सोमवार को जारी आदेश में कहा गया है कि सिंचाई घोटाले के नौ मामलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। एसीबी के महानिदेशक परमबीर सिंह ने बताया कि सिंचाई घोटाले से जुड़े तीन हजार कांट्रैक्ट की जांच बंद की गई है। इन मामलों में अगर कुछ नया इनपुट मिला तो फिर से जांच शुरू की जा सकती है। सिंचाई घोटाले के अन्य मामलों की जांच पूर्ववत जारी है।महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से जारी राजनीतिक उठापटक के कारण एसीबी के इस फैसले को वर्तमान की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि सिंचाई घोटाले एवं भ्रष्टाचार के अन्य मामलों के खिलाफ बेहद सक्रिय रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने कहा कि इस मामले में कोई सबूत नहीं मिले थे, इसलिए यह फाइल आज नहीं तो कल बंद होनी ही थी। इसलिए इस पर किसी भी तरह का आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि राज्य में सिंचाई घोटाले के संदर्भ में वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर एसीबी के कुछ प्रस्ताव राज्य के जल संसाधन विभाग के पास लंबित हैं। एसीबी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत विदर्भ सिंचाई विकास निगम के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव की मंजूरी की आवश्यकता है। एसीबी नागपुर की एसपी रश्मि नांडेकर ने नवम्बर के प्रथम सप्ताह में कहा था कि प्राथमिकी दर्ज कराने की मंजूरी से संबंधित प्रस्ताव पिछले एक वर्ष से जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव के पास लंबित है। नांडेकर ने सिंचाई घोटाले में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की संलिप्तता से जड़े सवाल पर कहा था कि किसी भी मामले में उनकी भूमिका सामने नहीं आयी है।
कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार में सिंचाई मंत्री थे अजीत
महाराष्ट्र में वर्ष 1999 से 2014 तक लगातार 15 वर्ष तक कांग्रेस-एनसीपी की गठबंधन सरकार थी। इस दौरान अजीत पवार मंत्री थे। उनके पास कुछ समय तक सिंचाई विभाग का भी प्रभार था। पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्ववाली कांग्रेस-एनसीपी सरकार में वह करीब चार साल तक उपमुख्यमंत्री भी रहे थे। वर्ष 2012 में घोटाले का आरोप लगने के बाद अजीत पवार ने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन एक महीने बाद उनको फिर मंत्रिपरिषद में शामिल कर लिया गया था। अजीत पवार पर आरोप लगा था कि उन्होंने मंत्री रहते हुए सिंचाई से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं में करीब 70 हजार करोड़ रुपये की अनियमितता की है।
नसीब सैनी
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ITBP सब इंस्पेक्टर के खाते से 2.59 लाख उड़ाए: हिमाचल से लौटते समय बस में चोरी हुआ ATM कार्ड और मोबाइल; एक चूक से पकड़ा गया बदमाश
सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
हरियाणा के रेवाड़ी में ITBP में तैनात सब इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन व ATM कार्ड चोरी कर उनके खाते से 2 लाख 59 हजार रुपए साफ कर दिए। सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल के अवैरी बैजनाथ निवासी रमेश चंद ITBP में रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित कैंप में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। रमेश चंद ने बताया कि कुछ समय पहले वह छुट्टी पर घर गए थे। छुट्टी खत्म होने के बाद वह ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए 28 दिसंबर को रेवाड़ी बस स्टैंड पहुंचे थे। बस स्टैंड से जाटूसाना जाने के लिए बस में सवार होते समय किसी ने भीड़ में उनका एटीएम व मोबाइल चोरी कर लिया। उसके बाद मोबाइल व एटीएम के जरिए ही खाते से 259000 हजार रुपए निकाल लिए।
जांच करने पर आरोपी की पहचान जाटव मोहल्ला रामपुरा निवासी लोकेश पालिया के रूप में हुई। जिसमें 20200 रुपए अपने अकाउंट में ड्रांसफर किए जबकि एक लाख रुपए खाते से निकाले गए। बाकी लेनदेन पेटीएम से किया गया। पूरी जानकारी हासिल करने के बाद रमेश चंद ने इसकी शिकायत बस स्टैंड चौकी पुलिस को दी। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी लोकेश पालिया की तलाश शुरू कर दी है। गुरुवार को पुलिस ने लोकेश के घर दबिश भी दी, लेकिन वह नहीं मिला। बस स्टैंड चौकी पुलिस के अनुसार जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
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पानीपत में रोका बाल विवाह: लड़का और लड़की दोनों थे नाबालिग, शपथ पत्र लेकर फिलहाल रोकी गई शादी
लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई तो लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है।
हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बाल विवाह रुकवाया है। अधिकारी ने सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को किया। लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई। जिसमें लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है। दोनों पक्षों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल शादी पर रोक लगा दी है। वहीं 4 जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद मामला कोट के संज्ञान में लाकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता के अनुसार
जानकारी देते हुए बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि उन्हें सूचना प्राप्त हुई की गांव नवादा पार में एक नाबालिग लड़की की शादी होनी है। सूचना मिलने पर वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वहां जाकर लड़की पक्ष से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान लड़की के सभी दस्तावेज चेक किए गए। लड़की के स्कूल के दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि मार्च 2005 की मिली। यानी दस्तावेजों के आधार पर लड़की अभी महज 16 साल की थी। इसके बाद लड़के पक्ष को फोन पर बात कर अपने कार्यालय बुलाया। जहां लड़का पक्ष मौजूद हुआ और लड़के के दस्तावेजों को चेक किया गया, जिसमें लड़का भी नाबालिग पाया गया। लड़के की उम्र दस्तावेजों के आधार पर 19 साल थी।
इन कारणों से हो रही थी बाल विवाह
लड़की के पिता ने बताया कि वह पेशे से श्रमिक हैं। यह अपनी बेटी की शादी गरीबी और अज्ञानता के चलते कर रहे थे। साथ ही वह खुद हार्ट पेशेंट है, उनकी तमन्ना थी कि उनके जीते जी उनकी बेटी की शादी हो जाए। वही लड़के पक्ष से लड़के का कहना है कि उसकी चार बड़ी बहने हैं, जो कि चारों विवाहित हैं। तीन भाई व एक छोटी बहन है। अब घर में कोई रोटी बनाने वाला नहीं था, क्योंकि मां की तबीयत सही नहीं रहती है। इसी के चलते वह शादी कर रहा था।
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बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं: थाने में युवक संग जाने को अड़ी 19 वर्षीय छात्रा, दो दिन पहले गई थी साथ
युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
हरियाणा के रोहतक के जिले में कॉलेज से दो दिन पहले एक युवक संग गई युवती को पुलिस ने बरामद कर लिया। हालांकि युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
कॉलेज गई थी प्रवेश पत्र लेने
लाखन माजरा थाना क्षेत्र के एक गांव से छात्रा मंगलवार सुबह कॉलेज के लिए यह कहकर निकली थी कि आगामी परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र लेने जा रही हूं। उसके वापस न लौटने पर परिजनों ने काफी खोज खबर की।रातभर छात्रा की खोज-खबर करने के बाद बुधवार सुबह पुलिस को सूचना दी। छात्रा के पिता ने थाना लाखन माजरा में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने छात्रा व युवक को वीरवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। दोनों को थाना लाया गया। यहां छात्रा ने युवक संग जाने की रट लगा दी।
कोर्ट में होंगे पेश
मामले में थाना लाखन माजरा एसएचओ अब्दुल्ला खान का कहना है कि छात्रा बालिग है। छात्रा व युवक को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां उनके बयानों के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। युवक व छात्रा को कोर्ट ले जाने की तैयारी की जा रही है।
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