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महाराष्ट्र में नई सरकार पर संशय बरकरार
—कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माणिकराव ठाकरे के मुताबिक एनसीपी मुखिया शरद पवार के कहने पर शिवसेना को समर्थन पत्र देने पर एक दिन का विलंब हुआ


मुंबई,(नसीब सैनी)।
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन पर कांग्रेस और एनसीपी खेमे में हलचल तेज हो गई है। कुछ ही देर में एनसीपी कोर कमेटी की बैठक में कांग्रेस-शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर निर्णय लिया जाएगा। एनसीपी की नेताओं की दो अहम बैठकें होने वाली हैं। इधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल एनसीपी नेताओं के साथ बैठक करेंगे।

नई दिल्ली में कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक चल रही है। मुंबई में एनसीपी मुखिया शरद पवार और सांसद सुप्रिया सुले ने लीलावती अस्पताल जाकर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत से मुलाकात की। इसके बाद दोनों पार्टी विधायकों के साथ होनेवाली बैठक में शामिल होने के लिए निकले। राउत ने ट्वीट किया कि हम होंगे कामयाब। मुख्यमंत्री आवास वर्षा में शाम चार बजे भाजपा कोर कमेटी की बैठक पर भी लोगों की निगाह लगी हुई है।

सोमवार को शिवसेना ने सरकार बनाने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी। परंतु कांग्रेस-एनसीपी का समर्थन पत्र नहीं मिलने से शिवसेना को और समय देने से राज्यपाल ने इंकार कर दिया था। राज्यपाल ने तीसरे नंबर की पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया है। एनसीपी को रात साढ़े आठ बजे तक विधायकों के नाम, हस्ताक्षर और पते के साथ राज्यपाल को सूची सौंपनी है।
एनसीपी विधायक दल नेता अजीत पवार के अनुसार इतने कम समय में विधायकों को जुटाना संभव नहीं है। कांग्रेस से बातचीत करने के बाद ही एनसीपी अगला कदम उठाएगी। पवार के बयानों पर गौर करें तो कांग्रेस और एनसीपी के बीच भी सहमति नहीं बन पाई है। कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन पत्र समय पर न मिलने से शिवसेना खेमे में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माणिकराव ठाकरे के मुताबिक एनसीपी मुखिया शरद पवार के कहने पर शिवसेना को समर्थन पत्र देने पर एक दिन का विलंब हुआ। इसके जवाब में अजीत पवार ने कहा कि यदि शिवसेना को एनसीपी समर्थन पत्र दे देती तब भी कुछ नहीं होता। कांग्रेस का भी समर्थन जरूरी था। कांग्रेस के विधायक जयपुर में हैं, लिहाजा बातचीत नहीं हो सकी है।
पवार ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर 15 साल सरकार चलाई है, लेकिन शिवसेना के साथ हमने कभी सरकार नहीं चलाई है। स्थिर सरकार बनाने है तो सभी पहलुओं पर विचार करके तीनों पार्टियों को निर्णय लेना होगा। साझा कार्यक्रम हो या राज्य के किसानों का मसला सभी मुद्दों पर गौर करके आगे का निर्णय लिया जाएगा। कांग्रेस से बातचीत करने के बाद ही एनसीपी आगे का निर्णय लेगी।
नसीब सैनी
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घाटी में हालात सामान्य, प्रशासन के निर्णय के बाद होगी नेताओं की रिहाईः अमित शाह
—शाह सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन के पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे।


नई दिल्ली, (नसीब सैनी)
केंद्र सरकार ने कहा है कि कश्मीर घाटी में स्थिति सामान्य है और प्रशासन के द्वारा निर्णय लिए जाने के बाद एहतियात के तौर पर गिरफ्तार किए गए राजनीतिक दलों के नेताओं को रिहा कर दिया जाएगा।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि जहां तक घाटी और स्थानीय जनता का सवाल है तो उनकी स्थिति सामान्य है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कहा था कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर घाटी में दंगे हो जाएंगे, किंतु ऐसा कुछ नही हुआ। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जहां तक कांग्रेस की स्थिति का सवाल है तो वह उसे सामान्य नहीं कर सकते।

शाह सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन के पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे।

गृहमंत्री ने राजनीतिक दलों के नेताओं की रिहाई के बारे में कहा कि सरकार को किसी को भी ज्यादा दिन हिरासत में रखने की मंशा नही है और ज्यों ही कश्मीर का प्रशासन निर्णय लेगा नेताओं की रिहाई हो जाएगी। उन्होंने कहाकि कांग्रेस सरकारों के उलट मौजूदा सरकार स्थानीय प्रशासन के कामकाज में दखल नही देती है।
नसीब सैनी
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नागरिकता संशोधन पर अमेरिकी आयोग का बयान एकतरफा और पूर्वाग्रह से ग्रसित : विदेश मंत्रालय
–उन्होंने कहा, “विधेयक उत्पीड़न के शिकार लोगों की वर्तमान कठिनाइयों को दूर करने और उन्हें बुनियादी मानवाधिकार देने से जुड़ा प्रयास है


नई दिल्ली,(नसीब सैनी)।
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को ‘अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग’ (यूएससीआईआरएफ) के नागरिकता संशोधन विधेयक और गृहमंत्री अमित शाह पर दिए बयान को एकतरफा और पूर्वाग्रह से ग्रसित बताया है। मंत्रालय का कहना है कि अमेरिका सहित हर देश को अपने नागरिकों की पहचान करने का अधिकार है।

उल्लेखनीय है कि यूएससीआईआरएफ ने नागरिकता संशोधन विधेयक को गलत दिशा में उठाया कदम बताया है और राज्यसभा में विधेयक के पारित होने के बाद अमित शाह पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि यूएससीआईआरएफ पहले भी इस तरह के बयान देता रहा है और इस बयान में कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं है। आयोग का अधूरी जानकारी के साथ कार्यक्षेत्र से बाहर के विषयों पर टांग अड़ाते हुए एकतरफा और पूर्वाग्रह से ग्रसित बयान देना अफसोसजनक है।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी आयोग द्वारा नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर दिया गया बयान गैर-जरूरी और तथ्यों से परे है। यह विधेयक भारत में पहले से रह रहे कुछ देशों में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों को शीघ्रता से भारतीय नागरिकता दिए जाने पर विचार करने से जुड़ा प्रावधान है।

उन्होंने कहा, “विधेयक उत्पीड़न के शिकार लोगों की वर्तमान कठिनाइयों को दूर करने और उन्हें बुनियादी मानवाधिकार देने से जुड़ा प्रयास है। इस तरह की पहल का स्वागत किया जाना चाहिए न कि धार्मिक स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध लोगों द्वारा इसकी आलोचना की जानी चाहिए।”

रवीश ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक किसी भी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता लेने से नहीं रोकता है। भारत का इस संबंध में रिकॉर्ड पूरी तरह से निष्पक्ष है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) किसी भी समुदाय से जुड़े किसी भी भारतीय से उसकी नागरिकता छीनने नहीं जा रहा है।
नसीब सैनी
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भारत से जुड़ेगा थाईलैंड का रानोंग बन्दरगाह: थाई राजदूत
– वायु, सड़क व समुद्र परिवहन से ——–भारत-म्यांमार का विश्व में दखल बढ़ेगा- थाई राजकुमारी की भारत यात्रा से भारत-थाई सम्बंध और प्रगाढ़ होंगे


कुशीनगर,(नसीब सैनी)।
इंडो-थाई के मध्य व्यापार को और विकसित करने के लिए दोनों देश समुद्र के रास्ते से भी जुड़ेंगे। थाईलैंड के रानोंग बंदरगाह व भारत के चेन्नई व अंडमान बन्दरगाह को समुद्र मार्ग से जोड़ने की योजना पर दोनों देश कार्य कर रहे हैं।

नई दिल्ली स्थित थाईलैंड के राजदूत शूतिनथोन खोंगसक ने मंगलवार को कुशीनगर में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। राजदूत थाई राजकुमारी के फरवरी 2020 में कुशीनगर आगमन के मद्देनजर तैयारियों का जायजा लेने आए हुए हैं। थाई राजदूत ने बताया कि भारत और थाईलैंड पहले से ही वायुसेवा से जुड़े हुए हैं। दोनों देशों के मध्य सड़क निर्माण का कार्य तेजी से पूर्ण होने की कगार पर है। वायु, सड़क व समुद्र परिवहन की सेवाएं जब एक साथ परिचालन में आएंगी, तब उद्योग व्यापार के क्षेत्र में भारत-म्यांमार का विश्व में दखल बढ़ेगा।

थाईलैंड ट्राइलैटरल हाई-वे की प्रगति की जानकारी देते हुए राजदूत ने बताया कि भारत के सहयोग से निर्माण चल रहा है। ट्राइलैटरल हाइवे से वियतनाम को भी जोड़ने की योजना है। 1400 किमी ट्राइलैटरल हाइवे का निर्माण भारत के सहयोग से 2016 से निर्माणाधीन है। यह भारत के मोरे से म्यांमार के तामूर नगर होते हुए थाईलैंड के मेई सेत जिले के ताक तक जाएगा। यह भारत को जमीन के रास्ते दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ने की योजना है। इन परियोजनाओं के पूर्ण हो जाने के बाद पर्यटन, व्यापार में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ सम्बंधित देशों के मध्य मैत्री सम्बंध और गहरे होंगे।

राजदूत बोले कि कंबोडिया, लाओस व मलेशिया से थाईलैंड का सर्वाधिक बॉर्डर ट्रेड है। सड़क मार्ग से जुड़ जाने से भारत से भी बॉर्डर ट्रेड बढ़ जाएगा। राजदूत बोले कि आसियान देशों को भी सड़क व वायुमार्ग से जोड़ने की योजना है। राजदूत ने विश्वास जताया कि थाई राजकुमारी की भारत भ्रमण यात्रा से हजारों वर्ष से चले आ रहे भारत-थाई सम्बंध और प्रगाढ़ होंगे।
नसीब सैनी
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