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आत्महत्या या हत्या के मामले में उलझी पानीपत पुलिस
पानीपत, 13 जुलाई। लोहा व्यापारी रितेश गर्ग, उसके दोनों बच्चों पुत्र वंश व पुत्री पुष्टी की हत्या की गई या फिर तीनों ने आत्महत्या की.. इसे लेकर पानीपत की थाना चांदनी बाग पुलिस उलझन में है। इस मामले में अब पुलिस को रितेश की पत्नी रेखा गर्ग के होश में आने का इंतजार है। रेखा घटनास्थल पर फर्श पर बेहोशी की हालत में मिली थी। वहीं रेखा जिस स्थल पर पड़ी मिली उसके उपर छत पर कुंडे में फंदा टूटी हालत में लटका मिला था और फंदे का एक हिस्सा रेखा के गले में बंधा हुआ था। रेखा ने आत्महत्या की चेष्टा की या फिर उसकी हत्या की चेष्टा की गई इसकी भी पुलिस जांच कर रही है।
गुरुवार की रात को रितेश के किराये पर लिए घर के चार कमरों में क्या हुआ था इस सच्चाई को जानने के लिए पुलिस हरसंभव प्रयास कर रही है। पुलिस अधिकारियों की एक टीम पुलिस मुख्यालय की साइबर सेल में बैठी है और रितेश गर्ग, इसकी पुत्री पुष्टी व पुत्र वंश, पत्नी रेखा के मोबाइल के कॉल डिटेल, व्हाट्सअप, फेसबुक अकाउंट, एसएमएस की जांच कर रही है। वहीं पुलिस ने जांच में रितेश के घर की बालकानी से जले हुए कागजातों की राख भी बरामद की है।
फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम ने जांच कर बताया है कि कागजातों में गुरुवार की शाम को आग लगाई गई है। वहीं पुलिस की अभी तक की जांच व रितेश और इनके बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम करने वाले फॉरेंसिक विशेषज्ञ चिकित्सक ने यह साफ कर दिया है कि रितेश की पुत्री व पुत्र की कपड़े से गला दबा कर हत्या की गई है। दोनों को किसी खाद पदार्थ में जहरीला पदार्थ या फिर बेहोशी की दवाई दी गई है। पोस्टमार्टम में यह भी पता चला कि तीनों की मौत गुरुवार की रात दस बजे से पहले हुई है।
दूसरी तरफ पुलिस की जांच में पता चला कि रितेश व दिनेश के पिता प्रकाश चंद्र गर्ग व माता सुशीला देवी आर्य समाज से जुड़े हुए थे और परिवार पर भी आर्य समाज का पूरा प्रभाव था, गर्ग परिवार मूर्ति पूजन व आडंबरों में विश्वास नहीं करता था। वहीं प्रकाश गर्ग व उनकी पत्नी सुशीला ने गृहस्थ जीवन से सन्यास ले रखा था। दोनों अधिकतर समय हरिद्वार में ही व्यतीत करते थे। गर्ग परिवार दान-पुण्य में भी बढ़-चढ़ कर भाग लेता था। गर्ग परिवार वैश्य एजुकेशन सोसायटी का सदस्य था और समाज में शिक्षा की ज्योति को बढ़ावा देने के लिए हमेशा तत्पर रहता था। रितेश जहां एक साल पहले ही अपने परिजनों व रिश्तेदारों की रजामंदी से अपने भाई दिनेश से कारोबारी रूप से अलग हुआ था, वहीं दोनों भाइयों के बीच कारोबार अलग होने के बाद भी रिश्ते सामान्य थे। रितेश दिसंबर माह में ही पानीपत आया था और उसने अनिल बत्रा का ही मकान किराये पर लिया। इस मकान में पहले उनका भाई दिनेश किराये पर रहता था।
पुलिस इस बात को लेकर उलझन में है कि रितेश ने अगर आत्महत्या की तो क्यों की। परिवार में धन का किसी भी तरह का अभाव नहीं था। परिवार का समाज में अच्छा खासा सम्मान था और किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं था। जो कागजात जली हालत में रितेश के किराये के घर से मिले उनके अंदर क्या राज दफन था। रितेश व उनकी पत्नी रेखा और सुसराल वालों के बीच संबंधी कैसे थे आदि पहलु को ध्यान में रखकर पुलिस रितेश व उसके दो बच्चों की दर्दनाक मौत की गुत्थी को सुलझाने में जुटी है।
पुलिस ने रितेश के भाई दिनेश गर्ग व उसके सुसराल वालों से बंद कमरे में गहन पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि रितेश के अपनी पत्नी व सुसराल वालों के साथ संबंध सामान्य नहीं थे, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है। इधर मीडिया से बातचीत में रितेश के मकान मालिक अनिल बत्रा ने बताया कि रितेश व उसके परिजना बहुत ही सभ्य नागरिक थे और परिवार में भगवान ने हर तरह की खुशी दे रखी थी। गर्ग परिवार जिंदादिल व मिलनसार था। गर्ग परिवार के कभी तेज बोलने की आवाज भी नहीं सुनी गई। परिवार के हालात को देख कर लगता है कि गर्ग परिवार पर आर्थिक समस्या तो कतई नहीं थी।
पुलिस ने इस केस की जांच के लिए अनिल बत्रा के मकान के उस हिस्से को फिलहाल जांच के लिए सील कर दिया है, जिसमें रितेश व उसके बच्चों के शव बरामद हुए है। वहीं इस घटना से हुडा सेक्टर-11 ही नहीं बल्कि पानीपत सिटी और समालखा शहर के लोगों में दहशत का माहौल है और इस मामले को लेकर लोग तरह तरह की चर्चा कर रहे है।
डीएसपी पानीपत मुख्यालय जगदीप दून ने बताया कि गुरुवार की रात को रितेश के घर पर क्या हुआ था, इसका सही पता तो रेखा गर्ग के होश में आने पर ही पता चल पाएगा। रितेश व उसके दो बच्चों की मौत के मामले में रेखा गर्ग के बयान अहम सबित होगे। उन्होंने बताया कि पुलिस रितेश, पुष्टी व वंश की मौत के मामले की गहन जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद ही व रेखा के होश में आने के बाद ही इस पूरे मामले का सच पता चल पाएगा। फिलहाल पुलिस पिता व उसके दो बच्चों की मौत के मामले में इससे अधिक और कुछ नहीं कह सकती। डीएसपी दून ने रितेश व उसके बच्चों की मौत के मामले को दिल्ली के बुराडी में एक घर में 11 लोगों की सामुहिक कथित आत्महत्या के मामले जैसा करार नहीं देते हुए बताया कि गर्ग परिवार आर्य समाजी था और आंडबरों में विश्वास नहीं करता था।
– थाना चांदनी बाग पुलिस को रेखा गर्ग के होश में आने का इंतजार
– पुलिस ने रितेश के परिजनों व रेखा के मायके वालों से की पूछताछ
– आर्य समाजी है गर्ग परिवार, आडंबरों में नहीं करता था विश्वास
– पुलिस का तीन मौतों के मामले में बुराड़ी जैसा केस होने से इनकार
चौथा खंभा न्यूज़ .com / नसीब सैनी/अभिषेक मेहरा
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ITBP सब इंस्पेक्टर के खाते से 2.59 लाख उड़ाए: हिमाचल से लौटते समय बस में चोरी हुआ ATM कार्ड और मोबाइल; एक चूक से पकड़ा गया बदमाश
सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
हरियाणा के रेवाड़ी में ITBP में तैनात सब इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन व ATM कार्ड चोरी कर उनके खाते से 2 लाख 59 हजार रुपए साफ कर दिए। सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल के अवैरी बैजनाथ निवासी रमेश चंद ITBP में रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित कैंप में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। रमेश चंद ने बताया कि कुछ समय पहले वह छुट्टी पर घर गए थे। छुट्टी खत्म होने के बाद वह ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए 28 दिसंबर को रेवाड़ी बस स्टैंड पहुंचे थे। बस स्टैंड से जाटूसाना जाने के लिए बस में सवार होते समय किसी ने भीड़ में उनका एटीएम व मोबाइल चोरी कर लिया। उसके बाद मोबाइल व एटीएम के जरिए ही खाते से 259000 हजार रुपए निकाल लिए।
जांच करने पर आरोपी की पहचान जाटव मोहल्ला रामपुरा निवासी लोकेश पालिया के रूप में हुई। जिसमें 20200 रुपए अपने अकाउंट में ड्रांसफर किए जबकि एक लाख रुपए खाते से निकाले गए। बाकी लेनदेन पेटीएम से किया गया। पूरी जानकारी हासिल करने के बाद रमेश चंद ने इसकी शिकायत बस स्टैंड चौकी पुलिस को दी। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी लोकेश पालिया की तलाश शुरू कर दी है। गुरुवार को पुलिस ने लोकेश के घर दबिश भी दी, लेकिन वह नहीं मिला। बस स्टैंड चौकी पुलिस के अनुसार जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
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पानीपत में रोका बाल विवाह: लड़का और लड़की दोनों थे नाबालिग, शपथ पत्र लेकर फिलहाल रोकी गई शादी
लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई तो लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है।
हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बाल विवाह रुकवाया है। अधिकारी ने सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को किया। लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई। जिसमें लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है। दोनों पक्षों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल शादी पर रोक लगा दी है। वहीं 4 जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद मामला कोट के संज्ञान में लाकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता के अनुसार
जानकारी देते हुए बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि उन्हें सूचना प्राप्त हुई की गांव नवादा पार में एक नाबालिग लड़की की शादी होनी है। सूचना मिलने पर वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वहां जाकर लड़की पक्ष से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान लड़की के सभी दस्तावेज चेक किए गए। लड़की के स्कूल के दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि मार्च 2005 की मिली। यानी दस्तावेजों के आधार पर लड़की अभी महज 16 साल की थी। इसके बाद लड़के पक्ष को फोन पर बात कर अपने कार्यालय बुलाया। जहां लड़का पक्ष मौजूद हुआ और लड़के के दस्तावेजों को चेक किया गया, जिसमें लड़का भी नाबालिग पाया गया। लड़के की उम्र दस्तावेजों के आधार पर 19 साल थी।
इन कारणों से हो रही थी बाल विवाह
लड़की के पिता ने बताया कि वह पेशे से श्रमिक हैं। यह अपनी बेटी की शादी गरीबी और अज्ञानता के चलते कर रहे थे। साथ ही वह खुद हार्ट पेशेंट है, उनकी तमन्ना थी कि उनके जीते जी उनकी बेटी की शादी हो जाए। वही लड़के पक्ष से लड़के का कहना है कि उसकी चार बड़ी बहने हैं, जो कि चारों विवाहित हैं। तीन भाई व एक छोटी बहन है। अब घर में कोई रोटी बनाने वाला नहीं था, क्योंकि मां की तबीयत सही नहीं रहती है। इसी के चलते वह शादी कर रहा था।
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बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं: थाने में युवक संग जाने को अड़ी 19 वर्षीय छात्रा, दो दिन पहले गई थी साथ
युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
हरियाणा के रोहतक के जिले में कॉलेज से दो दिन पहले एक युवक संग गई युवती को पुलिस ने बरामद कर लिया। हालांकि युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
कॉलेज गई थी प्रवेश पत्र लेने
लाखन माजरा थाना क्षेत्र के एक गांव से छात्रा मंगलवार सुबह कॉलेज के लिए यह कहकर निकली थी कि आगामी परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र लेने जा रही हूं। उसके वापस न लौटने पर परिजनों ने काफी खोज खबर की।रातभर छात्रा की खोज-खबर करने के बाद बुधवार सुबह पुलिस को सूचना दी। छात्रा के पिता ने थाना लाखन माजरा में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने छात्रा व युवक को वीरवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। दोनों को थाना लाया गया। यहां छात्रा ने युवक संग जाने की रट लगा दी।
कोर्ट में होंगे पेश
मामले में थाना लाखन माजरा एसएचओ अब्दुल्ला खान का कहना है कि छात्रा बालिग है। छात्रा व युवक को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां उनके बयानों के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। युवक व छात्रा को कोर्ट ले जाने की तैयारी की जा रही है।
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