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फूड पार्क मामले को लेकर तथ्य खंगालने में लगा विपक्ष
नई दिल्ली, 09 जून।
यूपी के नोएडा में बनने वाले पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क के लिए जमीन आवंटन के मामले को लेकर विपक्षी पार्टियां तथ्य खंगालने में जुटी हैं। इस प्रकार के फूड पार्क के लिए जमीन आवंटन को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि क्या इस प्रकार के प्रोजेक्ट सिर्फ खास कम्पनियों को ही दिए जा रहे हैं।
यूपी के नोएडा में बनने वाले पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क के लिए जमीन आवंटन यूपी सरकार द्वारा रद्द किए जाने से शुरू हुए बवाल के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने बाबा रामदेव से बात कर मामले को जल्द सुलझाने का भरोसा भी दिलाया है। इस प्रोजेक्ट को लेकर यह भी दावा किया जा रहा है कि इसके शुरू होने के बाद 08 हजार से ज्यादा लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा। इसी मामले को लेकर राज्य सरकार ने भी नर्म रुख अपनाया है। मगर सरकार का पक्ष है किजब तक कम्पनी जमीन का टाइटल (कंपनी के नाम जमीन होने के कागजात) पेश नहीं करती तथा किसी बैंक से परियोजना के वित्त पोषण या फाइनेंशियल क्लोजर के लिए करार नहीं होता सरकार फाइनल अप्रूवल नहीं दे सकती।
इन्हीं मुद्दों को लेकर अब विपक्षी पार्टी प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े कर रही है। जमीन आवंटन की प्रक्रिया और कम्पनियों के चयन पर निशाना साधा जा रहा है। साथ ही विपक्ष का कहना है कि कहीं इस प्रकार के फूड पार्क या अन्य प्रोजेक्ट लैंड बैंक बनाने की कोशिश तो नहीं है। वहीं, कम्पनियां की मंशा पर संदेह किया जा रहा है कि इस प्रकार की जल्दबाजी कहीं रेवेन्यू बचाने की जुगत तो नहीं। साथ ही, विपक्ष ने जवाब मांगा है कि आखिर फूड पार्क बनाने के लिए क्या क्वालीफिकेशन रखी गई है।
पतंजलि समूह की सैकड़ों कम्पनियों में से एक प्रा.लि. कम्पनी विशेष को उत्तर प्रदेश की तत्कालीन अखिलेश सरकार ने जो 445 एकड़ जमीन अलॉट की। उस दस्तावेज में लिखा गया है, “अवस्थापना व औद्योगिक निवेश नीति-2012 के अंतर्गत शासनादेश दिनांक 02-11-2016 द्वारा 445 एकड़ भूमि यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटित की गई”।
जमीन जिस प्रा.लि.कम्पनी विशेष को आवंटित की गई उसकी ही एक दूसरी सब्सीडियरी प्रा.लि. कम्पनी को केन्द्र सरकार के खाद्य व प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा मेगा एवं फूड पार्क स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक अनुमोदन प्रदान किया गया। कम्पनी विशेष प्रा.लि. द्वारा दिनांक 23.03.18 को उसे पूर्व आवंटित 445 एकड़ भूमि में से 91 एकड़ भूमि को उसकी दूसरी सब्सीडियरी प्रा.लि. कम्पनी को कतिपय शर्तों पर हस्तांतरित करने की मांग की गई है।
इसी मांग के बाद एक पेच फंसा क्योंकि जिस प्रा.लि. कम्पनी विशेष को 445 एकड़ जमीन अखिलेश सरकार ने आवंटित किया था, वह कम्पनी उस जमीन में से 91 एकड़ जमीन अपनी एक सब्सीडियरी प्रा.लि. कम्पनी को हस्तांतरित कराना चाहती है। यह 91 एकड़ जमीन जब एक कम्पनी से दूसरी कम्पनी को दिया जायेगा तो उसकी अलग से रजिस्ट्री करानी पड़ेगी, जिस पर करोड़ों रुपये रजिस्ट्री चार्ज देना पड़ेगा। पहली कम्पनी को जमीन अलॉट होने की शर्तों व अन्य तरह के भी पचड़े हैं। इसी को लेकर फाइल रुकी पड़ी थी, जिससे नाराज इन प्कम्पनियों के कर्ता-धर्ताओं ने काम कराने के लिए, दबाव बनाने के लिए तरह-तरह के उपक्रम किये। योजना कहीं और ले जाने का बयान देकर दबाव बनाया। उसके बाद फाइल आगे बढ़ी है। जिसके बारे में संबंधित दस्तावेज में लिखा है, “पूर्व हस्तांतरण प्रस्ताव मंत्री परिषद से अनुमोदित था। अत: पूर्व प्रस्ताव की शर्तों में संशोधन हेतु मंत्री परिषद के अनुमोदनार्थ प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत किया जा रहा है”।
इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय के एक वकील का कहना है कि करोड रुपये रजिस्ट्री चार्ज नहीं देना पड़े, इसीलिए तो यह विवाद खड़ा हुआ है। राज्य सरकार अब इसके लिए जो करेगी वह एक नये विवाद को जन्म देगा क्योंकि यह अब आर्थिक व राजनीतिक मुद्दा बन गया है। इस पर विपक्षी राजनीतिक दल नजर बनाए हुए हैं। इस प्रा.लि. कम्पनी समूह की कितनी घोषित, अघोषित कम्पनियां हैं, इनमें कितने को किन-किन राज्यों में कितन-कितने एकड़ जमीन, किन शर्तों पर, कितनी छूट पर दी गई हैं, इसका ब्यौरा जुटा रहे हैं। यह भी पता लगा रहे हैं कि फूड पार्क आदि बनाने के लिए मूल जरूरत के मुताबिक कितने एकड़ जमीन होनी चाहिए। उससे अधिक कितने सौ एकड़ जमीन अधिक देकर इस प्रा.लि. कम्पनी समूह को लैंड बैंक बनाने में मदद की जा रही है। इस प्रा.लि. कम्पनी व इसकी सब्सीडियरी प्रा.लि.कम्पनियों में कौन-कौन लोग सीईओ, निदेशक आदि हैं, उनकी डिग्री क्या है, फर्जी है या असली है, इसकी कितनी ऐसी सब्सीडियरी कम्पनियां हैं जो शेल कम्पनी की तरह बनाकर रखी गई हैं। साथ ही किस-किस पते पर रजिस्टर्ड हैं। ऐसे में विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर तथ्य जुटाने में लगी हैं।
चौथा खंभा न्यूज़ .com / नसीब सैनी/अभिषेक मेहरा
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ITBP सब इंस्पेक्टर के खाते से 2.59 लाख उड़ाए: हिमाचल से लौटते समय बस में चोरी हुआ ATM कार्ड और मोबाइल; एक चूक से पकड़ा गया बदमाश
सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
हरियाणा के रेवाड़ी में ITBP में तैनात सब इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन व ATM कार्ड चोरी कर उनके खाते से 2 लाख 59 हजार रुपए साफ कर दिए। सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल के अवैरी बैजनाथ निवासी रमेश चंद ITBP में रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित कैंप में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। रमेश चंद ने बताया कि कुछ समय पहले वह छुट्टी पर घर गए थे। छुट्टी खत्म होने के बाद वह ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए 28 दिसंबर को रेवाड़ी बस स्टैंड पहुंचे थे। बस स्टैंड से जाटूसाना जाने के लिए बस में सवार होते समय किसी ने भीड़ में उनका एटीएम व मोबाइल चोरी कर लिया। उसके बाद मोबाइल व एटीएम के जरिए ही खाते से 259000 हजार रुपए निकाल लिए।
जांच करने पर आरोपी की पहचान जाटव मोहल्ला रामपुरा निवासी लोकेश पालिया के रूप में हुई। जिसमें 20200 रुपए अपने अकाउंट में ड्रांसफर किए जबकि एक लाख रुपए खाते से निकाले गए। बाकी लेनदेन पेटीएम से किया गया। पूरी जानकारी हासिल करने के बाद रमेश चंद ने इसकी शिकायत बस स्टैंड चौकी पुलिस को दी। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी लोकेश पालिया की तलाश शुरू कर दी है। गुरुवार को पुलिस ने लोकेश के घर दबिश भी दी, लेकिन वह नहीं मिला। बस स्टैंड चौकी पुलिस के अनुसार जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
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पानीपत में रोका बाल विवाह: लड़का और लड़की दोनों थे नाबालिग, शपथ पत्र लेकर फिलहाल रोकी गई शादी
लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई तो लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है।
हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बाल विवाह रुकवाया है। अधिकारी ने सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को किया। लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई। जिसमें लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है। दोनों पक्षों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल शादी पर रोक लगा दी है। वहीं 4 जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद मामला कोट के संज्ञान में लाकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता के अनुसार
जानकारी देते हुए बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि उन्हें सूचना प्राप्त हुई की गांव नवादा पार में एक नाबालिग लड़की की शादी होनी है। सूचना मिलने पर वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वहां जाकर लड़की पक्ष से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान लड़की के सभी दस्तावेज चेक किए गए। लड़की के स्कूल के दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि मार्च 2005 की मिली। यानी दस्तावेजों के आधार पर लड़की अभी महज 16 साल की थी। इसके बाद लड़के पक्ष को फोन पर बात कर अपने कार्यालय बुलाया। जहां लड़का पक्ष मौजूद हुआ और लड़के के दस्तावेजों को चेक किया गया, जिसमें लड़का भी नाबालिग पाया गया। लड़के की उम्र दस्तावेजों के आधार पर 19 साल थी।
इन कारणों से हो रही थी बाल विवाह
लड़की के पिता ने बताया कि वह पेशे से श्रमिक हैं। यह अपनी बेटी की शादी गरीबी और अज्ञानता के चलते कर रहे थे। साथ ही वह खुद हार्ट पेशेंट है, उनकी तमन्ना थी कि उनके जीते जी उनकी बेटी की शादी हो जाए। वही लड़के पक्ष से लड़के का कहना है कि उसकी चार बड़ी बहने हैं, जो कि चारों विवाहित हैं। तीन भाई व एक छोटी बहन है। अब घर में कोई रोटी बनाने वाला नहीं था, क्योंकि मां की तबीयत सही नहीं रहती है। इसी के चलते वह शादी कर रहा था।
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बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं: थाने में युवक संग जाने को अड़ी 19 वर्षीय छात्रा, दो दिन पहले गई थी साथ
युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
हरियाणा के रोहतक के जिले में कॉलेज से दो दिन पहले एक युवक संग गई युवती को पुलिस ने बरामद कर लिया। हालांकि युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
कॉलेज गई थी प्रवेश पत्र लेने
लाखन माजरा थाना क्षेत्र के एक गांव से छात्रा मंगलवार सुबह कॉलेज के लिए यह कहकर निकली थी कि आगामी परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र लेने जा रही हूं। उसके वापस न लौटने पर परिजनों ने काफी खोज खबर की।रातभर छात्रा की खोज-खबर करने के बाद बुधवार सुबह पुलिस को सूचना दी। छात्रा के पिता ने थाना लाखन माजरा में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने छात्रा व युवक को वीरवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। दोनों को थाना लाया गया। यहां छात्रा ने युवक संग जाने की रट लगा दी।
कोर्ट में होंगे पेश
मामले में थाना लाखन माजरा एसएचओ अब्दुल्ला खान का कहना है कि छात्रा बालिग है। छात्रा व युवक को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां उनके बयानों के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। युवक व छात्रा को कोर्ट ले जाने की तैयारी की जा रही है।
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