बिहार
मुंगेर शहर में जूते-चप्पल की दुकान में लगी भीषण आग
मुंगेर, 04 जून 
मुंगेर जिला मुख्यालय के व्यस्त बाटा चौक पर एक चमड़े के चप्पल-जूते की तीन मंजिली-दुकान में सोमवार अपराह्न लगभग एक बजे आग लग गई। आग इतनी भयानक थी कि यह उपरी मंजिल से फैलते-फैलते नीचे के तल्ले तक पहुंच गई जिसमें लाखों रुपये के मूल्य के चमड़े के चप्पल-जूते जलकर राख हो गए।
इस भीषण आग पर काबू पाने में अग्निशामक-दस्ते के विफल हो जाने के बाद मुख्य बाजार के दुकानदारों ने आग के फैलने के डर से अपनी-अपनी दुकानें बन्द कर दीं।
मुंगेर रेडिमेड-होजियरी व्यापारी संघ के अध्यक्ष मनोज जैन ने अग्निशामक सेवा को अपर्याप्त और त्रुटिपूर्ण बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आग बुझाने के लिए तीन अग्नि-शामक दस्ता घटनास्थल पर पहुंचा किन्तु तीनों नाकामयाब रहा। दो अग्नि-शामक दस्तों के इंजन ठीक से काम ही नहीं कर रहे थे जबकि एक अग्निशामक दस्ते के पास पर्याप्त पानी का भंडार ही नहीं था। बाद में जिला प्रशासन के वरिष्ठ पदाधिकारी ने घटनास्थल पर पहुंचकर बिजली विभाग की मदद से अतिरिक्त पानी के टैंकर की व्यवस्था कर आग पर काबू पाया।
चौथा खंभा न्यूज़ .com / नसीब सैनी/अभिषेक मेहरा


पटना,(नसीब सैनी)।
देशभर में रेप की वारदातों को लेकर जनता में गुस्सा है। उसके बाद भी गैंग रेप के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस बीच, पटना के पाटलिपुत्र इलाके में एक लड़की के साथ गैंग रेप का मामला प्रकाश में आया है। इस बाबत लड़की ने खुद ही महिला थाने में केस दर्ज कराई है। शिकायत के बाद पुलिस हरकत में आ गई है और आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।

गैंग रेप के आरोपितों में एक अधिकारी का बेटा और उसके कई दोस्त शामिल बताये जाते हैं। दुस्साहस देखिये कि आरोपितों ने लड़की को यह भी धमकी दी है कि इस बात को ज्यादा तूल दोगी तो तुम्हारे भाई की हत्या और तुम्हारा वीडियो वायरल कर देंगे। 20 वर्षीय पीड़ित लड़की के साथ अधिकारी के बेटे ने चार दोस्तों के साथ वारदात को अंजाम दिया है। समाचार लिखे जाने तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है।
नसीब सैनी
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दिल्ली अग्निकांड : नवीन का शव बड़ी जाना गांव पहुँचते ही गम में डूबे ग्रामीण
–शव आते ही ग्रामीण के साथ-साथ आसपास के गांव वालों का भी हुजूम उमड़ पड़ा


बेगूसराय,(नसीब सैनी)।
दिल्ली में अनाज मंडी इलाके में हुए अग्निकांड के मृतकों में शामिल बेगूसराय के नवीन कुमार का शव मंगलवार की देर रात उसके पैतृक गांव पहुंचा। रात करीब दस बजे शव गांव में आते ही परिजनों के करुण क्रंदन से पूरा इलाका रो उठा। साथ में दिल्ली से ही आ रहे मृतक के भाई मनोज कुमार पल-पल का लोकेशन दे रहे थे। इसके कारण शाम से ही बड़ी जाना में मृतक के घर सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी हुई थी।

शव आते ही ग्रामीण के साथ-साथ आसपास के गांव वालों का भी हुजूम उमड़ पड़ा। दरवाजे पर जैसे ही एंबुलेंस पहुंची, परिजनों के चीत्कार से एक बार फिर पूरा बड़ी जाना गांव गूंजने लगा। मृतक नवीन की मां अनीता देवी का हाल रोते-रोते बुरा है। पुत्र के शव से लिपट कर रो-रोकर यह कह रही थी कि अब मेरा कौन बेटा सहारा बनेगा। वहीं, लोगों में व्यवस्था के प्रति आक्रोश भी था। बेगूसराय के श्रम अधीक्षक अनिल कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अशोक कुमार, प्रकाश कुमार, आशीष कुमार और नवीन कुमार एंबुलेंस के साथ पहुंचे और शव परिजनों को सुपुर्द किया । अंतिम संस्कार बुधवार की दोपहर किया जाएगा।
नसीब सैनी
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दिल्ली अग्निकांड : पूरी नहीं हो सकी मां के लिए साड़ी लेकर आने की मंशा, आ रही है लाश
—पिछले सप्ताह ही मां से बात करते हुए उसने कहा भी था कि मां मैं अब अच्छे तरीके से कमा रहा हूं


बेगूसराय,(नसीब सैनी)।
दिल्ली की अनाज मंडी में रविवार को हुए अग्निकांड में मृतक नवीन कुमार के घर तीसरे दिन भी मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। मृतक के घर समेत आसपास के घरों में भी चूल्हे नहीं जल रहे हैं। बेगूसराय के छौड़ाही ओपी स्थित बड़ी जाना में मृतक नवीन कुमार के घर मच रहे करुण क्रंदन से आसपास का माहौल पूरी तरह से गमगीन है। उसकी मां शकुंतला देवी और बहनें रह-रह कर लगातार बेहोश हो रहे हैं जिनका इलाज ग्रामीण चिकित्सक कर रहे हैं । पिता राजेंद्र राम की तो आंखें पथरा चुकी हैं। नवीन के परिजन सोमवार की रात एंबुलेंस से दिल्ली से लाश लेकर चले हैं, मंगलवार की रात तक लाश गांव पहुंचने की संभावना है जिसके बाद दाह संस्कार किया जाएगा। परिवार की अत्यंत गरीबी देख नवीन दिल्ली कमाने गया और प्लास्टिक बैग बनाने वाली फैक्ट्री मैं नौकरी करने लगा जहां रहने और खाने का खर्चा काटकर पांच-सात हजार रुपया महीना बचाकर लगातार घर भेजता रहता था।

पिछले सप्ताह ही मां से बात करते हुए उसने कहा भी था कि मां मैं अब अच्छे तरीके से कमा रहा हूं। तुम्हारे लिए साड़ी खरीदा हूं, जिसे लेकर घर आऊंगा और अब बाबूजी को भी गांव-गांव में घूम कर जूता -चप्पल मरम्मत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप लोगों ने बहुत कष्ट झेले हैं अब आप लोगों को आराम दूंगा। लेकिन ईश्वर को यह मंजूर नहीं था और फैक्ट्री में लगी आग में नवीन के साथ-साथ मां के लिए खरीदी गई साड़ी भी जल गई। बात करते समय मां को कहां पता था की अब मेरा कमाऊ बेटा साड़ी लेकर नहीं कफन में लिपट कर आएगा।

मां तो खुश थी कि होली में बेटा घर आएगा। अपने लाल से हुई बातचीत को कहते-कहते वह लगातार बेहोश हो रही है। आसपास के लोग भी नवीन की मिलनसार प्रवृत्ति की खूब चर्चा कर रहे हैं। रविवार की सुबह गांव वालों को जानकारी मिली कि आग लग गई है जिसके बाद सभी लोग नवीन के सलामती की दुआएं कर रहे थे। लेकिन रात होते-होते नवीन के भी मौत की पुष्टि हो गई तो उसके पड़ोसी, दोस्त और ग्रामीण गमगीन हैं।
नसीब सैनी
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