आंध्र प्रदेश
राजनाथ ने बताया, IS की विचारधारा से कुछ ही भारतीय प्रभावित हुए

हैदराबाद। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को देश के समाजिक व सांप्रदायिक सौहार्द के प्रति आभार जताते हुए कहा कि दूसरे देशों की तुलना में आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) की विचारधारा से कुछ ही भारतीय प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय लोगों को दिया जाना चाहिए। सिंह यहां सरदार पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षुओं की पासिंग आउट परेड को संबोधित कर रहे थे। गृहमंत्री ने कहा कि आईएस से संबंधित समूह विश्व के अधिकतर भागों में अपने नेटवर्क स्थापित करने में सफल रहें हैं। वे लोग अपनी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए नए तरीकों को अपना रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत इन वैश्विक गतिविधियों से अप्रभावित नहीं है। लेकिन, दूसरे देशों की तुलना में, भारत में केवल छोटी संख्या में ही लोग आईएस की अतिवादी विचारधारा से प्रभावित हैं।’’पाकिस्तान का नाम लिए बिना सिंह ने कहा कि पड़ोसी देश में आतंकवादियों को संरक्षण, भारत के लिए अतिरिक्त सुरक्षा चुनौती है। इन सब के बावजूद, खुफिया और सुरक्षा एजेंसी उनकी योजना को नाकाम करने में सक्षम हुए हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सरकार ने आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ निर्णायक अभियान शुरू किया है और इसका प्रभाव जम्मू एवं कश्मीर से लेकर वाम उग्रवाद प्रभावित अंदरूनी इलाकों तक देखा जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुरक्षाबलों की सफलता से केंद्र ने अपनी स्थिति मजबूत की है। उन्होंने कहा, ‘‘आज हम नया भारत बनाने की बात कर रहें हैं। हमें यह वचन लेना होगा कि आने वाले पांच वर्षों में, हम स्थायी रूप से आतंकवाद, उग्रवाद और संप्रादियकता जैसी समस्याओं से निजात पा लेंगे।’’सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है और नई चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस बलों को आधुनिक बनाने के मद्देनजर इस वर्ष सितम्बर में 25,000 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई थी।
सिंह ने युवा अधिकारियों को एकता और ईमानदारी से कभी समझौता नहीं करने और कार्यकुशलता व लोगों के साथ सहानुभूति के साथ काम कर अच्छी छवि बनाने की सलाह दी। उन्होंने पुलिस की छवि को ‘सभ्य न कि एक क्रूर शक्ति की तरह’ बनाने का आग्रह किया। राष्ट्रीय पुलिस अकादमी न केवल देश के युवा पुलिस अधिकारी बल्कि पड़ोसी देशों के भी अधिकारियों को प्रशिक्षण देती है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इससे मित्र देशों के पुलिस बलों के साथ समन्वय सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

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गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू जारी, सेना ने किया फ्लैग मार्च
–10 जिलों में इंटरनेट सेवा निलंबित, धारा 144 लागू
–डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे से गुरुवार को सभी उड़ानें रद्द
–पूर्वोत्तर सीमा रेलवे ने 30 से अधिक ट्रेनों को पूरी तरह या आंशिक रूप से किया रद्द
–डिब्रूगढ़ में मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के घर पर पथराव
तिनसुकिया जिले में आरएसएस कार्यालय को निशाना बनाने की कोशिश
—तिनसुकिया जिले के पानीतोला रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़, आगजनी की कोशिश


गुवाहाटी,(नसीब सैनी)।
पूर्वोत्तर में विरोध के बीच संसद के दोनों सदनों से नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) अंततः बुधवार को पारित हो गया। हालांकि इस दौरान पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में कमोबेश विरोध प्रदर्शन जारी है। विरोध के सबसे मुखर स्वर असम और त्रिपुरा में दिखाई दे रहे हैं। असम में मुख्य रूप से राजधानी गुवाहाटी, जोरहाट, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया जिलों में हालात इतने बेकाबू हो गए कि प्रशासन को मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करना पड़ा। गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में हिंसक आंदोलन के चलते कर्फ्यू लगाया गया है।

गुवाहाटी में कर्फ्यू की वजह से सड़कों पर वाहन नहीं चल रहे हैं। हालांकि पूर्वोत्तर सीमा रेलवे ने 30 से अधिक ट्रेनों की सेवाओं को रद्द या आंशिक रूप से रद्द किया है। डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे से गुरुवार की सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है।
गुरुवार की सुबह से गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ जिले शहरी इलाकों में सुबह से ही सेना फ्लैग मार्च कर रही है। प्रशासन ने एहतियातन 10 जिलों में धारा 144 लागू करते हुए मोबाइल इंटरनेट व एसएमएस सेवा को निलंबित कर दिया है। ज्ञात हो कि गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में जगह-जगह सड़कों पर कैब का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी बुधवार को जबरन सभी दुकानों को बंद करा दिया था। साथ ही सड़कों पर टायर जलाकर आगजनी किये थे।

गुवाहाटी में बीती रात चार वाहनों में आग लगाई गई। कई वाहनों में जमकर तोड़फोड़ की गई। इसी तरह गोलाघाट और तिनसुकिया जिले में आरएसएस के कार्यालय को निशाना बनाने की कोशिश की गई। डिब्रूगढ़ में मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के घर पर बीती रात जमकर पत्थरबाजी की गई। इसी तरह से तिनसुकिया जिले के पानीतोला रेलवे स्टेशन को आग के हवाले करने की भी कोशिश की गई, लेकिन उपद्रवी जब सफल नहीं हुए तो रेलवे स्टेशन पर जमकर तोड़फोड़ की गई।

ऊपरी असम के अन्य कई रेलवे स्टेशनों को भी निशाना बनाया गया। डिब्रूगढ़ जिला शहर के असम स्टेट ट्रांस्पोर्ट कार्पोरेशन (एएसटीसी) के बस अड्डे पर भी दंगाइयों ने जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए कई राउंड हवा में रबर की गोलियां चलाकर भीड़ को तितर-बितर किया। आरंभ में पुलिस सख्ती नहीं दिखा रही थी, जिसके चलते उपद्रव फैलता गया। बाद में जब पुलिस ने सख्ती बरती तो हालात थोड़े सामान्य हुए। हालांकि गुरुवार को भी गुवाहाटी, जोरहाट, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, लखीमपुर, दरंग आदि जिलों में भारी तनाव बना हुआ है। हालात को संभालने के लिए पुलिस के साथ ही सेना को भी सड़क पर उतार दिया गया है।

गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू लगाया गया है। इसके बावजूद गुरुवार को दिन के 11 बजे बॉलीवुड और असमिया के फिल्मों के पार्श्व गायक जुबिन गर्ग के आह्वान पर राजधानी के लताशील खेल मैदान में लोगों को एकजुट होकर कैब के विरोध में आवाज उठाने की अपील की है। पुलिस प्रशासन के लिए इससे निपटने की बड़ी चुनौती है।
नसीब सैनी
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इसरो ने लांच किया रीसैट-2बीआर1, सीमाओं पर नजर रखने में करेगा मदद
— इसरो ने 20 सालों में 33 देशों के 319 उपग्रह छोड़ने का रिकॉर्ड बनाया : डॉ. सिवन
— भारत के रीसैट-2बीआर1 के साथ चार देशोंं के नौ उपग्रह भी किये गये लांच


नेल्लोरे (आंध्र प्रदेश),(नसीब सैनी)।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने बुधवार को एक बार फिर से इतिहास रचा। इसरो ने दोपहर 3:25 बजे भारतीय उपग्रह रीसैट-2बीआर1 और चार अन्य देशों के 9 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया। यह प्रक्षेपण पीएसएलवी-सी48 रॉकेट के जरिए आंध्र प्रदेश में स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया। रीसैट-2बीआर1 से सीमाओं पर घुसपैठ पर नजर रखने के साथ ही हर मौसम में बादल और अंधेरे में साफ ली जा सकेंगी।

इसरो अध्यक्ष डॉ. सिवान ने बताया कि सभी उपग्रहों को सफलतापूर्वक लांच कर दिया गया है। इसके लिये इसरो की पूरी टीम बधाई की पात्र हैं। इसरो के अनुसार रिसैट-2बीआर1 एक रडार इमेजिंग निगरानी उपग्रह है। इस उपग्रह का भार 628 किलोग्राम है। इसके साथ अमेरिका के छह, इजराइल, इटली और जापान के एक-एक उपग्रह लांच किये गये हैं।

अध्यक्ष डॉ. सिवान ने कहा कि इसरो के नाम 20 सालों में 33 देशों के 319 उपग्रह छोड़ने का रिकॉर्ड बन गया है। 1999 से लेकर अब तक इसरो ने कुल 310 विदेशी सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में स्थापित किए हैं। आज के नौ उपग्रहों को मिला दें तो यह संख्या 319 हो जाएगी। इसके साथ ही अंतरिक्ष पर भारत की निगरानी की ताकत पहले से और अधिक बढ़ जाएगी।

इसरो का यह उपग्रह अब तक का सबसे ताकतवर रडार इमेजिंग सैटेलाइट है। रीसैट-2बीआर1 रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है। यह बादलों और अंधेरे में भी साफ तस्वीरें ले सकता है। अर्थ इमेजिंग कैमरे और रडार तकनीक के चलते यह मुठभेड़-घुसपैठ के वक्त सेना के लिए मददगार होगा। इस रडार की मदद से देश की सीमाओं पर नजर रखी जा सकेगी। यह हर मौसम में दुश्मनों की हरकत पर अपनी नजर बनाए रख सकता है। इसरो ने बताया कि रिसैट-2बीआर1 मिशन की लाइफ पांच साल की है।
नसीब सैनी
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सूचना आयोगों में खाली पड़े पदों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें केंद्र और 9 राज्य : सुप्रीम कोर्ट
—पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल और कर्नाटक सरकार को निर्देश


नई दिल्ली,(नसीब सैनी)।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों में खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और 9 राज्य सरकारों को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

याचिका आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश के बावजूद केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों में खाली पड़े पदों को नहीं भरा गया है। अंजलि भारद्वाज की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों का चयन भी नहीं किया है।
दरअसल, दिसम्बर 2018 में केंद्र सरकार ने कहा था कि केंद्रीय सूचना आयोग में खाली पद जल्द ही भर लिए जाएंगे। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसे केंद्रीय सूचना आयुक्त के लिए 65 और सूचना आयुक्तों के लिए 280 आवेदन मिले हैं। योग्य नामों का चयन कर लिया गया है।

केंद्र सरकार ने कहा कि इस बारे में जल्द ही अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि वो आवेदकों के नाम, सेलेक्शन का पैमाना और सर्च कमेटी का ब्यौरा कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की वेबसाइट पर डालें।
पहले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल और कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया था कि वे केंद्रीय और राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए उठाए गए कदम पर प्रगति रिपोर्ट दाखिल करें।

सूचना का अधिकार कानून के तहत सूचना आयोग पाने संबंधी मामलों के लिए सबसे बड़ा और आखिरी संस्थान है। हालांकि सूचना आयोग के फैसले को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। सबसे पहले आवेदक सरकारी विभाग के लोक सूचना अधिकारी के पास आवेदन करता है। अगर 30 दिनों में वहां से जवाब नही मिलता है तो आवेदक प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास अपना आवेदन भेजता है।
नसीब सैनी
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