लाइफस्टाइल
वजन घटाने के लिए सिर्फ…..पक्का इरादा

अक्सर हम सभी के मन में सवाल उठता है कि खाने की तलब को कैसे कंट्रोल किया जाए। या फिर यह कैसे मुमकिन है कि हम पसंद का खाएं और फिर भी वजन न बढे। आपके इन सवालों का जवाब हमारे पास है। बस आपको 5 नियमों का पालन करना होगा। इनमें तीन बातें खासतौर पर अहम हैं- एटिट्यूड, प्लानिंग और पक्का इरादा।
खाने खाते समय टीवी से दूर रहें
खाना, पीना, झपकी लेना और चैनल बदलते रहना, अगर आपका ज्यादा वक्त इन सब कामों में बीतता है तो आपका वजन बढना तय है। सबसे पहले अपने लिए हेल्थी और हल्का खाना चुनें, फिर प्लेट में उतना ही रखें, जितना आपके लिए जरूरी हो। इस बात का पूरा ध्यान रखें कि आप क्या और कितना खा रहे हैं।

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अमेरिका में फ़्लू का क़हर, इस साल 1300 मौतें
—शुक्रवार को सेंटर फ़ार डिजीज कंटोल एंड प्रिवेन्शन विभाग ने एक वक्तव्य में कहा है कि फ़्लू रोग के दिन प्रतिदिन नए मामले आ रहे है


लॉस एंजेल्स,(नसीब सैनी)।
अमेरिका में पूर्वी छोर से पश्चिमी छोर तक हज़ारों लोग फ़्लू रोग के शिकार हो रहे हैं। इस साल फ़्लू रोग के 26 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें 1300 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। अमेरिका के अल्बामा राज्य में सर्वाधिक फ़्लू रोग की शिकायतें आई है। इनके अलावा अमेरिका के सीमावर्ती राज्यों में भी यह रोग ज़ोर पकड़ रहा है। फ़्लू के बचाव के लिए सरकार ने सभी चिकित्सालयों में निशुल्क टीकाकरण का बंदोबस्त किया है।

शुक्रवार को सेंटर फ़ार डिजीज कंटोल एंड प्रिवेन्शन विभाग ने एक वक्तव्य में कहा है कि फ़्लू रोग के दिन प्रतिदिन नए मामले आ रहे है। अभी तक साल भर में जो 26 लाख लोग फ़्लू के शिकार हुए हैं, उनमें से 23 हज़ार लोगों को अस्पताल भर्ती कराना पड़ा। इनमें से 1300 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें दस बच्चे भी हैं। विशेषज्ञों का मत है कि इस बार फ़्लू रोग की जल्दी और तेज़ी से शुरूआत हुई। यह विषाणु अभी तक मौसम में डेरा जमाए हुए है, जो हैरान करने वाला है।

वक्तव्य में कहा गया है कि प्रायः इनफ़्लुएंज़ा-ए वायरस से फ़्लू की शिकायतें होती हैं। इसके विपरीत इनफ्लूएंजा-बी वायरस बच्चों को, ख़ास कर एक साल से नीचे के बच्चों को ही शिकार बनाता है। उनका कहना था कि इन बच्चों को बचाव के लिए फ़्लू शाट नहीं दिया जाता। दूसरे अस्पतालों में चार वर्ष से नीचे की आयु के बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाता है।
नसीब सैनी
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प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- घुटकर क्यों मरें लोग, विस्फोटक से उड़ा दीजिए शहर
-दिल्ली, पंजाब, हरियाणा की सरकार को सत्ता का हक नहीं : सुप्रीम कोर्ट
-कहा, मतभेद भुला कर काम करें केंद्र व दिल्ली सरकार


नई दिल्ली,(नसीब सैनी)।
दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि लोग घुटकर क्यों मरें? विस्फोटक के 15 बैग से शहर उड़ा दीजिए। लोगों की ज़िंदगी सस्ती हो गई है। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सरकार को सत्ता का हक नहीं है। केंद्र और दिल्ली सरकार मतभेद भुला कर काम करें। कोर्ट ने कहा कि 10 दिन में एयर प्यूरीफायर टावर पर योजना बनाएं।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। सीपीसीबी को ये बताना है कि दिल्ली में जो फैक्ट्रियां चल रही हैं उससे पर्यावरण पर कितना असर पड़ रहा है। साथ ही ये भी बताना है कि दिल्ली में जो फैक्ट्री चल रही है वो किस तरह की है।

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप मैजर्स को लागू नहीं कर पा रहे हो तो इसका मतलब ये तो नहीं कि दिल्ली-एनसीआर के लोगों को प्रदूषण से मरने और केंसर से तबाह होने दिया जाए। विकास का अर्थ ये तो नहीं कि आप देश की राजधानी में प्रदूषण बढ़ा दें।

‘आप लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते’
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के चीफ सेकेट्री को चेतावनी देते हुए कहा कि हम सभी तंत्रों की जवाबदेही तय करेंगे। आप इस तरह लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। कोर्ट ने कहा कि ये क्या युद्धस्तर पर काम हो रहा है? राज्य सरकारें केंद्र पर छोड़ रही हैं और केंद्र राज्य पर। दिल्ली में हर रोज आप दरवाजे से इस बात का मॉनिटर करते हैं कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर क्या है? राज्य सरकारें आपस में बातचीत नहीं कर रही हैं।

कोर्ट की टिप्पणी, पानी पर चल रहा ‘ब्लेम गेम’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में पानी को लेकर राजनीति चल रही है। यहां पानी अच्छा है, वहां अच्छा है। ये किस तरह की राजनीति हो रही है। पानी को लेकर ‘ब्लेम गेम’ चल रहा है। दिल्ली के लोग तबाह हो रहे हैं। ये चौंकाने वाली बात है। दिल्ली हरियाणा को ब्लेम करेगी, हरियाणा पंजाब को, ऐसे ही चलता रहेगा क्या?

दिल्ली में स्थिति नरक से खराब : कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा कि ब्लेम गेम अब बंद होना चहिए। कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि दिल्ली साफ हो। दिल्ली सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह है। हम पूछेंगे कि जो पैसा पानी की सफाई को लेकर आता है चाहे वह गंगा के लिए हो या यमुना के लिए, वो पैसा कहां जाता है? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में कचरे पर कहा कि दिल्ली में स्थिति नरक से भी खराब है।

प्रदूषण पर न हो राजनीति : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से कहा कि प्रदूषण के मसले को लेकर राजनीति न हो। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार को कहा कि दिल्ली में स्मॉग टावर एयर प्यूरीफायर लगाने को लेकर जवाब दाखिल करे। कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेश के बाद भी स्थिति खराब होते जा रही है ये बेहद चौकानें वाला है।
सुनवाई के दौरान उप्र के मुख्य सचिव ने कोर्ट को बताया कि पराली जलाने को लेकर एक हजार दर्ज किए गए हैं और क़रीब एक करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उप्र सरकार से कहा कि पहले सकारात्मक कदम उठाएं उसके बाद दंडात्मक। सेटलाइट इमेज यह बता रही है कि पश्चिमी उप्र में पराली जलाई गई है।
नसीब सैनी
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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दिल्ली में पानी की शुद्धता का विवाद
—-याचिका में कहा गया है कि बीआईएस की रिपोर्ट में दिल्ली का पानी पीने लायक नहीं बताया गया है। इसलिए प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए


नई दिल्ली,(नसीब सैनी)।
दिल्ली में पानी की शुद्धता का विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। आरओ निर्माताओं ने मई में आए एनजीटी के आदेश को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आरओ निर्माताओं से कहा कि दस दिनों में अपनी बात सरकार के पास रखें। सरकार नीति बनाते समय सभी बातों का ध्यान रखे।

दरअसल मई में एनजीटी ने दिल्ली के कई हिस्सों में आरओ पर पाबंदी लगाई थी। आरओ कंपनियों का कहना है कि एनजीटी ने उनकी बात नहीं सुनी। बीआईएस की रिपोर्ट के हिसाब से दिल्ली में आरओ जरूरी है। याचिका में कहा गया है कि बीआईएस की रिपोर्ट में दिल्ली का पानी पीने लायक नहीं बताया गया है। इसलिए प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए।
नसीब सैनी
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