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सोशल मीडिया पर अंकुश जरूरी
—तमाम निजी टीवी न्यूज चैनल वायरल वीडियो को हवा देने लगे हैं। यह खतरनाक है। बेशक, हमें संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है


मीडिया सूचनाओं तथा आंकड़ों को संरक्षित तथा संप्रेषित करने का उपकरण है। मीडिया का कार्य सूचनाओं का एकत्रीकरण करना तथा उससे आमलोगों को पारदर्शिता के साथ अवगत कराना है। सरकारी क्रियाकलापों तथा सामाजिक क्रियाकलापों को उजागर करना भी मीडिया का कार्य है। लोकतंत्र में मीडिया का सबसे बड़ा रोल होता है। वह समाज में घटित प्रत्येक घटना पर रोशनी डालती है। उसका काम टॉर्च दिखाना होता है। इसीलिए मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है।

पहले पत्रकार खबरें जुटाने के लिए गांव-गांव, गली-गली की खाक छानते थे। राजनेता और जनप्रतिनिधि उनसे अपने इलाके की फीडबैक लिया करते थे। अखबारों में छपी खबरों पर सरकार तुरंत संज्ञान लेती थी। नेता और अफसर मीडिया के लोगों का लिहाज करते थे। वे डरते थे कि पत्रकार कहीं उनकी पोल न खोल दें। पत्रकारों को वेतन भले ही कम मिलता था लेकिन समाज में उनकी उपस्थिति गरिमामयी मानी जाती थी। उन्हें असीम इज्जत मिलती थी। पत्रकार भी उत्साहपूर्वक कार्य करते थे। उन्हें लगता था कि वे समाज के शिल्पी हैं। लेकिन समय के साथ स्थिति बदल गई। मीडिया में तकनीक का चलन बढ़ गया। मिशन की पत्रकारिता प्रोफेशन बन गई।

उद्योगपतियों ने सरकार और प्रशासन पर रसूख जताने के लिए अखबार निकाल लिए। पत्रकार भी सुविधाभोगी हो गया। अखबारों के मालिक पत्रकारों से धौंस दिलाकर अपना उल्लू सीधा करने लगे। अपना अन्य कारोबार बढ़ाने लगे। दिन दूनी-रात चौगुनी तरक्की करने लगे। नतीजतन पत्रकार दलाल बन गया। देश में कई जगहों पर गलत आचरण के कारण पत्रकारों पर उंगलियां उठने लगी। कहना गलत नहीं होगा कि तकनीक की पत्रकारिता ने इस पेशे की आत्मा निगल ली। विदेशों की देखादेखी अपने देश में भी इलेक्ट्रानिक चैनल आने लगे। समाज की अच्छाइयों की कम, बुराइयों की चर्चा ज्यादा होने लगी। मीडिया को टीआरपी रेप आदि की खबरों से ज्यादा मिलने लगी। चैनलों पर वही दिखाया जाने लगा। स्टिंग की आड़ में वसूली होने लगी। मीडिया का रुतबा कम होने लगा। फिर समय ने पलटा खाया। सोशल मीडिया का उदय हुआ।

फेसबुक, व्हाट्सएप, टि्वटर, यू-ट्यूब, इंस्टाग्राम इत्यादि चलन में आ गए। शुरू में तो लोग उनके माध्यम से एक-दूसरे को मित्र बनाते गए। बाद में इसके लती हो गए और समाज या सरकार के मामले में सही-गलत का फैसला करने लगे। इसका लत लोगों में इस कदर लग जाता है कि फिर वो चाहे बच्चा हो अथवा बूढ़ा या जवान, सभी उसमे इस कदर चिपके होते हैं जैसे गुड़ में मक्खियां चिपकी होती हैं। आज उनका उपयोग व्यक्ति की अभिव्यक्ति की आजादी से कहीं ऊपर जा रहा है। जो समाज के लिए खतरा बन चुका है। सोशल मीडिया से मित्रता करते-करते लोग उस पराकाष्ठा को भी पार कर गए हैं जो एक-दूसरे की प्राण तक लेने से नहीं कतराते हैं। सोशल मीडिया अब शोषण मीडिया बन चुकी है। सोशल मीडिया लोगों का न केवल मानसिक शोषण कर रहा है बल्कि धन आदि की लालच की वजह से शारीरिक शोषण भी करने लगा है। आज लोगों के उत्पीड़न का अभिकरण सोशल मीडिया ही है। फिर चाहे बलात्कार की घटनाएं हो या फिर अवैध धन की मांग हो। आज देशभर में लगभग 116 करोड़ मोबाइल हैंडसेट उपलब्ध हैं।

भारत की 1.30 अरब की जनसंख्या में लगभग 70 करोड़ लोगों के पास स्मार्टफोन हैं। इनमें से आधी जनसंख्या फेसबुक और व्हाट्सएप पर सक्रिय है। राजनीतिक दल भी सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे हैं। आज चुनाव जीतने के लिए सोशल मीडिया सबसे उत्तम भूमिका निभा रहा है। सभी राजनीतिक दलों की साइबर सेल सक्रिय रहती है जो दलों के प्रचार का कार्य करती है तथा उनके झूठे मुद्दों को भी फैलाती रहती है। इससे जनता गुमराह होती है। सोशल मीडिया सनसनी फैलाने का माध्यम बन गया है।

तमाम निजी टीवी न्यूज चैनल वायरल वीडियो को हवा देने लगे हैं। यह खतरनाक है। बेशक, हमें संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है। लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में इतनी छूट नहीं दी जा सकती, जिसमें लोगों के जानमाल का नुकसान होता हो। सोशल मीडिया दोधारी तलवार है, जो दोनों ओर से वार करती है। सोशल मीडिया पर फैलते अफवाहों से सरकार भी परेशान है। वह उस पर अंकुश लगाने के दावे तो तमाम करती है लेकिन हकीकत में कुछ कर नहीं पाती। अब सारी जिम्मेदारी अदालत पर आ टिकी है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने का ब्ल्यूप्रिंट मांगा है। देखना दिलचस्प होगा कि सोशल मीडिया पर अंकुश कब तक लगता है, लग पाता भी है या नहीं।
(लेखक अध्यापक हैं।)
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ITBP सब इंस्पेक्टर के खाते से 2.59 लाख उड़ाए: हिमाचल से लौटते समय बस में चोरी हुआ ATM कार्ड और मोबाइल; एक चूक से पकड़ा गया बदमाश
सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।


हरियाणा के रेवाड़ी में ITBP में तैनात सब इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन व ATM कार्ड चोरी कर उनके खाते से 2 लाख 59 हजार रुपए साफ कर दिए। सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल के अवैरी बैजनाथ निवासी रमेश चंद ITBP में रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित कैंप में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। रमेश चंद ने बताया कि कुछ समय पहले वह छुट्टी पर घर गए थे। छुट्टी खत्म होने के बाद वह ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए 28 दिसंबर को रेवाड़ी बस स्टैंड पहुंचे थे। बस स्टैंड से जाटूसाना जाने के लिए बस में सवार होते समय किसी ने भीड़ में उनका एटीएम व मोबाइल चोरी कर लिया। उसके बाद मोबाइल व एटीएम के जरिए ही खाते से 259000 हजार रुपए निकाल लिए।
जांच करने पर आरोपी की पहचान जाटव मोहल्ला रामपुरा निवासी लोकेश पालिया के रूप में हुई। जिसमें 20200 रुपए अपने अकाउंट में ड्रांसफर किए जबकि एक लाख रुपए खाते से निकाले गए। बाकी लेनदेन पेटीएम से किया गया। पूरी जानकारी हासिल करने के बाद रमेश चंद ने इसकी शिकायत बस स्टैंड चौकी पुलिस को दी। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी लोकेश पालिया की तलाश शुरू कर दी है। गुरुवार को पुलिस ने लोकेश के घर दबिश भी दी, लेकिन वह नहीं मिला। बस स्टैंड चौकी पुलिस के अनुसार जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
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पानीपत में रोका बाल विवाह: लड़का और लड़की दोनों थे नाबालिग, शपथ पत्र लेकर फिलहाल रोकी गई शादी
लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई तो लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है।


हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बाल विवाह रुकवाया है। अधिकारी ने सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को किया। लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई। जिसमें लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है। दोनों पक्षों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल शादी पर रोक लगा दी है। वहीं 4 जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद मामला कोट के संज्ञान में लाकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता के अनुसार
जानकारी देते हुए बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि उन्हें सूचना प्राप्त हुई की गांव नवादा पार में एक नाबालिग लड़की की शादी होनी है। सूचना मिलने पर वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वहां जाकर लड़की पक्ष से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान लड़की के सभी दस्तावेज चेक किए गए। लड़की के स्कूल के दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि मार्च 2005 की मिली। यानी दस्तावेजों के आधार पर लड़की अभी महज 16 साल की थी। इसके बाद लड़के पक्ष को फोन पर बात कर अपने कार्यालय बुलाया। जहां लड़का पक्ष मौजूद हुआ और लड़के के दस्तावेजों को चेक किया गया, जिसमें लड़का भी नाबालिग पाया गया। लड़के की उम्र दस्तावेजों के आधार पर 19 साल थी।
इन कारणों से हो रही थी बाल विवाह
लड़की के पिता ने बताया कि वह पेशे से श्रमिक हैं। यह अपनी बेटी की शादी गरीबी और अज्ञानता के चलते कर रहे थे। साथ ही वह खुद हार्ट पेशेंट है, उनकी तमन्ना थी कि उनके जीते जी उनकी बेटी की शादी हो जाए। वही लड़के पक्ष से लड़के का कहना है कि उसकी चार बड़ी बहने हैं, जो कि चारों विवाहित हैं। तीन भाई व एक छोटी बहन है। अब घर में कोई रोटी बनाने वाला नहीं था, क्योंकि मां की तबीयत सही नहीं रहती है। इसी के चलते वह शादी कर रहा था।
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बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं: थाने में युवक संग जाने को अड़ी 19 वर्षीय छात्रा, दो दिन पहले गई थी साथ
युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।


हरियाणा के रोहतक के जिले में कॉलेज से दो दिन पहले एक युवक संग गई युवती को पुलिस ने बरामद कर लिया। हालांकि युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
कॉलेज गई थी प्रवेश पत्र लेने
लाखन माजरा थाना क्षेत्र के एक गांव से छात्रा मंगलवार सुबह कॉलेज के लिए यह कहकर निकली थी कि आगामी परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र लेने जा रही हूं। उसके वापस न लौटने पर परिजनों ने काफी खोज खबर की।रातभर छात्रा की खोज-खबर करने के बाद बुधवार सुबह पुलिस को सूचना दी। छात्रा के पिता ने थाना लाखन माजरा में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने छात्रा व युवक को वीरवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। दोनों को थाना लाया गया। यहां छात्रा ने युवक संग जाने की रट लगा दी।
कोर्ट में होंगे पेश
मामले में थाना लाखन माजरा एसएचओ अब्दुल्ला खान का कहना है कि छात्रा बालिग है। छात्रा व युवक को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां उनके बयानों के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। युवक व छात्रा को कोर्ट ले जाने की तैयारी की जा रही है।
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