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पर्याप्त कमरों और व्यवस्थाओं के अभाव में भविष्य गढ़ने को मजबूर बच्चे
सरकारी स्कूलोंं में कमरे, शौचालय, खेल मैदान, लाइब्रेरी और कंप्यूटर शिक्षा से महरूम हैं।
बिलासपुर । कहा जाता है शिक्षा जिंदगी में अंधकार को दूर करती है, जीवन में नया सवेरा लाती है। सरकार भी बच्चों को शिक्षा को लेकर गंभीर रहने का दंभ भी भरती है, लेकिन वास्तविकता इससे कोसो दूर है। आजादी के 71 साल बाद भी सरकार शासकीय स्कूलों में मूलभूत व्यवस्था तक करने में विफल साबित होती नजर आ रही है। वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश की सरकार के प्रयासों के बाद भी आज तक बच्चे सरकारी स्कूलोंं में बैठने के लिये पर्याप्त कमरे, शौचालय, खेल मैदान, लाइब्रेरी और कंप्यूटर शिक्षा से महरूम हैं। ऐसा ही एक मामला बिलासपुर के तिफरा नगर पंचायत स्थित प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूल का है।
इस स्कूल में कमरों के अभाव में मिडिल स्कूल के बच्चे प्राथमिक स्कूल के कमरों में पढ़ने को मजबूर हैं। 6 वीं कक्षा से लेकर 8 वीं तक क्लास 4 से ज्यादा सेक्शन में बटीं हुई हैं। इस स्कूल में लगभग 862 बच्चों के लिये केवल 7 कमरे हैं, जबकि सरकारी मानक के अनुसार इतने बच्चों के लिये लगभग 23 कमरे होने आवश्यक है। सभी एक-एक सेक्शन में कम से कम 70 से 75 बच्चे पढ़ रहे हैं।
कमरे में बच्चों का बैठाने के लिये जगह न होने के कारण दरवाजे और बाहर तक बैठकर जिंदगी के सबक सीख रहे हैं। वहीं कई ऐसी भी क्लास हैं जहां बारिश होने पर छत से पानी टपकता है। ज्यादा पानी टपकते देख शिक्षक भी मजबूरीवश पढ़ाना छोड़ व्यवस्था सुधारने में लग जाते हैं। विपरीत हालातों में अपना भविष्य गढ़ते इन बच्चों की सुध लेने वाला कोई नहीं। विगत कई सालों से बनी हुई इस समस्या पर शिक्षा विभाग और प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा।
सरकार अपने मानक के अनुसार कमरे की व्यवस्था कराने में अक्षम है। खेल मैदान की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। वर्तमान खेल मैदान छोटा है और उसमें बारिश के दौरान पानी भर जाता है। आलम ऐसा है कि स्कूल के मेन गेट के सामने भी पानी भरा रहता है, जिससे बच्चों को स्कूल आने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। मध्याहन भोजन के कमरे का अभाव है, स्कूली कमरे में भोजन बनता है। वहीं बच्चों को बैठकर खाने की व्यवस्था न होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन सारी समस्याओं के बारे में शिक्षा विभाग और प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया है।
लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। वहीं शिक्षा विभाग के स्पष्टीकरण के डर से शिक्षकों ने अपनी आवाज को मौन कर लिया है। सरकार शिक्षा गुणवत्ता अभियान चलाकर बच्चों को अव्वल बनाने और उनके भविष्य को उज्जवल बनाने का प्रयास कर रही है। लेकिन बैठने से अन्य मूलभूत आवश्यकताओं के अभाव में यह प्रयास विफल नजर आ रहे हैं। अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग और प्रशासन की उदासीनता के कारण निर्मित इन समस्याओं का निराकरण कब तक हो पाता है।
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ITBP सब इंस्पेक्टर के खाते से 2.59 लाख उड़ाए: हिमाचल से लौटते समय बस में चोरी हुआ ATM कार्ड और मोबाइल; एक चूक से पकड़ा गया बदमाश
सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
हरियाणा के रेवाड़ी में ITBP में तैनात सब इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन व ATM कार्ड चोरी कर उनके खाते से 2 लाख 59 हजार रुपए साफ कर दिए। सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल के अवैरी बैजनाथ निवासी रमेश चंद ITBP में रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित कैंप में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। रमेश चंद ने बताया कि कुछ समय पहले वह छुट्टी पर घर गए थे। छुट्टी खत्म होने के बाद वह ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए 28 दिसंबर को रेवाड़ी बस स्टैंड पहुंचे थे। बस स्टैंड से जाटूसाना जाने के लिए बस में सवार होते समय किसी ने भीड़ में उनका एटीएम व मोबाइल चोरी कर लिया। उसके बाद मोबाइल व एटीएम के जरिए ही खाते से 259000 हजार रुपए निकाल लिए।
जांच करने पर आरोपी की पहचान जाटव मोहल्ला रामपुरा निवासी लोकेश पालिया के रूप में हुई। जिसमें 20200 रुपए अपने अकाउंट में ड्रांसफर किए जबकि एक लाख रुपए खाते से निकाले गए। बाकी लेनदेन पेटीएम से किया गया। पूरी जानकारी हासिल करने के बाद रमेश चंद ने इसकी शिकायत बस स्टैंड चौकी पुलिस को दी। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी लोकेश पालिया की तलाश शुरू कर दी है। गुरुवार को पुलिस ने लोकेश के घर दबिश भी दी, लेकिन वह नहीं मिला। बस स्टैंड चौकी पुलिस के अनुसार जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
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पानीपत में रोका बाल विवाह: लड़का और लड़की दोनों थे नाबालिग, शपथ पत्र लेकर फिलहाल रोकी गई शादी
लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई तो लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है।
हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बाल विवाह रुकवाया है। अधिकारी ने सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को किया। लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई। जिसमें लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है। दोनों पक्षों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल शादी पर रोक लगा दी है। वहीं 4 जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद मामला कोट के संज्ञान में लाकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता के अनुसार
जानकारी देते हुए बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि उन्हें सूचना प्राप्त हुई की गांव नवादा पार में एक नाबालिग लड़की की शादी होनी है। सूचना मिलने पर वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वहां जाकर लड़की पक्ष से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान लड़की के सभी दस्तावेज चेक किए गए। लड़की के स्कूल के दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि मार्च 2005 की मिली। यानी दस्तावेजों के आधार पर लड़की अभी महज 16 साल की थी। इसके बाद लड़के पक्ष को फोन पर बात कर अपने कार्यालय बुलाया। जहां लड़का पक्ष मौजूद हुआ और लड़के के दस्तावेजों को चेक किया गया, जिसमें लड़का भी नाबालिग पाया गया। लड़के की उम्र दस्तावेजों के आधार पर 19 साल थी।
इन कारणों से हो रही थी बाल विवाह
लड़की के पिता ने बताया कि वह पेशे से श्रमिक हैं। यह अपनी बेटी की शादी गरीबी और अज्ञानता के चलते कर रहे थे। साथ ही वह खुद हार्ट पेशेंट है, उनकी तमन्ना थी कि उनके जीते जी उनकी बेटी की शादी हो जाए। वही लड़के पक्ष से लड़के का कहना है कि उसकी चार बड़ी बहने हैं, जो कि चारों विवाहित हैं। तीन भाई व एक छोटी बहन है। अब घर में कोई रोटी बनाने वाला नहीं था, क्योंकि मां की तबीयत सही नहीं रहती है। इसी के चलते वह शादी कर रहा था।
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बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं: थाने में युवक संग जाने को अड़ी 19 वर्षीय छात्रा, दो दिन पहले गई थी साथ
युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
हरियाणा के रोहतक के जिले में कॉलेज से दो दिन पहले एक युवक संग गई युवती को पुलिस ने बरामद कर लिया। हालांकि युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
कॉलेज गई थी प्रवेश पत्र लेने
लाखन माजरा थाना क्षेत्र के एक गांव से छात्रा मंगलवार सुबह कॉलेज के लिए यह कहकर निकली थी कि आगामी परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र लेने जा रही हूं। उसके वापस न लौटने पर परिजनों ने काफी खोज खबर की।रातभर छात्रा की खोज-खबर करने के बाद बुधवार सुबह पुलिस को सूचना दी। छात्रा के पिता ने थाना लाखन माजरा में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने छात्रा व युवक को वीरवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। दोनों को थाना लाया गया। यहां छात्रा ने युवक संग जाने की रट लगा दी।
कोर्ट में होंगे पेश
मामले में थाना लाखन माजरा एसएचओ अब्दुल्ला खान का कहना है कि छात्रा बालिग है। छात्रा व युवक को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां उनके बयानों के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। युवक व छात्रा को कोर्ट ले जाने की तैयारी की जा रही है।
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