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एनआरसी सूची से कटा 19 लाख से अधिक लोगों का नाम
एनआरसी में उनके समावेश की पात्रता निर्धारित करने के लिए आवेदकों का विवरण जांच के लिए लिया गया था


गुवाहाटी,(नसीब सैनी)।
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) अद्यतन की प्रक्रिया 2013 में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार शुरू की गई थी। तब से शीर्ष न्यायालय पूरी प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी कर रहा है। असम में एनआरसी अद्यतन की प्रक्रिया देश के बाकी हिस्सों से अलग है और नियम-4ए तथा नागरिकता की इसी अनुसूची (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम,2003 द्वारा शासित है। इन नियमों तथा असम समझौते के अनुसार 24 मार्च,1971 (मध्यरात्रि) की तिथि को आधार वर्ष तय किया गया था।

एनआरसी के प्रकाशन के बाद एनआरसी के प्रदेश संयोजक प्रतीक हाजेला ने बयान जारी कर बताया कि एनआरसी आवेदन फॉर्म की प्राप्ति की प्रक्रिया मई 2015 के अंत में शुरू हुई और 31 अगस्त,2015 को समाप्त हुई। कुल 3 करोड़ 30 लाख 27 हजार 661 सदस्यों ने 68 लाख 37 हजार 660 आवेदन फॉर्म के जरिए अपना आवेदन किया था। एनआरसी में उनके समावेश की पात्रता निर्धारित करने के लिए आवेदकों का विवरण जांच के लिए लिया गया था। एनआरसी अद्यतन का कार्य एक भारी भरकम काम था, जिसमें लगभग राज्य सरकार के 52 हजार अधिकारी व कर्मचारी लंबे समय तक काम करते रहे।

सूची में नाम शामिल करने और बहिष्करण के सभी निर्णय इन्हीं वैधानिक अधिकारियों द्वारा लिए गए हैं। एनआरसी अध्यतन की पूरी प्रक्रिया सावधानीपूर्वक, उद्देश्यपूर्ण एवं पारदर्शी तरीके से किए जाने का एनआरसी के प्रदेश संयोजक प्रतीक हाजेला ने दावा किया है। इस दौरान जिस भी व्यक्ति का नाम एनआरसी में तथ्यों के आधार पर शामिल नहीं किया गया, उनको सुनाई के लिए पर्याप्त अवसर प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में दिया गया। पूरी प्रक्रिया वैधानिक प्रावधानों के अनुसार आयोजित की गई और प्रत्येक चरण में नियत प्रक्रिया का पालन किया गया है।

देश के सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार, ड्राफ्ट एनआरसी (कम्पलीट ड्राफ्ट) 30 जुलाई,2018 को प्रकाशित की गई थी, जिसमें 2,89,83,677 व्यक्तियों को शामिल किए जाने के लिए योग्य पाया गया था। इसके बाद, 36 लाख 26 हजार 630 लोगों को अपवर्जन के खिलाफ दावे प्राप्त हुए। नागरिकता की अनुसूची (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003 की धारा-4(3) के तहत ड्राफ्ट एनआरसी में शामिल व्यक्तियों का सत्यापन भी किया गया था।

एक लाख 87 हजार 633 व्यक्तियों को शामिल किए जाने के खिलाफ आपत्तियां प्राप्त हुईं, जिनके नाम पूर्ण प्रारूप में दिखाई दिए थे। एक और अतिरिक्त ड्राफ्ट बहिष्करण सूची 26 जून,2019 को प्रकाशित की गई थी, जिसमें एक लाख दो हजार 462 व्यक्तियों को बाहर रखा गया था। क्लॉज-4(3) के तहत सभी दावों, आपत्तियों और कार्यवाही के निपटान के बाद पहले से ही शामिल सभी लोगों को ध्यान में रखते हुए, यह पाया गया है कि कुल 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार चार व्यक्ति अंतिम एनआरसी में शामिल होने के योग्य पाए गए हैं। जबकि 19 लाख 6 लाख 657 व्यक्तियों का नाम एनआरसी में शामिल नहीं किया गया। इन व्यक्तियों में वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने अपना दावा प्रस्तुत नहीं किया।

शनिवार सुबह 10 बजे अंतिम सूची की हार्ड कॉपी एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके), उपायुक्त के कार्यालयों और सर्किल के कार्यालयों में उलब्ध कराए गए हैं। जिन व्यक्तियों का नाम एनआरसी में शामिल किया गया है या जिनका नाम सूची से बाहर किया गया है, दोनों स्थिति में एनआरसी की वेबसाइट (www.nrcassam.nic.in) पर ऑनलाइन देखा जा सकता है। कोई भी व्यक्ति जो दावों और आपत्तियों के परिणाम से संतुष्ट नहीं हैं, वे विदेशी ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं।
नसीब सैनी
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ITBP सब इंस्पेक्टर के खाते से 2.59 लाख उड़ाए: हिमाचल से लौटते समय बस में चोरी हुआ ATM कार्ड और मोबाइल; एक चूक से पकड़ा गया बदमाश
सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।


हरियाणा के रेवाड़ी में ITBP में तैनात सब इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन व ATM कार्ड चोरी कर उनके खाते से 2 लाख 59 हजार रुपए साफ कर दिए। सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल के अवैरी बैजनाथ निवासी रमेश चंद ITBP में रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित कैंप में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। रमेश चंद ने बताया कि कुछ समय पहले वह छुट्टी पर घर गए थे। छुट्टी खत्म होने के बाद वह ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए 28 दिसंबर को रेवाड़ी बस स्टैंड पहुंचे थे। बस स्टैंड से जाटूसाना जाने के लिए बस में सवार होते समय किसी ने भीड़ में उनका एटीएम व मोबाइल चोरी कर लिया। उसके बाद मोबाइल व एटीएम के जरिए ही खाते से 259000 हजार रुपए निकाल लिए।
जांच करने पर आरोपी की पहचान जाटव मोहल्ला रामपुरा निवासी लोकेश पालिया के रूप में हुई। जिसमें 20200 रुपए अपने अकाउंट में ड्रांसफर किए जबकि एक लाख रुपए खाते से निकाले गए। बाकी लेनदेन पेटीएम से किया गया। पूरी जानकारी हासिल करने के बाद रमेश चंद ने इसकी शिकायत बस स्टैंड चौकी पुलिस को दी। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी लोकेश पालिया की तलाश शुरू कर दी है। गुरुवार को पुलिस ने लोकेश के घर दबिश भी दी, लेकिन वह नहीं मिला। बस स्टैंड चौकी पुलिस के अनुसार जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
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पानीपत में रोका बाल विवाह: लड़का और लड़की दोनों थे नाबालिग, शपथ पत्र लेकर फिलहाल रोकी गई शादी
लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई तो लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है।


हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बाल विवाह रुकवाया है। अधिकारी ने सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को किया। लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई। जिसमें लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है। दोनों पक्षों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल शादी पर रोक लगा दी है। वहीं 4 जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद मामला कोट के संज्ञान में लाकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता के अनुसार
जानकारी देते हुए बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि उन्हें सूचना प्राप्त हुई की गांव नवादा पार में एक नाबालिग लड़की की शादी होनी है। सूचना मिलने पर वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वहां जाकर लड़की पक्ष से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान लड़की के सभी दस्तावेज चेक किए गए। लड़की के स्कूल के दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि मार्च 2005 की मिली। यानी दस्तावेजों के आधार पर लड़की अभी महज 16 साल की थी। इसके बाद लड़के पक्ष को फोन पर बात कर अपने कार्यालय बुलाया। जहां लड़का पक्ष मौजूद हुआ और लड़के के दस्तावेजों को चेक किया गया, जिसमें लड़का भी नाबालिग पाया गया। लड़के की उम्र दस्तावेजों के आधार पर 19 साल थी।
इन कारणों से हो रही थी बाल विवाह
लड़की के पिता ने बताया कि वह पेशे से श्रमिक हैं। यह अपनी बेटी की शादी गरीबी और अज्ञानता के चलते कर रहे थे। साथ ही वह खुद हार्ट पेशेंट है, उनकी तमन्ना थी कि उनके जीते जी उनकी बेटी की शादी हो जाए। वही लड़के पक्ष से लड़के का कहना है कि उसकी चार बड़ी बहने हैं, जो कि चारों विवाहित हैं। तीन भाई व एक छोटी बहन है। अब घर में कोई रोटी बनाने वाला नहीं था, क्योंकि मां की तबीयत सही नहीं रहती है। इसी के चलते वह शादी कर रहा था।
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बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं: थाने में युवक संग जाने को अड़ी 19 वर्षीय छात्रा, दो दिन पहले गई थी साथ
युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।


हरियाणा के रोहतक के जिले में कॉलेज से दो दिन पहले एक युवक संग गई युवती को पुलिस ने बरामद कर लिया। हालांकि युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
कॉलेज गई थी प्रवेश पत्र लेने
लाखन माजरा थाना क्षेत्र के एक गांव से छात्रा मंगलवार सुबह कॉलेज के लिए यह कहकर निकली थी कि आगामी परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र लेने जा रही हूं। उसके वापस न लौटने पर परिजनों ने काफी खोज खबर की।रातभर छात्रा की खोज-खबर करने के बाद बुधवार सुबह पुलिस को सूचना दी। छात्रा के पिता ने थाना लाखन माजरा में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने छात्रा व युवक को वीरवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। दोनों को थाना लाया गया। यहां छात्रा ने युवक संग जाने की रट लगा दी।
कोर्ट में होंगे पेश
मामले में थाना लाखन माजरा एसएचओ अब्दुल्ला खान का कहना है कि छात्रा बालिग है। छात्रा व युवक को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां उनके बयानों के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। युवक व छात्रा को कोर्ट ले जाने की तैयारी की जा रही है।
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