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तेज हो जाएगी इंटरनेट की स्पीड,भारत का सबसे वजनी सैटेलाइट GSAT-11 लांच
(ISRO) ने बताया कि करीब 5,854 किलोग्राम वजन का GSAT-11 देशभर में ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगा।
नई दिल्ली(नसीब सैनी) भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने बुधवार को अपने अब तक के सबसे वजनी सैटेलाइट का प्रक्षेपण कर दिया। भारतीय समयानुसार मगंलवार-बुधवार की रात में दक्षिणी अमेरिका के फ्रेंच गुयाना के एरियानेस्पेस के एरियाने-5 रॉकेट से ‘सबसे अधिक वजनी’ उपग्रह GSAT-11 को लॉन्च किया गया। सैटेलाइट बुधवार की तड़के सुबह 2 से साढ़े तीन बजे के आसपास लॉन्च किया गया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बताया कि करीब 5,854 किलोग्राम वजन का GSAT-11 देशभर में ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगा। यह ISRO का बनाया अब तक का ‘सबसे अधिक वजन’ वाला उपग्रह है।
सैटेलाइट की खास बातें और फायदा:
इस सैटेलाइट को इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए गेम चेंजर कहा जा रहा है। इस सैटेलाइट के काम शुरू करने के बाद देश में इंटरनेट स्पीड में क्रांति आ जाएगी। GSAT-11 के जरिए हर सेकंड 100 गीगाबाइट से ऊपर की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिलेगी।
GSAT-11 में 40 ट्रांसपोर्डर कू-बैंड और का-बैंड फ्रीक्वेंसी में है। इसकी सहायता से हाई बैंडविथ कनेक्टिविटी 14 गिगबाइट/सेकेंड डेटा ट्रांसफर स्पीड संभव है।
इस सैटलाइट की खास बात है कि यह बीम्स को कई बार प्रयोग करने में सक्षम है, जिससे पूरे देश के भौगोलिक क्षेत्र को कवर किया जा सकेगा। इससे पहले के जो सैटलाइट लॉन्च किए गए थे उसमें ब्रॉड सिंगल बीम का प्रयोग किया गया था जो इतने शक्तिशाली नहीं होते थे कि बहुत बड़े क्षेत्र को कवर कर सकें।
GSAT-11 में चार उच्च क्षमता वाले थ्रोपुट सैटलाइट हैं, जो अगले साल से देश में हर सेकंड 100 गीगाबाइट से ऊपर की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देंगें। ग्रामीण भारत में इंटरनेट क्रांति के लिहाज से यह सैटलाइट उल्लेखनीय कदम है।
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सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा अमृत महोत्सव के अंतर्गत 8 दिसंबर तक चलाया जा रहा है विशेष प्रचार अभियान : डीआईपीआरओ धर्मवीर सिंह
कैथल । जिला सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी धर्मवीर सिंह ने बताया कि विभाग के महानिदेशक अमित अग्रवाल के निर्देशानुसार तथा उपायुक्त प्रदीप दहिया के मार्ग दर्शन में प्रचार अभियान पूरे यौवन पर है। यह विशेष अभियान आगामी 8 दिसंबर तक चलाया जाएगा। कार्यालय द्वारा प्रिंट, इलैक्ट्रोनिक, सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार किया जा रहा है, वहीं भजन पार्टियों द्वारा गांव-गांव लोक गीतों के माध्यम से सरकार की नीतियों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
कार्यालय की पार्टियों द्वारा एक दिन में दो-दो गांव कवर किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभागीय पार्टी द्वारा 29 नवंबर को सजूमा, दीवाल, गुहणा, धुंधरेहड़ी, 30 नवंबर को चौसाला, चंदाना, वजीर नगर, कैलरम, एक दिसंबर को कलायत, खड़क पांडवा, रामगढ़, दो दिसंबर को जुलानी खेड़ा, बालु रापडिय़ा, बालु बिढ़ान, बालू गादड़ा, तीन दिसंबर को सौंगल, जाखौली दाबदल, माजरा, जाखौली कमान, चार दिसंबर को किठाना, माजरा, रोहेड़ा, खेड़ी तेलियां, छ: दिसंबर को किछाना, नरवल, कोटड़ा, संतोख माजरा, सात दिसंबर को कसान, सौंगरी, तारागढ़, गुलियाणा, आठ दिसंबर को खुरड़ा, राजौंद, खिड़कली, बीरबांगडा को कार्यक्रम किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा मुख्यमंत्री परिवार उत्थान योजना, परिवार पहचान पत्र योजना, जगमग योजना, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना, श्रम एवं किसान निधि योजना इत्यादि स्कीमों के बारे में भजनों और गीतों तथा इलैक्ट्रोनिक, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार किया जा रहा है। इतना ही नही आयोजित किए गए कार्यक्रमों के दौरान लोगों को कोरोना से बचाव के साथ-साथ डेंगू तथा मलेरिया इत्यादि से बचाव के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
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हरियाणा के MBA पास युवक ने नौकरी छोड़कर शुरू किया ये बिजनेस, आज कमाई लाखों में…
प्रदीप ने साल 2019 में उन्होंने अपना आउटलेट शुरू किया ही था की 2020 की शुरुआत में लॉकडाउन लग गया. वह कहते हैं कि उस समय उनके साथ सात कर्मचारी जुड़े हुए थे. उनका आउटलेट भले ही बंद था लेकिन उन्होंने सभी कर्मचारियों के रहने-खाने की व्यवस्था की और सभी को उनकी 75% सैलरी भी दी. इसके बाद, जिन किसानों से वह दूध ले रहे थे, उनसे उन्होंने कहा कि वे इस दूध का घी बनाकर रखें ताकि लॉकडाउन खुलने पर इसे काम में लिया जा सके.
रोहतक. आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिनका नाम प्रदीप है. प्रदीप ने नौकरी छोड़ने के बाद स्टार्टअप के तहत दूध का कारोबार शुरू किया और इससे वे महीने में लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. प्रदीप श्योराण हरियाणा के रहने वाले है. प्रदीप ने 2018 में अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर बागड़ी मिल्क पार्लर की शुरुआत की.
हालांकि पहले यह सिर्फ एक स्टॉल हुआ करता था, लेकिन आज रोहतक में उनका अच्छा-खासा आउटलेट भी है. जो कारोबार कभी सिर्फ दूध से शुरू हुआ था आज वो लगभग 20 तरह के अलग-अलग प्रोडक्ट्स तक पहुंच चुका है.
आज न केवल हरियाणा में बल्कि दिल्ली, पंजाब, राजस्थान से भी लोग प्रदीप के ‘बागड़ी मिल्क पार्लर’ पर आते हैं. उनके उत्पादों का आनंद लेते हैं. इस बारे में प्रदीप का कहना है कि छोटे-बड़े शहरों के पढ़े-लिखे और किसान परिवारों के युवा इस तरह से अपना खुद का काम करके अपने परिवार को आगे बढ़ा सकते हैं.
प्रदीप, मूल रूप से हरियाणा के चरखी दादरी जिला स्थित मांढी पिरानु गांव के निवासी हैं. वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते है और उनके पिता स्कूल में नौकरी करते थे. प्रदीप ने बताया कि उन्होंने ग्रैजुएशन पूरी की और सिविल परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली तब उन्होंने एमबीए में दाखिला ले लिया. एमबीए की डिग्री भी अच्छे नंबरों से पास की. लेकिन शुरुआत में वैसी नौकरी नहीं मिल पाई, जितनी एक युवा को पढ़ाई के दौरान उम्मीद होती है.
कुछ समय बाद उन्हें ह्वेल्स इलेक्ट्रिक में अच्छी नौकरी मिल गयी और 2018 तक वो उस कंपनी से जुड़े भी रहे. नौकरी में उनका कई बार प्रमोशन हुआ और सैलरी भी अच्छी खासी थी. लेकिन उन्हें इस काम से संतुष्टि नहीं मिल पा रही थी.कुछ समय बाद उन्हें ह्वेल्स इलेक्ट्रिक में अच्छी नौकरी मिल गयी और 2018 तक वो उस कंपनी से जुड़े भी रहे. नौकरी में उनका कई बार प्रमोशन हुआ और सैलरी भी अच्छी खासी थी. लेकिन उन्हें इस काम से संतुष्टि नहीं मिल पा रही थी.
प्रदीप ने तय कर लिया कि नौकरी छोड़कर किसी बिज़नेस की शुरुआत करेंगे. उनके पास अपनी कुछ सेविंग्स थी और कुछ घरवालों का सपोर्ट भी मिल गया. 2018 में नौकरी छोड़ कर उन्होंने लगभग 24 राज्यों में अलग-अलग किसानों, व्यवसायियों के यहां दौरा किया. क्योंकि बिज़नेस तो करना था, लेकिन कुछ ऐसा बिज़नेस जिसकी मार्किट में मांग हो और जो चलने वाला हो.प्रदीप ने तय कर लिया कि नौकरी छोड़कर किसी बिज़नेस की शुरुआत करेंगे. उनके पास अपनी कुछ सेविंग्स थी और कुछ घरवालों का सपोर्ट भी मिल गया. 2018 में नौकरी छोड़ कर उन्होंने लगभग 24 राज्यों में अलग-अलग किसानों, व्यवसायियों के यहां दौरा किया. क्योंकि बिज़नेस तो करना था, लेकिन कुछ ऐसा बिज़नेस जिसकी मार्किट में मांग हो और जो चलने वाला हो.
प्रदीप ने बताया कि अपने सभी दौरों से उन्हें एक ही बात समझ में आई कि किसान तीन तरह के बिज़नेस कर सकते हैं- पहला अनाज, दलहन आदि से, दूसरा दूध से और तीसरा अंडे आदि का. तो हमने दूध में आगे बढ़ने के बारे में सोचा.
रोहतक में दो बड़े पार्क हैं, जहां सुबह-शाम काफी भीड़ रहती है. इन्हीं पार्कों के बाहर अपना ‘बागड़ी मिल्क पार्लर’ लगाना शुरू किया. दिसंबर 2018 में हमने शुरुआत की तो सर्दियों के मौसम में गर्म दूध मिट्टी के कुल्हड़ में देते थे. उन्होंने सोचा कि लोग चाय तो पीते ही हैं तो हो सकता है हमारा दूध भी पी लें और देखते ही देखते सचमुच हमारा आईडिया काम कर गया.
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गुरुग्राम की सड़कों का हाल बदहाल , इतना बड़ा गड्ढा कि गिर गया सांड, निकालने के लिए बुलानी पड़ी JCB
विभाग ने इन गड्ढों को खोदकर इन्हें ढकना मुनासिब नहीं समझा. विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा अब आम लोगों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों को भी उठाना पड़ रहा है
गुरुग्राम के सोहना में एक सांड गड्ढों में फंस गया. सांड के फंसे जानें की खबर फैलते ही लोगों की भीड़ वहां पर पहुंच गई. लोगों ने पुलिस को भी मामले की सूचना दी. सांड को निकालने के लिए जेसीबी मंगवाई गई. जेसीबी की मदद से सांड को एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया. लोगों का कहना है कि विभाग की इलापरवाही का खामियाजा अब आम लोगों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों को भी उठाना पड़ रहा है.
इस मामले में लोगों ने कंपनी के खिलाफ एक शिकायत सोहना थाने में दी है. काफी समय से लोग इन गड्ढों की शिकायत कर रहे थे. इससे पहले भी कई हादसे इन गड्ढों के कारण में हो चुके हैं. लोगों का कहना है कि एक निजी कंपनी ने एक नई लाइन दमदमा रोड से जीएलएस तक डाली है. जिसके लिए विभाग ने जगह-जगह पर गहरे गहरे गड्ढे खोदे हुए हैं.
मौके पर पुलिस को भी सूचना दी गई. पुलिस ने भी मौके पर आकर इस सांड को बाहर निकलवाया. लोगों ने बताया कि इससे पहले भी इन गड्ढों में एक बाइक सवार बुरी तरह घायल हो गया था. शिकायतों के बाद भी विभाग इन गड्ढों को नहीं भर रहा जो कि लोगों के लिए एक हादसे का कारण बन रही है. इसको लेकर कई बार शिकायत दी जा चुकी है. इससे पहले भी कई हादसे इन गड्ढों के कारण हो चुके हैं.
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