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कैंट रेलवे स्टेशन पर चोर गिरोह सक्रिय: कैंट स्टेशन पर 3 साल में चोरी की 560 वारदात, सीसीटीवी सिर्फ नाम के…
ट्रेनों में बढ़ रहीं वारदात, कहने काे तो स्टेशन पर 47 सीसीटीवी कैमरे लेकिन एंट्रेस व भीड़ वाली जगहों पर केवल 3
कैंट रेलवे स्टेशन परिसर के अंदर और यहां से गुजरती ट्रेनाें में झपटमारी व चाेरी की वारदात हाेना आम हाेता जा रहा है। आंकड़ाें की बात करें ताे कैंट जीआरपी के एरिया में 3 साल में विभिन्न तरह के अपराध से जुड़ी 695 वारदात हो चुकी हैं। इनमें से करीब 560 वारदात कैंट रेलवे स्टेशन से होकर गुजरी ट्रेनों में चोरी की हैं। इन सबके बावजूद अपराधियाें की पहचान और सुरक्षा के लिए लगाए कैमराें के बंदाेबस्त की अनदेखी की जा रही है। नतीजा यह है कि आरोपी आराम से यहां वारदात कर फरार हो जाते हैं।
जीआरपी या आरपीएफ उन्हीं झपटमार को पकड़ पाती है जिन्हें यात्री चोरी का पता चलने पर मौके पर पकड़ लेता है। इसलिए ट्रेनों में यात्रियों के जेवरात व मोबाइल चोरी के मामले अनसुलझे हैं। साल 2017 में जीआरपी थाने में 479, साल 2018 में 396, साल 2019 में 431, साल 2020 में 89 और साल 2021 में 176 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इन वारदात के बावजूद कैंट की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया नहीं जा रहा।
रेलवे स्टेशन परिसर के बाहर नजर रखने के लिए 3 सीसीटीवी कैमरे
कैंट स्टेशन पर बाहर के एरिया काे कवर करने के लिए रेलवे की ओर से महज 4 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पहला कैमरा यूटीएस काउंटर के पास, दूसरा रेलवे स्टेशन के मुख्य गेट, तीसरा आरपीएफ पोस्ट के पास व चौथा यार्ड की तरफ जाने वाले रास्ते पर बिल्डिंग पर लगा है। यह कैमरे मूव नहीं करते। एक जगह पर सेट की गई लोकेशन को ही कैद कर रहे हैं। यूटीएस काउंटर के बाहर लगे कैमरे से काउंटर के अंदर जाने वाला रास्ता कवर हो रहा है। दूसरे सीसीटीवी से स्टेशन के मेन गेट पर स्टेशन के अंदर से आने वाले यात्रियों को कवर किया गया है। तीसरे कैमरे से मेन गेट की तरफ से आने वाले यात्रियों को कवर किया जा रहा है।
रिजर्वेशन सेंटर भी रामभरोसे
कैंट रेलवे स्टेशन परिसर में रिजर्वेशन सेंटर बना हुआ है, लेकिन यहां भी कैमरा नहीं है। यहां कौन व्यक्ति आ-जा रहा है, इसका पता नहीं चल पाता। जबकि यह रेलवे का महत्वपूर्ण परिसर है, जिसमें दिनभर टिकट बुकिंग के लिए लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इसके अलावा तत्काल टिकट के लिए भी लंबी लाइनें लगती हैं।
ये ऐसे प्वाइंट जहां कैमरे ही नहीं
कैंट रेलवे स्टेशन के सामने हाईवे से स्टेशन में जाने के लिए 2 बड़े रास्ते और बीच में से एक छोटा रास्ता है। इन तीनों रास्ताें पर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है। इसलिए शातिर लोग इन रास्ताें से आसानी से कैंट स्टेशन में दाखिल हाे जाते हैं और वारदात को अंजाम देकर आसाीन से बाहर निकल जाते हैं। हाईवे किनारे सीआईए रेलवे के दफ्तर से भी एक रास्ता आरएमएस कार्यालय की तरफ जा रहा है, जहां से भी वेटिंग हाॅल से हाेते हुए स्टेशन में दाखिल हुआ जा सकता है।
इस रास्ते पर भी कैमरा नहीं है। इसके अलावा रेलवे के अधिकारी रेस्ट हाउस वाले रास्ते से पार्सल बुकिंग सेंटर तक के रास्ते पर भी सीसीटीवी नहीं लगा है। हालांकि, रेलवे कर्मियों की पार्किंग स्थल के सामने एक बिल्डिंग पर कैमरा लगा है लेकिन उससे पूरा एरिया कवर नहीं होता। इसके अलावा सीसीटीवी बहुत दूर होने से अपराधी को पहचान पाना भी मुश्किल है।
विस्फोटक सामग्री के मामले में आरपीएफ व जीआरपी के हाथ खाली
कैंट रेलवे स्टेशन में दहशतगर्दों की ओर से साल 2012 में ऐसी वारदात विफल हो चुकी हैं, जिससे बड़ा नुकसान हो सकता था। पार्किंग में खड़ी कार में विस्फोटक सामग्री बरामद हो चुकी है। स्टेशन पर सीसीटीवी की कमी की वजह से कार पार्किंग में कार खड़ी करके जाने वाले का कुछ भी सुराग आज तक नहीं लगा पाया है।
ट्रेनों में चोरी रोकने के लिए हमने टीम बनाई है, कैमरों की व्यवस्था रेलवे को करनी है : आरपीएफ इंस्पेक्टर
आरपीएफ इंस्पेक्टर राजेंद्र हुड्डा ने बताया कि कैंट स्टेशन पर 47 जगहों पर सीसीटीवी रेलवे ने लगाए हैं, जिसमें से करीब 40 कैमरे चल रहे हैं। स्टेशन परिसर के बाहर के एरिया काे कवर करने के लिए 3 कैमरे हैं। चाैथा कैमरा स्टेशन के अंदर से बाहर आने वाले यात्रियाें काे कवर करता है। एरिया कवर करने के लिए और कैमरे लगाने की व्यवस्था करना रेलवे का काम है। हमने चोरी की वारदात को रोकने के लिए 5 सदस्यीय टीम बना रखी है, जो अपराधियों को पकड़ने में जुटी है। कई वारदात सुलझाई भी जा चुकी हैं। दिल्ली या मुंबई जैसे शहरों में किसी ऐसे गैंग का इन चोरियों के पीछे हाथ नहीं पाया गया है।
ट्रेनों में आरपीएफ की सुरक्षा रहती है : एसएचओ
जीआरपी कैंट के एसएचओ धर्मबीर सिंह ने बताया कि ट्रेनें जब आउटर पर पहुंचती हैं तो अपराधी ट्रेन से उतर जाते हैं। इसलिए ऐसे ओपन जगह में अपराधी पकड़ में नहीं आते। ट्रेनों में आरपीएफ की सुरक्षा रहती है। ट्रेनों में समय-समय में आरपीएफ-जीआरपी के साथ चेकिंग करती हैं ताकि अपराधी को पकड़ा जा सके।
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जय श्रीराम पर ममता का स्पष्टीकरण बंगालवासियों की जीत : कैलाश विजवर्गीय
जब पूरे देश में इसकी आलोचना हुई तो शनिवार को फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर ममता बनर्जी ने सफाई दी ………………
कोलकाता,(नसीब सैनी)।
जय श्रीराम के नारे को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दी गई सफाई पर भाजपा ने पलटवार किया है। पार्टी के महासचिव और प्रदेश इकाई के प्रभारी कैलाश विजवर्गीय ने एक ट्वीट के जरिए ममता बनर्जी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि जय श्रीराम को लेकर ममता बनर्जी की सफाई बंगालवासियों की जीत की तरह है। इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री को ग्लानि है। इसके साथ ही उन्होंने ममता पर झूठ बोलने का भी आरोप लगाया।
विजयवर्गीय ने ट्वीट किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कह रही हैं कि उन्हें ‘जय श्री राम’ से कोई आपत्ति नहीं है, तो फिर वह कौन थी जो आपत्ति कर रही थी, भूत-प्रेत या कोई आत्मा?? सच तो यह है कि बंगाल की जनता ने ममता बैनर्जी को झुकने पर मजबूर कर दिया है, यह बंगाल की जनता की जीत है।।।जय श्रीराम।।” उल्लेखनीय है कि गत गुरुवार को अपने काफिले के सामने जय श्रीराम का नारा लगाने वाले लोगों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चमड़ी उतारने की चेतावनी दी थी। इसके साथ ही उन्होंने नारेबाजी कर रहे लोगों को गालियां भी दी थी।
जब पूरे देश में इसकी आलोचना हुई तो शनिवार को फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर ममता बनर्जी ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि उन्हें जय श्रीराम के नारे से कोई समस्या नहीं है। भाजपा इसका राजनीतिक इस्तेमाल करती है और इसके खिलाफ वह लड़ाई लड़ेंगी।
नसीब सैनी
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मणिपुर में हवाई सेवा की शुरुआत
इंफाल। मणिपुर के आकाश में अब हेलीकॉप्टर उड़ते देखे जा सकेंगे। बुधवार से मणिपुर में हेलीकॉप्टर सेवा के औपचारिक रूप से शुरुआत हुई। पहली बार बुधवार को पवन हंस नामक कंपनी द्वारा हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की गई है।
पहले दिन बुधवार को यह हेलीकॉप्टर इंफाल से जिले जिरीबाम तक उड़ाया जा रहा है, जिसमें सात यात्री सवार हुए हैं। इस हेलीकॉप्टर सेवा के शुरू होने से मणिपुर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में लोगों को आसानी होगी। दुर्गम पहाड़ियों में रास्ते नहीं होने की वजह से पूरे राज्य में लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरे पूर्वोत्तर राज्य में आवागमन की सुविधा को बढ़ाने के लिए विशेष स्तर पर कार्य कर रही है। इसी कड़ी में मणिपुर में बुधवार से शुरू हुई हेलीकॉप्टर सेवा को देखा जा सकता है। इस सेवा के शुरू होने को लेकर राज्य की जनता के बीच व्यापक हर्ष का माहौल है।
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GST revised rates: Now, pay less for eating out and ordering food
Eating out in hotels and restaurants will become cheaper from today (15 November) with the Goods and Service Tax Council having slashed rates to five percent from 12 and 18 percent earlier. Be it eating in restaurants or ordering takeaways, the tax will be the same, ie, 5 percent. However, there is no formal notification from the government as yet.
A uniform 5 percent tax was prescribed by the council for all restaurants, both air-conditioned and non-AC. Union Finance Minister Arun Jaitley said that the Input Tax Credit (ITC) benefit given to restaurants was meant to be passed on to the customers.
Currently, 12 percent GST on food bill is levied in non-AC restaurants and 18 percent in air-conditioned ones. All these got input tax credit, a facility to set off tax paid on inputs with final tax. The council said the restaurants, however, did not pass on the input tax credit (ITC) to customers and so the ITC facility is being withdrawn and a uniform 5 percent tax is levied on all restaurants without the distinction of AC or non-AC.
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