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देवरिया लोकसभा क्षेत्र: सपा-बसपा में गठबंधन के बाद मुकाबला हुआ रोचक
कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था देवरिया लोकसभा क्षेत्र
मध्यावधि चुनाव समेत 6 बार जीत का डंका बजा चुके हैं कांग्रेसी सांसद
गोरखपुर/देवरिया। 2019 के लोक सभा चुनाव में देवरिया संसदीय सीट भाजपा के लिए बेहद अहम है क्योंकि यह संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह मंडल का क्षेत्र है। पिछले चुनाव में बीजेपी को शानदार जीत मिली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में सत्ता में फिर से लौटने के लिए बीजेपी को यह सीट हर हाल में जीतनी होगी, लेकिन आम चुनाव से पहले सपा-बसपा के बीच चुनावी गठबंधन के बाद मुकाबला रोचक हो गया है।
जनपद देवरिया संत विनोबा व बाबा राघव दास की कर्म स्थली के साथ-साथ महान संत देवरहवा बाबा की तपोस्थली रही है। इस जनपद का देवरिया लोक सभा क्षेत्र उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों में एक है। देवरिया जिला उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। गोरखपुर के पूर्व-दक्षिण के कुछ हिस्से को अलग करके 16 मार्च 1946 को यह जनपद के रूप में अस्तित्व में आया। देवरिया लोक सभा का इतिहास काफी पुराना है। यहां से पहली बार 1952 में विश्वनाथ राय ने कांग्रेस से चुनाव जीत कर जिले के इतिहास में पहले सांसद के रूप में अपना नाम दर्ज करवा लिया। वर्ष 1989-90 तक इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा। मगर उस दौर में भी 1957 के लोक सभा चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के रामजी वर्मा ने कांग्रेस के विश्वनाथ राय को चुनाव हराया था। 1962 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस के विश्वनाथ राय ने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी अशोका रनजीत्रम मेहता को 19241 मतों के अन्तर से हराकर पुनः शानदार वापसी की। वह इसके बाद लगातार 15 वर्षों तक सांसद रहे।
1977 में हुए 6वीं लोकसभा के चुनाव में जनता के बीच कांग्रेस का विरोध चरम पर था। इस चुनाव में भारतीय लोक दल के उग्रसेन को 258864 वोट के रूप में जनसमर्थन मिला। कांग्रेस के विश्वनाथ राय को महज 76691 मत पाकर संतोष करना पड़ा। इस चुनाव में उग्रसेन ने 182173 वोट से विश्वनाथ को हराया था। इसके बाद कांग्रेस ने 1980 के चुनाव में रमायन राय पर दांव लगाया। इस कांग्रेसी नेता ने जनता पार्टी के रामधारी शास्त्री को हराकर एक बार फिर इस सीट को कांग्रेस की झोली में डाल दिया। 1984 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर अपना प्रत्याशी बदला। इस चुनावी दंगल में कांग्रेस ने देवरिया डिस्ट्रिक बोर्ड के पूर्व चेयरमैन राजमंगल पाण्डेय को उतारा। वह ब्राम्हणों के बड़े नेता माने जाते थे। उन्होंने रामधारी शास्त्री को हराया। इसके बाद से अब तक लगातार कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा है।
1889 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर प्रत्याशी बदल कर चुनाव लड़ा। इस बार चुनावी जंग में कांग्रेस ने शशी शर्मा पर दांव लगाया लेकिन यह दांव सफल नहीं रहा। कांग्रेस के अपने ही पुराने नेता राजमंगल पाण्डेय ने जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए शशी शर्मा को चुनावी शिकस्त दी। कांग्रेस को यह ऐसी शिकस्त मिली कि 1991 से लेकर 2014 तक के होने वाले लोक सभा चुनाव में हार तो दूर तीसरे व चौथे पायदान पर ही संतोष करना पड़ा। 1991 में इस सीट पर जनता दल ने बाबू मोहन सिंह पर दांव लगाया। मोहन सिंह भाजपा प्रत्याशी गोविन्द प्रसाद राय को 17177 वोटों से चुनाव हराकर पहली बार सांसद बने।
1996 लोस चुनाव: सबसे पहले प्रकाश ने खिलाया कमल
देवरिया लोक सभा सीट पर सबसे पहले कमल खिलाने वाले सांसद थल सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश मणि त्रिपाठी हैं। वर्ष 1996 के लोक सभा चुनाव में भाजपा ने त्रिपाठी पर दांव लगाया। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे श्री त्रिपाठी ने जनता दल के नन्द किशोर सिंह को चुनावी शिकस्त दी। इसके साथ ही 1996 के चुनाव में भाजपा लोक सभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। 1998 में मध्यावधि चुनाव हुआ। इस समय तक बाबू मोहन सिंह समाजवादी पार्टी में आ गये थे। देवरिया लोक सभा सीट से सपा ने मोहन सिंह पर दांव लगाया। भाजपा ने एक बार फिर प्रकाश मणि त्रिपाठी पर विश्वास किया। यह चुनाव काफी रोचक रहा। दोनों प्रत्याशी पूर्व में एक-एक बार सांसद रह चुके थे। मगर इस चुनाव में श्री त्रिपाठी को कामयाबी नहीं मिली। सपा के मोहन सिंह ने महज 4068 मतों से भाजपा प्रत्याशी को चुनावी शिकस्त दी।
चन्द दिनों बाद 1999 में फिर लोक सभा चुनाव का बिगुल बजा। भाजपा और सपा ने अपने-अपने पुराने चेहरों पर ही दांव लगाया। इस बार फिर चुनावी रण में दोनों दिग्गज नेताओं ने अपनी-अपनी तरफ से हुंकार भरी। इस बार के चुनाव में प्रकाश मणि ने बाबू मोहन सिंह को 42141 मतों के अन्तर से चुनाव हराकर कमल खिलाया। इस जीत के साथ देश में पहली बार भाजपा की सरकार बनी। स्व. अटल विहारी बाजपेयी प्रधान मंत्री बने। 2004 के लोक सभा चुनाव में भाजपा व सपा ने एक बार फिर अपने-अपने पुराने चेहरों पर भरोसा जताया। इस चुनाव में बाबू मोहन सिंह ने प्रकाश मणि त्रिपाठी को 52226 मतों के अन्तर से चुनाव हरा दिया।
2009 में जब चुनावी रण सजकर तैयार हुआ तो एक बार फिर भाजपा से प्रकाश मणि त्रिपाठी व सपा से मोहन सिंह चुनावी अखाड़े में उतरे। इस चुनाव का परिणाम बेहद अलग था। इस चुनाव में बाबू मोहन सिंह व प्रकाश मणि दोनों को हार का सामना करना पड़ा। जीत का सेहरा बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे गोरख प्रसाद जायसवाल के सिर पर सजा। बसपा के गोरख प्रसाद जायसवाल से भाजपा प्रत्याशी प्रकाश मणि को 41779 मतों के अन्तर से हार का सामना करना पड़ा। इसी जीत के साथ देवरिया लोक सभा पर बसपा का खाता खुला। बाबू मोहन सिंह तीसरे नम्बर पर रहे। पांच साल सांसद रहने के साथ ही गोरख प्रसाद जायसवाल ने राजनीति से संन्यास ले लिया।
2014 के लोक सभा संग्राम में भाजपा ने स्थानीय चेहरों पर विश्वास करने से परहेज किया। पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने भाजपा के कद्दावर नेता कलराज मिश्रा को चुनावी अखाड़े में उतारा। इस समय तक मोदी लहर चरम पर थी। कांग्रेस ने सभाकुवर व सपा ने बालेश्वर यादव पर दांव लगाया। बसपा ने नियाज अहमद को हाथी पर सवार किया।
मोदी लहर में कलराज मिश्रा को ऐतिहासिक जीत मिली। इस चुनाव में कलराज मिश्रा को 496500 जनमत मिला जबकि दूसरे नम्बर पर रहे बसपा प्रत्याशी नियाज अहमद को 231114 मत पाकर संतोष करना पड़ा। इस चुनाव में कलराज मिश्रा ने 265386 मतों के भारी अन्तर से बसपा प्रत्याशी को हराया। देवरिया लोक सभा के इतिहास में यह सबसे बड़ी जीत रही। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद कलराज मिश्रा 3 सितम्बर, 2017 तक लघु, कुटीर और मध्यम उपक्रम मंत्रालय में मंत्री रहे।
नसीब सैनी / अभिषेक मेहरा
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ITBP सब इंस्पेक्टर के खाते से 2.59 लाख उड़ाए: हिमाचल से लौटते समय बस में चोरी हुआ ATM कार्ड और मोबाइल; एक चूक से पकड़ा गया बदमाश
सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
हरियाणा के रेवाड़ी में ITBP में तैनात सब इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन व ATM कार्ड चोरी कर उनके खाते से 2 लाख 59 हजार रुपए साफ कर दिए। सब इंस्पेक्टर हिमाचल के रहने वाले है और रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित आईटीबीपी के कैंप में तैनात है। रेवाड़ी बस स्टैंड चौकी पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल के अवैरी बैजनाथ निवासी रमेश चंद ITBP में रेवाड़ी के जाटूसाना स्थित कैंप में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। रमेश चंद ने बताया कि कुछ समय पहले वह छुट्टी पर घर गए थे। छुट्टी खत्म होने के बाद वह ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए 28 दिसंबर को रेवाड़ी बस स्टैंड पहुंचे थे। बस स्टैंड से जाटूसाना जाने के लिए बस में सवार होते समय किसी ने भीड़ में उनका एटीएम व मोबाइल चोरी कर लिया। उसके बाद मोबाइल व एटीएम के जरिए ही खाते से 259000 हजार रुपए निकाल लिए।
जांच करने पर आरोपी की पहचान जाटव मोहल्ला रामपुरा निवासी लोकेश पालिया के रूप में हुई। जिसमें 20200 रुपए अपने अकाउंट में ड्रांसफर किए जबकि एक लाख रुपए खाते से निकाले गए। बाकी लेनदेन पेटीएम से किया गया। पूरी जानकारी हासिल करने के बाद रमेश चंद ने इसकी शिकायत बस स्टैंड चौकी पुलिस को दी। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी लोकेश पालिया की तलाश शुरू कर दी है। गुरुवार को पुलिस ने लोकेश के घर दबिश भी दी, लेकिन वह नहीं मिला। बस स्टैंड चौकी पुलिस के अनुसार जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
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पानीपत में रोका बाल विवाह: लड़का और लड़की दोनों थे नाबालिग, शपथ पत्र लेकर फिलहाल रोकी गई शादी
लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई तो लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है।
हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बाल विवाह रुकवाया है। अधिकारी ने सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को किया। लड़का व लड़की दोनों के स्कूली दस्तावेजों की जांच की गई। जिसमें लड़की की उम्र 16 साल व लड़के की उम्र 19 साल पाई गई। दोनों ही अभी शादी के योग्य नहीं थे। परिवार वालों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल इस शादी को रोक दिया गया है। दोनों पक्षों से शपथ पत्र लेकर फिलहाल शादी पर रोक लगा दी है। वहीं 4 जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद मामला कोट के संज्ञान में लाकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता के अनुसार
जानकारी देते हुए बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि उन्हें सूचना प्राप्त हुई की गांव नवादा पार में एक नाबालिग लड़की की शादी होनी है। सूचना मिलने पर वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वहां जाकर लड़की पक्ष से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान लड़की के सभी दस्तावेज चेक किए गए। लड़की के स्कूल के दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि मार्च 2005 की मिली। यानी दस्तावेजों के आधार पर लड़की अभी महज 16 साल की थी। इसके बाद लड़के पक्ष को फोन पर बात कर अपने कार्यालय बुलाया। जहां लड़का पक्ष मौजूद हुआ और लड़के के दस्तावेजों को चेक किया गया, जिसमें लड़का भी नाबालिग पाया गया। लड़के की उम्र दस्तावेजों के आधार पर 19 साल थी।
इन कारणों से हो रही थी बाल विवाह
लड़की के पिता ने बताया कि वह पेशे से श्रमिक हैं। यह अपनी बेटी की शादी गरीबी और अज्ञानता के चलते कर रहे थे। साथ ही वह खुद हार्ट पेशेंट है, उनकी तमन्ना थी कि उनके जीते जी उनकी बेटी की शादी हो जाए। वही लड़के पक्ष से लड़के का कहना है कि उसकी चार बड़ी बहने हैं, जो कि चारों विवाहित हैं। तीन भाई व एक छोटी बहन है। अब घर में कोई रोटी बनाने वाला नहीं था, क्योंकि मां की तबीयत सही नहीं रहती है। इसी के चलते वह शादी कर रहा था।
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बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं: थाने में युवक संग जाने को अड़ी 19 वर्षीय छात्रा, दो दिन पहले गई थी साथ
युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
हरियाणा के रोहतक के जिले में कॉलेज से दो दिन पहले एक युवक संग गई युवती को पुलिस ने बरामद कर लिया। हालांकि युवती ने पुलिस से साफ कह दिया कि वह युवक के साथ ही जाएगी। पुलिस और परिजनों के सामझाने पर वह नहीं मानी। छात्रा ने परिजनों की सब दलीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं बालिग हूं, मेरी मर्जी जहां जाऊं।
कॉलेज गई थी प्रवेश पत्र लेने
लाखन माजरा थाना क्षेत्र के एक गांव से छात्रा मंगलवार सुबह कॉलेज के लिए यह कहकर निकली थी कि आगामी परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र लेने जा रही हूं। उसके वापस न लौटने पर परिजनों ने काफी खोज खबर की।रातभर छात्रा की खोज-खबर करने के बाद बुधवार सुबह पुलिस को सूचना दी। छात्रा के पिता ने थाना लाखन माजरा में बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने छात्रा व युवक को वीरवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। दोनों को थाना लाया गया। यहां छात्रा ने युवक संग जाने की रट लगा दी।
कोर्ट में होंगे पेश
मामले में थाना लाखन माजरा एसएचओ अब्दुल्ला खान का कहना है कि छात्रा बालिग है। छात्रा व युवक को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां उनके बयानों के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। युवक व छात्रा को कोर्ट ले जाने की तैयारी की जा रही है।
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