उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने ई-आफिस प्रणाली का किया शुभारंभ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और शुचिता के लिए ई-आफिस योजना का शुभारंभ कर दिया है। प्रारंभिक चरण में यह योजना मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव कार्यालय सहित राज्य के 22 कार्यालयों में लागू की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रणाली के लागू होने के बाद प्रदेश की 22 करोड़ जनता को सुविधा महसूस होगी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता के प्रति जवाबदेही का सबसे सशक्त माध्यम ई-आफिस प्रणाली है। उनका कहना था कि प्रारंभ में इसमें कुछ परेशानी आ सकती है पर उसके बाद इसके परिणाम काफी सकारात्मक होंगे।
योगी ने कहा कि प्रारंभ में यह प्रणाली 22 विभागों में लागू की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ऐसी व्यवस्था करें कि आगामी 1 जनवरी 2018 से लखनऊ के सभी कार्यालयों में तथा 1 अप्रैल 2018 से मंडल मुख्यालयों पर इस प्रणाली को लागू किया जा सके। इस प्रणाली के लागू होने के बाद सरकारी कार्यप्रणाली में समयबद्धता आ सकेगी।

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नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में प्रसपा (लोहिया) के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
–सीसीए से देश की एकता-अखंडता को खतरा, तत्काल लिया जाए वापस: शिवपाल यादव- प्रदर्शन के दौरान प्रसपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प, बैरिकेडिंग पर चढ़ने की कोशिश


लखनऊ,(नसीब सैनी)।
नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के विरोध में देश भर में हो रहे प्रदर्शन के बीच बुधवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने भी इस पर अपना विरोध दर्ज कराया। पार्टी प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं के साथ कार्यालय के बाहर उपवास रखकर धरना-प्रदर्शन किया।

प्रसपा प्रमुख ने इस दौरान कार्यकर्ताओं के साथ जीपीओ तक पैदल मार्च का ऐलान किया। इसको देखते हुए वहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया। विधानमंडल सत्र के कारण पुलिस बेहद सतर्कता बरत रही है। प्रदर्शन के दौरान प्रसपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई और उन्होंने बैरिकेडिंग पर चढ़कर आगे जाने की कोशिश की। इस पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका और गिरफ्तार किया। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

इस दौरान शिवपाल यादव ने कहा कि हमने देश में अमन और शांति के लिए उपवास रखा है। नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के खिलाफ पूरे देश में विरोध ही नहीं विद्रोह की स्थिति है। सरकार को इसे तत्काल वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीसीए देश हित में नहीं है। इस कानून से देश की एकता और अखंडता को खतरा है। इसलिए हम इसका विरोध करते हैं। प्रसपा प्रमुख ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते ही संविधान बचाओ-देश बचाओ नारे के साथ विरोध किया जा रहा है। सीएए में मुस्लिमों को सूची से बाहर किया जाना न्याय नहीं है। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि देश में साम्प्रदायिक विभाजन बढ़ रहा है। पूर्वोत्तर से लेकर देश की हिन्दी पट्टी में विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं। पूर्वोत्तर में विरोध से आगे बढकर विद्रोह की स्थिति है।

उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी कानून जो सामाजिक सद्भाव, समाजवाद, पंथ निरपेक्षता व संविधान की प्रस्तावना में निहित मूल्यों के विरुद्ध है, अमानवीय, असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक है और मेरी उससे असहमति है। संवैधानिक दायरे में रहकर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध दर्ज करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्होंने लोगों से शांति व साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की भी अपील की और कहा कि हमारे असंतोष का लाभ साम्प्रदायिक शक्तियां न उठा सकें।
इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में विकास ठप है। भ्रष्टाचार, दुष्कर्म, भुखमरी जैसी घटनाओं से मुकाबला करने में सरकार फेल साबित हो रही है। किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं।
नसीब सैनी
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बिजनौर कोर्ट शूटकांड : हाईकोर्ट ने डीजीपी और अपर मुख्य सचिव (गृह) को किया तलब
—दरअसल, बिजनौर में 28 मई को नजीबाबाद में हुई बसपा नेता हाजी अहसान व उनके भांजे शादाब की हत्या के मुख्य अभियुक्त कुख्यात बदमाश शाहनवाज और उसके साथी जब्बार को पेशी के लिए मंगलवार को दिल्ली पुलिस सीजेएम कोर्ट लायी थी


प्रयागराज,(नसीब सैनी)।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को बिजनौर सीजीएम कोर्ट में हुए हत्याकांड को संज्ञान में लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव (गृह) को 20 दिसम्बर को तलब किया है। कोर्ट ने कहा है कि जब वह आयें तो सरकार की ओर से न्यायालय की सुरक्षा को लेकर क्या इंतजाम किया गया है, इसके बारे में कोर्ट को बताएं। जस्टिस सुधीर अग्रवाल व जस्टिस सुनीत कुमार की विशेष खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए पूछा है कि इस घटना के बाद अब आने वाले दिनों में न्यायालय परिसर की सुरक्षा के लिए उनके पास क्या इंतजाम हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर उनके स्तर पर न्यायालय में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था नहीं दी जा सकती तो इसके लिए केंद्र सरकार से बात की जाए।

दरअसल, बिजनौर में 28 मई को नजीबाबाद में हुई बसपा नेता हाजी अहसान व उनके भांजे शादाब की हत्या के मुख्य अभियुक्त कुख्यात बदमाश शाहनवाज और उसके साथी जब्बार को पेशी के लिए मंगलवार को दिल्ली पुलिस सीजेएम कोर्ट लायी थी। पेशी के दौरान परिसर में मौजूद मृतक हाजी अहसान की दूसरी पत्नी के पुत्र शाहिल खान ने अपने दो साथियों के संग सीजेएम कोर्ट के अंदर पिस्टलों से गोलियां बरसाकर मुख्य अभियुक्त शाहनवाज की हत्या कर दी। इसमें दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।

प्रत्यक्षदिर्शियों के मुताबिक सीजेएम योगेश कुमार ने मेज के पीछे छिपकर जान बचाई। शाहनवाज का साथी जब्बार कोर्ट से फरार हो गया। इस घटना से कोर्ट परिसर में हड़कम्प मच गया था। पुलिस की सतर्कता से तीनों आरोपितों को दबोच लिया गया था। इस मामले में एसपी संजीव त्यागी ने लापरवाही बरतने वाले चौकी प्रभारी समेत 18 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है।
नसीब सैनी
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बिजनौर कोर्ट रूम में हुई हत्या मामले में चौकी प्रभारी समेत 18 पुलिसकर्मी सस्पेंड
—एसपी ने बताया कि कोर्ट में दिनदहाड़े कुख्यात बदमाश शाहनवाज की हत्या के बाद जजी परिसर में सुरक्षा की पोल खुल गई है


बिजनौर,(नसीब सैनी)।
सीजेएम कोर्ट रूम में मंगलवार को पेशी पर आये मुख्तार अंसारी के गुर्गे की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में बुधवार को पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने लापरवाही बरतने पर कचहरी पुलिस चौकी चौकी प्रभारी समेत 18 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है।

एसपी ने बताया कि 28 मई को बसपा नेता एवं प्रापर्टी हाजी अहसान व उनके भांजे शादाब की सम्पति के विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार जेल भेज दिया था। जबकि मुख्य आरोपित शाहनवाज और उसका साथी ने दिल्ली की कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। मंगलवार को दोनों अभियुक्तों को दिल्ली पुलिस पेशी के लिए सीजेएम कोर्ट लेकर आयी थी। बताया जा रहा है कि इस दौरान अहसान की दूसरी पत्नी के बेटे शाहील ने अपने दो साथियों के साथ कोर्ट परिसर में अभियुक्तों पर ताबड़तोड़ गोली चला दी। इसमें मुख्य अभियुक्त शाहनवाज की मौत हो गई। दो पुलिसकर्मी भी गोली लगने से घायल हुए। फायरिंग से कोर्ट रूम में हड़कम्प मच गया तो शाहनवाज का दूसरा साथी जब्बार मौके से भाग निकला। वहीं, वारदात को अंजाम देने के बाद भाग रहे आरोपितों को पुलिस ने दबोच लिया। आला-ए कत्ल भी बरामद कर लिया गया।

एसपी ने बताया कि कोर्ट में दिनदहाड़े कुख्यात बदमाश शाहनवाज की हत्या के बाद जजी परिसर में सुरक्षा की पोल खुल गई है। जिन पिस्टलों से शाहनवाज की हत्या की गई है, उसे कोर्ट परिसर में एक महिला लेकर पहुंची थी। और शूटरों को पिस्टल सौंप दी थी। लेकिन कहीं पर भी चेकिंग में उसे पकड़ा नहीं जा सका। इसमें पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इसी के मद्देनजर जजी चौकी प्रभारी समेत 18 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ यह भी बताया कि पकड़े गए अभियुक्त तीनों एक दूसरे को अपना दोस्त बता रहे हैं। पुलिस तीनों से गहराई से पूछताछ करने में जुटी है। पुलिस तीनों से यह भी पता लगाने में जुटी है कि कोर्ट परिसर में उनके पास पिस्टल कहां से आए और कौन लोग उनके साथ थे। कब से वे हत्या की योजना बना रहे थे। यह सभी बिन्दुओं पर जांच की जा रही है।
नसीब सैनी
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